Varanasi News : 'जनज्वार' की खबर का असर : श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा के घाटों पर हो बैरीकेडिंग, DCP ने नगर आयुक्त को लिखा पत्र

Varanasi News : डीसीपी ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि जलासेन और ललिता घाट पर जमीन दलदल होने के साथ ही पानी की गहराई अधिक है, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इसके बारे में जानकारी नहीं है....

Update: 2022-04-22 10:00 GMT

Varanasi News : 'जनज्वार' की खबर का असर : श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा के घाटों पर हो बैरीकेडिंग, DCP ने नगर आयुक्त को लिखा पत्र

Varanasi News : वाराणसी के काशी जोन के डीसीपी आरएस गौतम ने गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर नगर आयुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होने कई गई कार्रवाई से अवगत कराने को भी कहा है। बता दें कि 'जनज्वार' ने हाल ही में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं के डूबने को लेकर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं। गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में हमने बताया था कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के चलते प्रति माह कम से कम दस लोगों की जान जा रही है। खबर में हमने यह भी बताया था कि किस तरह एक 12 वर्षीय मासूम कृष्णानंद की नदी में डूबने से मौत हो गई। इसके कुछ ही घंटों पर खबर का यह असर देखने को मिला है।

डीसीपी ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि जलासेन और ललिता घाट पर जमीन दलदल होने के साथ ही पानी की गहराई अधिक है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से दोनों घाट नजदीक होने के कारण नाविक श्रद्धालुओं को बैठाते और उतारते हैं। पिछले कुछ दिनों में गंगा में डूबने से कई लोगों की जान चली गई। ऐसे में तत्काल जलासेन और ललिता घाट पर श्रद्धालुओं के स्ना करने पर रोक लगाई जाए। साथ अन्य घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत बैरिकेडिंग की जाए जिससे श्रद्धालु उससे आगे नहीं बढ़ सकें।

डीसीपी ने लिखा है कि श्रद्धालु श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन करने के बाद नौका विहार करते हैं। जांच में पाया गया है कि दशाश्वमेध से अस्सी घाट तक गहरा पानी है। स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को इसका अंदाजा नहीं होता है, स्नान करने के दौरान वे गहरे पानी में चले जाते हैं। नाव के टकराने से भी घटना हो चुकी हैं। नावों पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर कोई उपकरण लाइफ जैकेट नहीं होता है। कोई हादसता होने पर पर्यटकों के डूबने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। नाविकों द्वारा नगर निगम के शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है। गंगाग में नाव, बोट संचालन से पहले जल पुलिस से परीक्षण करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम होने के कारण दूसरे जनपद के भी नाव कमिश्नरेट क्षेत्र के घाटों पर चक्रमण कर रहे हैं जो ठीक नहीं है। 

पत्र में उन्होंने आगे लिखा कि नाव का संचालन मनमाने तरीके से हो रहा है। कोई रोक-टोक नहीं है। नावों की संख्या अधिक होने के कारण आपस में टकराने के साथ दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में गंगा में नावों के संचालन की संख्या तय की जाए। उन्हें कोड नंबर आवंटित हो जिससे कोई घटना होने पर उन्हें पकड़ा जा सके।

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