Varanasi Tattoo News : सस्ते में टैटू गुदवाना पड़ा भारी, 2 की रिपोर्ट HIV पॉजिटिव, एक्सपर्ट ने दीवानों से की ये अपील

Varanasi Tattoo News : वाराणसी में टैटू गुदवाने से एचआईवी फैलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अभी तक ऐसे 14 मामले सामने आये हैं। विशेषज्ञों ने युवाओं से अपील की है कि टैटू बनवाते वक्त सुई और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

Update: 2022-08-07 02:47 GMT

Varanasi Tattoo News : सस्ते टैटू गुदवाना पड़ा भारी, 2 की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव, एक्सपर्ट ने दीवानों से की ये अपील

Varanasi Tattoo News : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के वाराणसी ( Varanasi ) यानि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में टैटू बनवाने के बाद एचआईवी ( HIV ) से फैलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शनिवार को यह मामला सामने आने के बाद से वाराणसी में हड़कंप मचा है। खास बात यह है कि संक्रमित लोगों में सभी के सभी युवा हैं और इन्होंने एक मेले में सस्ते में टैटू गुदवाये थे। टैटू गुदवाने के बाद ये लोग बीमार पड़ गए। 14 में से 2 युवाओं की टेस्ट रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव ( HIV News ) आई है। अन्य युवाओं में भी इसी के संकेत हैं। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस घटना के बाद से वारणसी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सस्ते टैटू ( Tattos ) पार्लर वालों को चेतावनी जारी की है।

वाराणसी पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की डॉ. प्रीति अग्रवाल के मुताबिक सावधानीपूर्वक जांच और परामर्श के बाद पता चला कि कई एचआईवी रोगियों ने टैटू बनवाए थे, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। मामले में आगे की जांच जारी है।

बीमार पड़ने वाले 14 लोगों में बड़ागांव का 20 वर्षीय व्यक्ति और नगमा की 25 वर्षीय महिला शामिल हैं। वायरल टाइफाइड, मलेरिया सहित कई परीक्षण किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब बुखार कम नहीं हुआ, तो एचआईवी परीक्षण किया गया जिसमें सभी को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है।

एचआई पॉजिटिव आने के बाद जब इस मामले की गहराई से जांच की गई तो पता चला कि एचआईवी पॉजिटिव रोगियों में से किसी ने भी यौन या संक्रमित रक्त के संकेत सामने नहीं आये लेकिन सभी रोगियों के बीच एक बात समान थी कि उन्होंने हाल ही में टैटू बनवाए थे। जांच में यह भी पता चला कि सभी संक्रमित व्यक्तियों ने एक ही व्यक्ति से टैटू बनवाया था जिसने उन सभी पर एक ही सुई का इस्तेमाल किया था।

एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की डॉ. प्रीति अग्रवाल के मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव पाये गए सभी मरीज युवा हैं। सभी ने कहीं न कहीं से अपने शरीर में टैटू बनवाया है। ऐसे में काउंसलिंग के बाद 90 प्रतिशत तक यही आशंका है कि इनको संक्रमण संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण हुआ है। टैटू की सुइयां महंगी होती हैं। इसलिए टैटू कलाकार अक्सर पैसे बचाने के लिए उन्हीं सुइयों का इस्तेमाल करते हैं।

एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की काउंसलर सुषमा तिवारी ने बताया कि टैटू बनाने वाली सुई काफी महंगी होती है। इसलिए मेलों आदि में टैटू बनाने वाले अधिकतर खर्चा बचाने के लिए एक ही सुई से कई लोगों का टैटू बनाते हैं। ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण है तो बाकी सभी दूसरे लोगों को उसी सुई से संक्रमण पहुंच जाता है। ऐसे में युवाओं से अपील है कि टैटू बनवाते वक्त सुई और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

UP News : बता दें कि शारीरिक कला यानि टैटू कोई हाल की घटना नहीं है। टैटू और शरीर भेदी किशोरों और युवा वयस्कों के बीच बहुत लोकप्रिय है। समाज में यह किसी न किसी रूप में हमेशा से विद्यमान रहा है। पहले यह गोदना के रूप में लोकप्रिय रहा है। तकनीकी दौर में यह कला जानलेवा व गंभीर बीमारियों को भी दावत देने लगा है। यही वजह है कि कई लोगों ने शरीर कला से जुड़े जोखिमों पर सवाल उठाया हैं।

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