लव जिहाद व गिरिराज सिंह के बयान पर क्या बोले एमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी?
देश में लव जिहाद पर राजनीति गर्म हो रही है। ओवैसी ने भाजपा सरकारों के इस संबंध में प्रस्तावित कानून का विरोध करते हुए संविधान पढने की सलाह उन्हें दी है...
जनज्वार। लव जिहाद पर एक बार फिर देश की राजनीति गर्म हो रही है। इस मुद्दे पर अब एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है। ओवैसी ने कहा है कि अगर लव जिहाद पर देश में कानून बनता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन होगा। ओवैसी ने कहा कि नफरत की जगह पर लव फैलाना चाहिए और इस तरह का कानून नहीं बनाना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि ऐसा कोई भी कानून अच्छा नहीं होगा। उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप समाज में कितना नफरत व जहर फैलाएंगे। ओवैसी ने कहा सवाल उठाया कि क्या आप स्पेशल मैरेज एक्ट को भी खत्म कर देंगे?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इनको संविधान पढना चाहिए। नफरत का ऐसा प्रचार करने से नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का शिकार हुए युवाओं को भटकाने का नाटक भाजपा कर रही है।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की पहल की है। वहीं, भाजपा शासित कम से कम तीन राज्य कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश व हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने को तैयार हैं।
इस मामले पर बिहार से आनेवाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दो दिन पहले यह कहा कि बिहार में भी इस तरह के कानून की जरूरत है और यहां की सरकार को इस तरह की पहल करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा नीतीश कुमार के जदयू के साथ सरकार चला रही है।
मालूम हो कि स्पेशल मैरेज एक्ट 1954 के तहत दो अलग-अलग धर्म के लोग बिना अपना धर्म बदले रजिस्टर्ड शादी कर सकते हैं। इसके लिए पहले नोटिस देना होता है कि वे शादी करने वाले हैं और अगर किसी को इसमें आपत्ति हो तो वह रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाकर इस बारे में बता सकते हैं। नोटिस देने के बाद शादी को रजिस्टर्ड करने के लिए फार्म भरा जाता है।
मध्यप्रदेश में तैयार हो रहा कानून का ड्राफ्ट तो यूपी में भेजा गया है प्रस्ताव
मध्यप्रदेश में लव जिहाद को लेकर विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और इस संबंध में वहां के गृहमंत्री ने 17 नवंबर को ऐलान भी कर दिया है। इससे संबंधित विधेयक को मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक नाम दिया गया है। मिश्रा के अनुसार, प्रस्तावित कानून में लव जिहाद यानी धर्मांतरण के लिए प्रलोभन या दबाव डालकर कराए जाने वाले शादी विवाह को शून्य घोषित करने का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसे गैर जमानती अपराध घोषित करते हुए मुख्य आरोपी व उसके सहयोगियों के लिए पांच साल के कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा।
वहीं, उत्तरप्रदेश में गृह विभाग ने लव जिहाद के संबंध में कानून बनाने के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है। जबकि हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने कहा है कि राज्य सरकार इस तरह कानून बनाएगी।