250 से ज्यादा लोगों ने 21 फरवरी को सालीमीरा चाय बागान में शराब पी थी, जिसके बाद मौतों का सिलसिला जारी है। मरने वालों में दर्जनों महिलाएं भी शामिल...
जनज्वार। भाजपा शासित उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में शराब से हुई 100 से भी ज्यादा मौतों के बाद अब भाजपा राज में ही एक और राज्य असम में शराब पीकर 130 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। एनडीटीवी के मुताबिक अलग अलग अस्पतालों में अभी भी जहरीली शराब पीने वाले लगभग 350 लोगों का उपचार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक असम में जहरीली शराब पीने की वजह से असम के गोलाघाट और जोरहाट में 21 फरवरी से अभी तक लगभग 131 लोगों की जान जा चुकी है। घटनाक्रम के मुताबिक 500 से ज्यादा लोगों ने 21 फरवरी को सालीमीरा चाय बागान में शराब पी थी, जिसके बाद मौतों का सिलसिला जारी है। मरने वालों में दर्जनों महिलाएं भी शामिल हैं। शराब पीकर मरने वाले और गंभीर रूप से बीमार सभी लोग सालीमीरा चाय बागान में काम करते थे।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने हालांकि मृतकों के परिजनों को 2 लाख और जिनका इलाज चल रहा है उन्हें 50 रुपए देने की घोषणा की है, मगर सवाल है कि मुआवजे के अलावा क्या सरकार ने ऐसा कोई कदम उठाया है जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा दोहराई न जा सकें।
इस घटना में जहां 22 फरवरी तक मरने वालों की संख्या लगभग दो दर्जन के आसपास थी, वहीं रात तक यह आंकड़ा 50 पार कर गया। तब से अब तक लगातार जहरीली शराब से लोगों के मरने का सिलसिला जारी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक दो लोगों देवेन बोरा और इंद्रोकोल्पो बोरा को गिरफ्तार कर जांच शुरू की है।
जहां पर जहरीली शराब पीकर लोगों की मौत हुई वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि 21 फरवरी को हलमीरा टी इस्टेट में कई लोगों ने एक दुकानदार से शराब खरीदकर पी थी। उनमें से कई लोग तुरंत बीमार पड़ गए और कई की अगली सुबह तक मौत भी हो गई। कहा जा रहा है कि जोरहाट और गोलाघाट जिले के अस्पतालों में 350 से ज्यादा लोग अभी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
एएसपी ध्रुब बोरा ने मीडिया को बताया कि 'ऐसा लगता है कि अवैध शराब दूषित थी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि सभी ने ध्रुपदी ओरान के घर से शराब ली थी। वह खुद भी मारे गए लोगों में शामिल है।'
हालांकि इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के बाद असम सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। राज्य के एक्साइज मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य कहते हैं इस मामले में जांच शुरू की जा चुकी है। सरकार ने दो आबकारी अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार पाते हुए निलंबित कर दिया है। हमने अतिरिक्त आयुक्त संजीव मेढी की अगुवाई में आबकारी विभाग की चार सदस्यीय समिति को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट दे देगी।'