अब चेहरे से भी होगा आधार वेरिफिकेशन

Update: 2018-01-15 17:54 GMT

इसे माना जा रहा है UIDAI की बड़ी पहल, माना जा रहा है गरीबों, बुजुर्गों और असहायों के लिए बहुत मददगार होगा वेरिफिकेशन का यह तरीका....

दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी जी के मिशन डिजिटल इंडिया के तहत जहां आधार को हर पहचान के लिए जरूरी कर दिया गया है, वहीं इस आधार के चलते कई लोग मौत के मुंह में भी समा गए हैं। गरीबों के लिए तो मिशन डिजिटल इंडिया खासतौर पर जान की आफत बना हुआ है।

मगर अब इस दिशा में सरकार जो पहल लेने जा रही है, उससे बड़े—बुजुर्गों और गरीबों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। पहले आधार वेरीफिकेशन के लिए फिंगरप्रिट और आंख की पुतलियों का मिलान किया जाता था, मगर अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (UIDAI) ने चेहरे से भी आधार वेरिफिकेशन करने का फैसला किया है, क्योंकि आधार वेरिफिकेशन में फिंगरप्रिंट और आंखों की पुतलियों के जरिए कुछ लोगों की पहचान में परेशानी हो रही थी।

अगर चेहरे से आधार वेरिफिकेशन पहले से हो पाता तो देवघर के मोहनपुर प्रखंड के भगवानपुर गांव के 62 वर्षीय रूपलाल मरांडी भी बच गए होते, क्योंकि राशन की दुकान से इसलिए राशन नहीं दिया जा रहा था, क्योंकि बायोमैट्रिक मशीन पर उनके अंगूठे का निशान नहीं मिल पा रहा था।

ऐसे ही मासूम संतोषी भी शायद अपने परिवार के बीच होती। झारखंड में सबसे पहले सिमडेगा जिले में 11 साल की संतोषी कुमारी की कई दिनों से खाना नसीब नहीं होने के चलते मौत हुई थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि स्थानीय राशन डीलर ने महीनों पहले उसके परिवार का राशन कार्ड रद्द कर दिया था और परिवार को अनाज नहीं दे रहा था।

ये तो मात्र कुछ मामले हैं जो मीडिया तक पहुंच पाते हैं, ऐसे न जाने कितने संतोषी और रूपलाल आधार वेरिफिकेशन न हो पाने के चलते मौत के मुंह में समा गए होंगे। उम्मीद है कि चेहरे से आधार वेरिफिकेशन होने के बाद ऐसी मौतों के आंकड़े में कमी आएगी, क्योंकि जिनका वेरिफिकेशन फिंगरप्रिंट और आंखों की पुतलियों से नहीं हो पाएगा उसके चेहरे से वेरिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध होगी।

कहा जा रहा है कि 1 जुलाई, 2018 से लोगों के रजिस्टर्ड डिवाइस पर फ्यूजन मोड में फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि इससे लोगों को बायोमीट्रिक पहचान में हो रही मुश्किलों से छुटकारा मिल जाएगा।

साथ ही यह भी उम्मीद है कि इससे उन लोगों को भी राहत होगी, जो कठिन मेहनत वाले हालातों के चलते या फिर अंगुलियों के निशान हल्के या किसी अन्य वजह से फिंगरप्रिंट की पहचान नहीं करा पा रहे थे। बयान में कहा गया है कि यह नई सुविधा UIDAI द्वारा वेरिफिकेशन के मौजूदा तरीकों के साथ उपलब्ध कराई जाएगी।

UIDAI की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जो लोग वृद्धावस्था, कठिन मेहनत वाले हालात या अंगुलियों के निशान धूमिल होने जैसे हालात के कारण अपने आधार का बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन नहीं करवा पा रहे, यह नई सुविधा उनके लिए मददगार साबित होगी।' हालांकि साथ ही UIDAI ने यह भी कहा है कि वेरिफिकेशन की यह नई सुविधा सिर्फ ‘जरूरत के हिसाब’ से उपलब्ध होगी।

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