आप में और हाशिए पर जाएंगे राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद कुमार विश्वास

Update: 2017-10-31 10:16 GMT

पहले से ही हाशिए पर चल रहे कुमार विश्वास की स्थिति अब आप के शीर्ष नेतृत्वकारियों ने नगण्य कर दी है और स्पष्ट भी कि विश्वास जहां जाना चाहें जाएं, पर अब उनके लिए आप में कोई जगह नहीं, पर वह कहीं और जाएंगे इसमें संदेह, क्योंकि उनके पास नहीं है प्रशांत और योगेंद्र की तरह कोई अलग एजेंडा

इस बीच कुमार ने जताई राज्यसभा जाने की हसरत और खुद को अभिमन्यु बताया, पर केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपी राजेन्द्र कुमार को राज्यसभा भेजने की तैयारी में

सोशल मीडिया पर कुमार के चाहने वालों और अरविन्द के चाहने वालों के बीच छिड़ी जंग, 2 नवंबर को होने वाली दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हंगामे के आसार

दिल्ली से स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट

एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के कुनबे मे जंग छिड़ गई है।

इस झगड़े के किरदार भी पुराने है और मुद्दा भी पुराना है। पार्टी के नेता और लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने जनसत्ता अखबार को दिए एक इंटरव्यू में बोल दिया की वो पार्टी की तरफ से राज्यसभा जाने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। बस फिर क्या था आप के मैनेजर लग गए कुमार के इस दावे को खारिज़ करने में।

इस बार कुमार को बीजेपी का एजेंट बताने वाले और पार्टी से सस्पेंड होने वाले एमएलए अमानतुल्ला को फिर से आगे लाया गया और पत्रकार से आप के नेता बने आशुतोष की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अमानतुल्ला का निलंबन रद्द कर दिया, जबकि कुमार ने आप की हाई लेवल कमेटी पीएसी में इसका विरोध किया था।

कुमार ने आज मीडिया में आकर खुलेआम आरोप भी लगाया कि षड्यंत्र के तहत ये खबर लीक की गई कि अमानतुल्ला को वापस पार्टी में ले लिया गया है ताकि वो उस पर प्रतिक्रिया दे और उनके खिलाफ साजिश रच कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। कुमार ने खुले तौर पर कहा कि पार्टी के कुछ उपर से आये नेता उन्हें पार्टी से बाहर करना चाहते हैं।

इतना ही नही सोमवार 30 अक्टूबर को ही पार्टी की 2 नवंबर को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक का एजेंडा जारी किया गया, जिसमें से वक्ताओं के नाम मे से कुमार का नाम गायब कर दिया गया, जबकि अभी तक जितनी भी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई है उनमें कुमार को प्रमुखता दी गई और जब प्रशांत और योगेंदर को पार्टी से बाहर किया गया था तब कुमार ने ही राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इन दोनों नेताओं को बाहर निकालने की रूपरेखा पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने रखी थी।

उस समय राष्ट्रीय परिषद की बैठक के मेंबर रहे एक सदस्य ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उस बैठक के लिए कुमार को अरविंद ने ही विशेष जिमेदारी दी थी कि वो इस तरह से राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भूमिका रखे कि सभी सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत को बाहर निकालने की डिमांड करने लगें।

आज नौबत यह आ गई है योगेंद्र ओर प्रशांत को बाहर करने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सबसे ज्यादा शोर मचाने वाले और कार्यकर्ताओं को भड़काने वाला नेता कपिल मिश्रा खुद पार्टी से बाहर हैं और भूमिका तैयार करने वाले नेता कुमार विश्वास के भविष्य पर भी तलवार लटक रही है।

दरअसल जनवरी 2018 में दिल्ली से राज्यसभा के लिए 3 सांसद चुने जाएंगे। चूंकि अधिकतर एमएलए आप के हैं तो तीनों राज्यसभा सांसद भी आप के ही होंगे। हमारे सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे राजेन्द्र कुमार को राज्यसभा भेजना चाहते हैं। हालांकि राजेन्द्र कुमार भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं।

दूसरा एक नाम भी सबको चौंका सकता है वो एक महिला भी हो सकती हैं जो राज्यसभा भेजी जाएं। राज्यसभा जाने के लिए सीट केवल तीन हैं लेकिन आप मे कतार बहुत लंबी है। सूत्र बताते हैं है कि आशीष खेतान, आशुतोष, दिलीप पांडेय, संजय सिंह सहित कई बड़े नेता राज्यसभा जाने की हरसरत पाले हुए हैं।

उधर अपने ऊपर खतरा मंडराते देख कुमार खुद को अभिमन्यु घोषित करने में लग गए हैं। इतना तो तय है कि 2 नवंबर दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हंगामेदार होगी। हो सकता है की कुमार को इस मीटिंग में ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाय। क्योंकि सोशल मीडिया पर आप के वालंटियर्स जो अरविंद को पसंद करते हैं वो इस आवाज़ को उठाने लगे हैं कि कुमार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाओ।

उधर कुमार के भी सोशल मीडिया पर कम प्रशंसक नहीं हैं। कुमार को पसंद करने वाले पार्टी के वालंटियर्स का कहना है कि इस बार सबक सिखा देंगे। इस बार चुप नही बैठेंगे। वैसे कुमार और अरविंद के बीच दूरियां इतनी बढ़ चुकी हैं कि कुमार को न तो इफ्तार पार्टी में निमंत्रण दिया गया। न दीवाली पर कुमार और अरविंद एक दुसरे से मिले।

इतना ही नहीं आप के नेता का जन्मदिन मनाया गया जिसमें कुमार को निमंत्रण तक नहीं दिया गया जबकि इस पार्टी में सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष खुद आये थे। खैर, 2 नवंबर को तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी। 

पर एक बात तय है कि वह कुछ भी हो जाए पार्टी नहीं छोड़ेंगे।

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