पति से दूरी के बाद मनीषा दयाल ने लाइजनिंग शुरू की. वह पॉलिटिकल सर्किल से लेकर सामाजिक कार्य करने वाले लोगों, बिजनेस मैन समेत अन्य प्रतिष्ठित लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में सफल रहीं.....
विजय सिंह की रिपोर्ट
पटना। सोशल मीडिया पर फिल्मी सेलिब्रिटी की तरह दिखने वाली एनजीओ संचालक मनीषा दयाल पहली बार कानूनी दांव-पेच में फंस गयी हैं। आसरा होम में हुई पूनम और बबली की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या और धाेखाधड़ी के आरोपों की तो जांच हो रही है, साथ में यह भी खंगाला जा रहा है कि उनके हाईप्रोफाइल लाइफ के पीछे का बुनियादी सच क्या है? साेर्स ऑफ इनकम, फ्लैट, प्रोपर्टी, बैंक-बैलेंस, लक्जरी गाड़ी कब और कैसे आया, इसकी जांच हो रही है।
बड़ा सवाल यह है कि क्या 'पॉलिटिकल पावर' सेंटरों से मिली ताकत ने मनीषा दयाल को हाईप्रोफाइल बना दिया है। उनका कितना बैंक एकाउंट है, एनजीओ से जुड़ने के बाद उन्होंने कितनी प्रोपर्टी बनायी है, इसकी पड़ताल शुरू हो गयी है। सियासत की गलियारों से लेकर अन्य वीआईपी सर्किल में गहरी पैठ रखने वाली मनीषा दयाल बिहार के बड़े राजनेता की दूर की रिश्तेदार भी हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से भी अच्छे संबंध रहे हैं. फिलहाल तीन दिनों की रिमांड मिली है। मनीषा दयाल और चिरंतन से पूछताछ हो रही है.
आखिर चिरंतन को किससे है खतरा? कोर्ट में पेशी के दौरान चिरंतन ने मीडिया के सामने यह कह कर सनसनी फैला दिया कि उसको जान का खतरा है, उसने किसी प्रकार की लापरवाही करने से इन्कार किया है और सभी को सूचना देने के संबंध में प्रमाण होने की बात कही है. अब उसके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं कि आखिर चिरंतन को किससे खतरा है. आसरा गृह में मौत के बाद क्या उसे किसी ने मुंह बंद रखने की हिदायत या धमकी दी है. उसका इशारा किसी खतरे की तरफ है.
खुद की लाइफ हाईप्रोफाइल, बदहाल रह गया अासरा होम
मनीषा दयाल का आईपीएस और आईएएस की फैमिली से भी नजदिकियां रहीं हैं. सोशल मीडिया पर तमाम वीआईपी के साथ उनकी तस्वीरें सबकुछ बयां कर रही हैं. हालांकि पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उनका एफबी एकाउंट डी-ऐक्टीवेट हो गया है. सूत्रों कि मानें तो सियासत और ब्यूरोक्रेट से रिश्तों के चलते ही वह बहुत जल्द मामूली महिला से हाईप्रोफाइल बन गयीं. राजीवनगर के आसारा होम की जिम्मेदारी उन्हें आसानी से मिल गयी.
प्रतिवर्ष 70 लाख रुपये के बजट वाली संस्था का संचालन कर रही मनीषा दयाल भले ही पुलिस की पूछताछ में अपने काे पाक-साफ बता रही हैं लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ की चकाचौंध और आसरा होम की बदहाली सारी कहानी कह रही है. पुलिस को पूरे मामले में झोल दिख रहा है. हालात सरकारी फंड में हेरफेर करने की तरफ इशारा कर रहे हैं. हालांकि पुलिस के पास अभी कोई ठोस सुबूत नहीं है, इसलिए कोई पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से इन्कार कर रहा है. लेकिन लक्जेरियस लाइफ की इस पहली को पुलिस सुलझाने में जुट गयी है.
गया में भव्य बंगला बनवा रही है मनीषा
पटना आसरा गृह में दो लड़कियों की मौत के बाद पुलिस महकमे में चर्चा में आयी मनीषा दयाल गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी के सामने रहने वाले विजय दयाल की बेटी है.
विजय दयाल लंबे समय से पेट्रोलियम (पंप) के व्यवसाय से जुड़े हैं. मनीषा अपने तीन भाइयों में दो से छोटी और एक से बड़ी है. घर की इकलौती बेटी होने के कारण परिजन प्यार से उसे मिली कह कर पुकारते रहे हैं. गया के क्रेन स्कूल से 12 वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मेडिकल की तैयारी करने पटना गयी थी.
लेकिन, कम उम्र में ही उसकी शादी पटना के एक बड़े बिजनेसमैन परिवार में हो गयी. इसके बाद उसकी प्लानिंग और कैरियर की दिशा में भी बदलाव हुआ. पिता विजय दयाल की मौत हो जाने के बाद भी गया से मनीषा का लगाव बना रहा है. पता चला है कि गया-डोभी रोड में टेकुना फार्म के पास एक बड़े भूखंड पर मनीषा एक भव्य बंगला भी बनवा रही है.
गया में मनीषा के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन मनीषा का नाम आते ही दूसरी तरफ से फोन को काट दिया गया. इसके बाद मोबाइल फोन लगातार रिंग होता रहा, पर किसी ने फोन रिसीव नहीं किया. मनीषा के बारे में पूछताछ में पता चला है कि उसके मायके से राज्य के पूर्व वित्त मंत्री का भी संपर्क है. दोनों परिवारों के बीच काफी अच्छे पारिवारिक रिश्ते होने की बात सामने आ रही है.
यहां से बदली मनीषा की लाइफ
मनीषा दयाल एसकेपुरी थाना क्षेत्र के कृष्णा अपार्टमेंट में रहती हैं. उनका एक करीब 22 साल का लड़का है. सूत्रों कि मानें तो मनीषा दयाल का कुछ वर्षों से पति के साथ बेहतर संबंध नहीं थे. जानकारी के अनुसार उनके पति पटना सिटी में छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं. कपड़े की दुकान भी है.
पति से दूरी के बाद मनीषा दयाल ने अपने आप को बदला. वह समाज सेवी संस्था से भी जुड़ी रहीं हैं. काफी दिनों तक संस्था में मामूली कर्मी के तौर पर काम किया. इसमें भामा साह समेत अन्य संस्थाएं शामिल हैं. लेकिन वक्त के साथ मनीषा दयाल ने लाइजनिंग शुरू की. वह पॉलिटिकल सर्किल से लेकर सामाजिक कार्य करने वाले लोगों, बिजनेस मैन समेत अन्य प्रतिष्ठित लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में सफल रहीं.
रिमांड के बाद हुई कड़ी पूछताछ, कई जगह छापेमारी
कोर्ट में पेशी के बाद तीन दिनों के लिए चिरंजन और मनीषा दयाल का रिमांड मिल गया. इसके बाद एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी अमरकेश डी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने मनीषा दयाल और चिरंजन से पूछताछ की है. पुलिस ने कुछ ठिकानों पर छापेमारी भी की है. बोरिंग रोड, अशोक राजपथ, कंकड़बाग समेत कई जगह छापेमारी की गयी है. पुलिस का दावा है कि जल्द मामले से पर्दा उठा दिया जायेगा.
उठते सवाल?
पूनम और बबली के मौत की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं देकर आखिर क्या छुपाना चाहते थे आसरा गृह के पदाधिकारी.
इतने आनन-फानन में पूनम की लाश का पोस्टमार्टम करा कर दाह संस्कार क्यों कर दिया गया. एक आईएएस की पहल पर मनीषा को मिला आसरा होम का काम
आसरा गृह को लेकर तेजस्वी ने उठाये सवाल
आसरा गृह में दो युवतियों की मौत पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सरकार पर सवाल उठाये हैं. तेजस्वी ने कहा है कि मुख्यमंत्री आवास से चंद मिनटों की दूरी पर पटना के आसरा गृह में दो युवतियों की संदिग्ध मौत हुई. पुलिस को खबर नहीं, एक का दाह संस्कार भी कर दिया गया.
राजधानी पटना में आसरा आश्रय गृह में दो युवतियों की मौत और राज्य में महिलाओं के शोषण के खिलाफ जन अधिकार छात्र परिषद ने सोमवार को पटना के कारगिल चौक पर कैंडल व प्रतिकार मार्च निकाला. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कैंडल मार्च का नेतृत्व छात्र परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम आनंद ने किया. आजाद चांद, मनीष यादव, प्रिया राज आदि मौजूद थे.
शेल्टर होम की स्थिति भयावह, माले की जांच टीम ने किया दौरा
पटना स्थित आसरा शेल्टर होम का सोमवार को भाकपा-माले, ऐपवा व आइसा की एक संयुक्त जांच टीम ने दौरा किया. जांच टीम ने कहा कि शेल्टर होम की हालत बेहद भयावह है. यहां की लड़कियों व आसपास के लोगों की बातचीत से बबली (40 वर्ष) और पूनम (17) की मौत साजिशन हत्या लग रही है. इसमें स्थानीय थाने की भी भूमिका संदेहास्पद है.
सरकार स्वयं करेगी आसरा आश्रय गृह का संचालन
राजधानी के आसरा आश्रय गृह में रहने वाली दो लड़कियों की मौत पर मचे बवाल के बाद सरकार ने फिलहाल इसका संचालन स्वयं करने का निर्णय लिया है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और बाल संगठन के सहायक निदेशक दिलीप कुमार कामत को इसकी बागडोर सौंपी गयी है.
इससे संबंधित निर्देश विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने सोमवार को जारी कर दिया. साथ ही इस पर तत्काल प्रभाव से अमल करने के लिए कहा गया है. पटना के आसरा आश्रय गृह कांड को लेकर सोमवार को समाज कल्याण विभाग में दिनभर गहमागहमी रही. प्रधान सचिव के साथ अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी रहा. मुजफ्फरपुर और पटना की घटनाओं से सबक लेते हुये प्रदेश के अन्य आश्रय गृहों पर निगरानी बढ़ाने के संबंध में मंथन हुआ. इस दौरान विभाग से जुड़े सभी जिले के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये.
जानकारी के अनुसार आसरा आश्रय गृह में रह रही पूनम (17) और बबली (40) गत 10 अगस्त की देर शाम गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी थीं. उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल काॅलेज अस्पताल (पीएमसीएच) लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
शेल्टर होम की घटनाओं से निगरानी में लापरवाही उजागर
प्रदेश के दो शेल्टर होम की हाल की घटनाओं से निगरानी में लापरवाही का मामला उजागर हुआ है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह और पटना के आसरा आश्रय गृह के संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ को दी गयी थी. समाज कल्याण विभाग की देखरेख में इसकी व्यवस्था होनी थी, लेकिन घटनायें बता रही हैं कि निगरानी के लिए बनी नियमावली का पालन नहीं हुआ.
(विजय सिंह की यह रिपोर्ट पहले प्रभात खबर में प्रकाशित)