अब भीमा कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस ने लेखक आनंद तेलतुंबडे को किया गिरफ्तार

Update: 2019-02-02 05:54 GMT

आनंद तेलतुंबडे की जमानत रुकवाने को NIA सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर, 25 को होगी सुनवाई-18 नवम्बर को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली थी जमानत

सुनवाई में जज ने यह कहते हुए आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं...

जनज्वार। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपित आईआईटी प्रोफेसर, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद पुणे पुलिस ने आज 2 फरवरी की सुबह मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है।

गौरतलब है कि कल 1 फरवरी को पुणे सेशन कोर्ट ने आनंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद आज सुबह उनकी गिरफ्तारी की गई है। पुणे सत्र न्यायालय ने कल हुई सुनवाई में यह कहते हुए आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

एडिशनलर सेशन जज किशोऱ वडाने ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा, 'मेरे विचार में जांच अधिकारी द्वारा अपराध के कथित मामले में वर्तमान अभियुक्त की संलिप्तता दर्शाने के लिए पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है। इसके अलावा वर्तमान आरोपी के संबंध में जांच बहुत महत्वपूर्ण चरण में है।'

एएनआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 'आनंद तेलतुंबडे को मुंबई के विले पार्ले पुलिस स्टेशन में रखा गया है। गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में पुणे पुलिस ने 12 बड़े मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घरों में एक साथ छापे मारे थे, जिनमें से कई को गिरफ्तार भी किया गया था। इस छापेमारी में पुलिस ने आनंद तेलतुंबडे के गोवा स्थित आवास पर भी छापेमारी की थी। बकौल पुलिस इस छापेमारी में उसे आनंद के खिलाफ कई महत्वपूर्ण सबूत मिले थे।

इनमें से कई मानवाधिकार कार्यकर्ता अभी भी जेल में बंद हैं, जिनमें सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज, ख्यात कवि और बुद्धिजीवी वरवर राव, जिनेस आर्गनाइजेशन के वर्णन गोंजा​लविस और लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा भी शामिल हैं।

जिन लोगों के घर पिछले साल अगस्त में छापेमारी की गई थी, उनमें फादर स्टेन स्वामी, क्रांति टेकुला, सुसन अब्राहम, आनंद तेलतुंबड़े, गौतम नवलखा और आन्ध्रा की कविरवरा राव जैसे ख्यातिमान लोग शामिल रहे हैं। इस छापेमारी में पुलिस ने कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, कागजात और किताबों जैसे कई सामान जब्त किए, कहा कि इनमें इन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।

इनकी गिरफ्तारियों के खिलाफ देशभर में धरना—प्रदर्शन हुए थे। अभी भी लोगों ने सोशल मीडिया पर आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी का विरोध करना शुरू कर दिया है।

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