लगातार खुल रही है प्रधानमंत्री मोदी के कौशल भारत की पोल, जेट एयरवेज के 22 हजार कर्मचारियों के बाद अब एक और एयरलाइंस के हजारों कर्मचारी आ जाएंगे सड़क पर, मगर सरकार नहीं उठा रही इन कर्मचारियों के हित में कोई कदम, नहीं रेंग रही है एक आत्महत्या के बाद भी उसके कान में जूं
जनज्वार। अभी जेट एयरवेज के ही लगभग 22 हजार कर्मचारियों का महीनों से वेतन न मिलने और उसके बाद तनाव में एक कर्मचारी द्वारा आत्महत्या की खबर मीडिया में छाई ही हुई थी कि एक और हवाई कंपनी के घाटे में पहुंचने की खबर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के कौशल भारत की सारी पोल खुलकर सामने है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक घाटे के चलते सरकारी एयरलाइंस पवनहंस भी आर्थिक संकट से जूझ रही है, जिस कारण वह अपने कर्मचारियों की अप्रैल की सेलरी देने में असमर्थ है।
कंपनी की तरफ से आ रही खबरों के मुताबिक आर्थिक दिक्कतों के चलते उसके पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने के भी पैसे नहीं हैं। इसी बाबत उसने अपने कर्मचारियों को नोटिस थमा दिया है कि वह अप्रैल की सेलरी देने में असमर्थ है।
गौरतलब है कि काफी समय से पवनहंस के घाटे में होने की खबर है, जिस कारण उसके लिए पिछले साल सरकार ने 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोलियां मंगाई थीं। पवनहंस एयरलाइंस कंपनी के पास 46 हेलीकॉप्टर्स हैं।
एक बयान जारी कर पवनहंस की तरफ से मीडिया को बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में उसे करीब 89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है और कंपनी पर 230 करोड़ों रुपए का कर्ज भी है।
कंपनी प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए लिखा है, कंपनी की ओवरऑल परफॉमेंस की समीक्षा करते हुए सामने आया है कि कंपनी असहज आर्थिक परिस्थिति से गुजर रही है। इंडस्ट्री का भविष्य भी तय नहीं है। आर्थिक परफॉमेंस के मामले में 2018-19 में कंपनी का रिवेन्यू तेजी से कम हुआ है और कंपनी को 89 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है इसलिए वह अप्रैल माह का वेतन दे पाने में असमर्थ है।
खबर यह भी है कि कंपनी की तरफ से कर्मचारियों की सेलरी के लिए फंड जुटाने की कोशिशें की जा रही हैं। पवनहंस पर 230 करोड़ रुपए के अलावा और भी कई देनदारियां बताई जा रही हैं। कर्मचारियों को डर है कि आने वाले दिन में इससे कंपनी की हालत और ज्यादा खराब होंगे। पवनहंस की खबर तो आज मीडिया में सामने आ चुकी है, उसके अलावा एक और प्राइवेट एयरलाइंस की हालत डावांडोल होने की सूचना आ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है, मोदी सरकार ने देश को आर्थिक रूप से पूरी तरह खोखला कर दिया है। अगर मोदी दोबारा सत्ता में आए तो हालात और ज्यादा बदतर होंगे।