गैंगरेप के बाद जलाकर मार दी गई डॉक्टर के पिता बोले हैदराबाद पुलिस एनकाउंटर के बाद मिली होगी मेरी बेटी की आत्मा को शांति

Update: 2019-12-06 04:35 GMT

हैदराबाद एनकाउंटर पर जहां देशभर में जतायी जा रही हैं खुशियां वहीं कई लोगों ने उठाये सवाल, कहा पुलिस एनकाउंटर्स को नहीं किया जा सकता इस तरह डिफेंड, हमारे पास न्यायप्रणाली, अदालतें और कानूनी प्रणाली है मौजूद इन सबके लिए....

जनज्वार। हैदराबाद में डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपियों को आज 6 दिसंबर की सुबह सुबह पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया है। पुलिस ने दावा किया है कि वह जांच के लिए चारों बलात्कार और हत्यारोपियों को क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए लेकर गई थी, और उन्होंने वहां से हमारे हथियार छीन भागने की कोशिश की तो हमने उन पर गोलियां चलायीं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गैंगरेप और नृशंस हत्या को अंजाम देने वाले चारों हत्यारोपियों में से एक ने हमारे हथियार छीनकर वहां से भागने की कोशिश की, अगर वो लोग वहां से भाग जाते तो तमाम सवाल उठते, बड़ा हंगामा खड़ा हो जाता, इसलिए पुलिस के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था और जवाबी फायरिंग में चारों आरोपी मारे गए।

हां पूरा देश खासकर महिलायें पुलिस के इस एनकाउंटर को जायज ठहरा रही हैं, हैदराबाद पुलिस को हीरो आफ अवर सोयायटी का तमगा दे रही हैं, 'सैल्यूट डीजीपी' लिख रहे हैं, वहीं इसे लेकर तमाम सवाल भी उठने शुरू हो गये हैं।

पुलिस एनकाउंटर पर खुशी व्यक्त करते हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर की शिकार पशु चिकित्सक के पिता ने कहा कि "उस दिन को 10 दिन हो गए हैं जब मेरी बेटी के साथ नृशंसता की हदें पार की गयीं। मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मेरी बेटी की आत्मा को अब शांति मिली होगी।'

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स एनकाउंटर पर टिप्पणी करते हुए सचिन श्रीवास्तव कहते हैं, 'ये पुलिस की ताकत का एक और नमूना है। फौरी जनभावना के दवाब में सुबह 3.30 बजे घटनास्थल पर ले जाया गया। न्याय अब पुलिस के हाथों में ही होगा।

मगर जितना आक्रोश रेप पर है, उतना ही पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर भी होना चाहिए। हैदराबाद में गैंगरेप के चारों आरोपियों को पुलिस ने मार गिराया। लंबी कानूनी प्रक्रिया में न्याय मिलने की उम्मीद न थी। देश में भ्रष्टाचार, नेताओं की वादाखिलाफी और सरकारी धन की लूट रोकने के लिए भी ऐसे कठोर कदम उठाए जाएं। भ्रष्ट अफसरों और झूठ बोलकर वोट लेने वाले नेताओं पर भी ऐसी त्वरित कार्रवाई हो। सरकारी बैंक का अरबों रुपया हड़पने वाले विलफुल डिफॉल्टर्स को भी मुठभेड़ में मार गिराएं। संसद और विधानसभाओं में सैकड़ों की तादाद में बलात्कारी, हत्यारे, अपराधी, दंगाई, तड़ीपार, लड़की की जासूसी कराने वाले, फर्जी डिग्री वाले बैठे हैं। उन सबसे भी भारत माता को मुक्त किया जाए।'

हैदराबाद एनकाउंटर पर शैफाली वैद्य ने ट्वीट किया है, अब सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का क्या होगा? वही लोग जो याकूब मेनन के लिए थे? हैदराबाद पुलिस ने 4 बलात्कारियों को कॉकरोच की तरह मसलकर रख दिया। पहली याचिका लिखने वाला कौन है?'

शैफाली आगे कहती हैं, 'हर वक्त बुद्धिजीवियों का तर्क नहीं चल सकता। आज मैं एक महिला के रूप में एक युवा लड़की की माँ के रूप में अच्छा फील कर रही हूं। मानवाधिकार सबसे पहले देश की बेटी को दो। यदि हैदराबाद बलात्कार आरोपियों को मुठभेड़ में मारना अनुचित है, तो न्यायपालिका, संसद को शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए जगायें।'

हीं पत्रकार निधि राजदान ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाते ट्वीट किया है, 'आश्चर्यजनक। पुलिस मुठभेड़ों को इस तरह सामान्यीकृत नहीं किया जा सकता है। हमारे पास न्यायप्रणाली, अदालतें और एक कानूनी प्रणाली है।'

हीं इस एनकाउंटर पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील वृंदा ग्रोवर सवाल उठाती हैं कि बेशक पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए था, मगर यह न्याय ​इस तरह से नहीं होना चाहिए था, बल्कि न्यायिक प्रणाली से अपराधियों को फांसी की सजा होती तो ज्यादा अच्छा होता।'

सिर्फ हैदराबाद एनकाउंटर बल्कि हर एनकाउंटर को जायज ठहराते हुए Porinju Veliyath ने ट्वीट किया है,

एनकाउंटर एक अच्छा आइडिया है, पुरातन न्यायिक प्रणाली पर काबू पाने के लिए। मुझे लगता है एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का भी एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए।



फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने हैदराबाद एनकाउंटर पर ट्वीट किया है, 'Congratulations and #JaiHo to #TelenganaPolice for shooting down the four rapists of #PriyankaReddy in an “ENCOUNTER”. चलो! अब जितने भी लोगों ने ऐसा घिनोना अपराध करने वालों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी और उनके लिए ख़तरनाक से ख़तरनाक सज़ा चाही थी, मेरे साथ ज़ोर से बोलो - #जयहो।

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