इलाहाबाद में मेडिकल छात्रा के गैंगरेप के वक्त मोदी को कुंभ स्नान कराने में व्यस्त थी पूरे जिले की पुलिस
दो दिन पहले से अर्धकुंभ में प्रधानमंत्री मोदी की वीवीआईपी ड्यूटी में लगा रहा पुलिस प्रशासन और संगम स्नान घाट से मात्र 10 किमी के दायरे में झूंसी जहां भारी पुलिस बल था तैनात वहां होता रहा गैंगरेप
वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार। तारीख 24 फरवरी 19 दिन रविवार, मौका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित कुंभ स्नान का, प्रधानमंत्री के दौरे पर उनका स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और अन्य केन्द्रीय और प्रादेशिक मंत्री प्रयागराज में मौजूद, पूरा जिला और पुलिस प्रशासन तैनात, हजारों पुलिसकर्मी मुस्तैद, संगम स्नान घाट से 10 किमी के दायरे में झूंसी से अन्दावा मोड़ पर भारी पुलिस बल तैनात।
इसी बीच प्रधानमंत्री की कुंभ यात्रा की पूर्वसंध्या पर झूंसी शास्त्री पुल से अन्दावा मोड़ के बीच भरी बस से आयुर्वेद (BAMS) की एक छात्रा का झूंसी थाने के एक हिस्ट्रीशीटर अमित पासी और दो अपराधियों सागर यादव और विनीत पासी, जो शराब के नशे में धुत थे, ने तमंचे की नोक पर अपहरण किया। अपने अन्य 5-6 साथियों के साथ छात्रा का गैंगरेप किया और घायलावस्था में झूंसी क्षेत्र में ही उसे फेंक कर फरार हो गए।
एक दिन पहले से ही प्रधानमंत्री की वीवीआईपी ड्यूटी में लगे पुलिस और प्रशासन ने पूरी घटना, जिसे प्रयागराज के निर्भया कांड की संज्ञा दी जा सकती है, की अनदेखी की और अब लीपापोती की कोशिश की जा रही है। छात्रा के साथ यह दुर्दांत कांड तब घटित होता है जबकि प्रधानमंत्री के आगमन से 48 घंटे पहले से ही पूरे प्रयागराज और झूंसी क्षेत्र में चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की निगहबानी थी।
इससे यह यक्ष प्रश्न उपस्थित होता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था की प्राथमिकता है या धार्मिक आस्था की। गोदी मीडिया इस निर्भया कांड को पी गयी और स्थानीय गोदी अख़बारों ने पीएम के महिमा मंडन में कई पृष्ठ रंगने के बाद भीतर के पन्ने में यह खबर अंडरप्ले की है।
इस सनसनीखेज वारदात ने योगी राज में यूपी की क़ानून व्यवस्था पर फिर से सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि शहर से वाराणसी जा रही बीयूएमएस छात्रा को कार में अगवा कर उसके साथ गैंगरेप किया गया। इस दौरान दरिंदगी की हदें पार कर दी गईं। कार में ही जबरन शराब पिलाने के बाद उसे बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया।
गंभीर हालत में छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़िता का आरोप है कि मामले का विरोध करने पर उसे सिगरेट से जलाया भी गया। दुष्कर्मियों ने बेहोशी की हालत में छात्रा को झूंसी थाना क्षेत्र की सुनसान जगह पर फेंक दिया था। छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कांड में परिजनों ने 3 नामजद समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
घटनाक्रम के मुताबिक मूल रूप से बहरिया निवासी 20 वर्षीय युवती वाराणसी स्थित एक निजी कॉलेज में बीएएमएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। पीड़िता का एक आवास अल्लापुर में भी है, जहां रहकर उसने पूर्व में पढ़ाई की है। हफ्तेभर पहले परिवार में एक शादी समारोह था, जिसमें शामिल होने के लिए वह घर आई हुई थी।
शनिवार सुबह 11 बजे के करीब वह वाराणसी जाने के लिए घर से निकली। आरोप है कि अन्दावा मोड़ के पहले सागर यादव, अमित पासी, विनीत पासी व उनके 6-7 साथियों ने छात्रा को जबरन बस से उतारकर कार में ठूंस दिया और अगवा करके ले गए।
इसके बाद बलात्कारियों ने पीड़ित छात्रा को जबरन शराब पिलाकर बेल्ट से पीटा। साथ ही सिगरेट से दागा। मोबाइल, सोने की चेन व 15 हजार रुपये भी लूट लिए और फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। दुष्कर्मियों ने बेहोशी की हालत में छात्रा को झूंसी थाना क्षेत्र की सुनसान जगह पर फेंक दिया था। पुलिस ने छात्रा को बेहोशी की हालत में अंदावा से बरामद किया।
बलात्कारियों ने छात्रा के जिस्म को इतनी निर्दयता से रौंदा है कि उसे कई गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल पीड़ित छात्रा का शहर के ही एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। परिजनों ने 3 नामजद समेत 10 लोगों पर विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मगर सवाल यह है कि जिस बस से छात्रा का अपहरण हुआ उसके ड्राइवर–कंडक्टर ने या फिर बस में बैठे अन्य यात्रियों में से किसी ने झूंसी थाने या हंडिया थाने में इसमामले की जानकारी तक पुलिस को देनी जरूरी क्यों नहीं समझी क्या इतना निर्मम समाज बन चुका है हमारा, कि एक लड़की सरेराह—सरेआम अगवा कर सामूहिक बलात्कार की शिकार हो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है और समाज मुंह बंद किए बैठा हुआ है।