अमेरिकी वॉलमार्ट ने साढ़े नौ खरब रुपए में खरीदी भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट

Update: 2018-05-09 20:24 GMT

फ्लिपकार्ट की सबसे बड़ी रिटेल चेन वॉलमार्ट के साथ यह डील है देश के सबसे बड़े विलय और अधिग्रहण समझौतों में से एक

दिल्ली, जनज्वार। भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को आज अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने खरीद लिया है। वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के उच्च अधिकारियों की बेंगलुरु में हुई मीटिंग में वॉलमार्ट ने तकरीबन साढ़े नौ खरब रुपये में फ्लिपकार्ट के 70 फीसदी शेयरों को खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर कर लिये हैं।

इस बात की पुष्टि सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन ने की। वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई इस मीटिंग में वॉलमार्ट के सीईओ डग मैकमिलन समेत दोनों कंपनियों के कई अधिकारी शामिल थे। गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट की वैल्यू तकरीबन 13 खरब है। फ्लिपकार्ट की सबसे बड़ी रिटेल चेन वॉलमार्ट के साथ हुई इस डील को देश के सबसे बड़े विलय और अधिग्रहण समझौतों में एक माना जा रहा है।

गौरतलब है कि वॉलमार्ट के अलावा अमेजन की भी नजर फ्लिपकार्ट पर थी, लेकिन फ्लिपकार्ट को सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर वॉलमार्ट का ऑफर ज्यादा लुभावना लगा, इसलिए उसके साथ डील तय की गई। इस डील के मुताबिक फ्लिपकार्ट की वैल्युएशन 20 बिलियन डॉलर के लगभग आंकी गई है। फ्लिपकार्ट का कहना है कि इस डील से हमें फायदा होगा, इसलिए 70 फीसदी शेयर वॉलमार्ट को बेच दिए गए हैं। पिछले साल फ्लिपकार्ट की कीमत लगभग 12 बिलियन डॉलर आंकी गयी थी।

वॉलमार्ट के साथ हुई डील से पहले फ्लि‍पकार्ट ने 2300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक किये हैं। फ्लिपकार्ट ने अपनी सिंगापुर स्‍थि‍त पेरेंट कंपनी में 35 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन 2300 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीद लि‍ये हैं।

फ्लिपकार्ट ने ऐसा डिसीजन क्यों लिया, पर उसके उच्च अधिकारियों का कहना है कि खुद को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने के लिए फ्लिपकार्ट ने यह कदम उठाया है।

गौरतलब है कि सिंगापुर में फ्लिपकार्ट पब्लिक कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है और प्राइवेट लिमिटेड होने के लिए शेयर होल्डर की संख्या घटाकर 50 से कम करनी जरूरी होती है। शेयर बायबैक से पहले फ्लिपकार्ट के शेयरहोल्डर्स की संख्या 145 थी।
वॉलमार्ट से बेहतर ऑफर मिले, इसलिए फ्लिपकार्ट ने अपने शेयरधारकों की संख्या भी घटायी। इस डील के मुताबिक वॉलमार्ट मौजूदा शेयरधारकों से उनका हिस्सा खरीदेगी, और नया निवेश करेगी।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फ्लिपकार्ट के संस्थापनक सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट से पूरी तरह अलग—थलग होने का इरादा कर लिया है। इस कंपनी में चार हिस्सेदार रहे हैं, जिसमें सॉफ्टबैंक की 20.8 प्रतिशत, ईबे की 6.1, बिन्नी बंसल की 5.25 और सचिन बंसल की 5.55 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक ही वाॅलमार्ट फ्लिपकार्ट के दोनों संस्थापकों सचिन बंसल और बिन्नी बंसल में से सिर्फ एक को रखना चाहता है। यहां यह भी गौरतलब है कि सचिन और बिन्नी दोनों अमेजन डॉट कॉम के साथ काम कर चुके हैं। इन लोगों ने मिलकर 2007 में फ्लिपकार्ट कंपनी की स्थापना की थी और अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को बुक स्टोर से कड़ी टक्कर दी थी।

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