भ्रष्टाचार और मोदी सरकार की चाकरी के बीच फंसी सीबीआई के इंस्पेक्टर से लेकर निदेशक तक श्री श्री की शरण में जाएंगे और सीबीआई में उद्धार का रास्ता तलाशेंगे...
जनज्वार। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग एक कार्यशाला आयोजित कर रही है। रविशंकर द्वारा कार्यशाला का आयोजन के पीछे वजह बताई जा रही है कि इससे जांच एजेंसी में सकारात्मकता और ताल-मेल का संचार होगा।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस कार्यशाला में सीबीआई के तकरीबन 150 अधिकारी और कर्मचारी हिस्सेदारी करेंगे।
सीबीआई द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक आर्ट ऑफ लिविंग की कार्यशाला आज से 10, 11 और 12 नवंबर को सीबीआई के नई दिल्ली स्थिति मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में इंस्पेक्टर रैंक से लेकर सीबीआई के निदेशक पद तक के अधिकारी शामिल होंगे।
प्रेस रिलीज़ में लिखा गया है कि सीबीआई मुख्यालय में श्रीश्री रविशंकर की कार्यशाला आयोजित करने के पीछे उद्देश्य सीबीआई में सकारात्मकता का संचार बढ़ाने के साथ ही विभाग में ताल-मेल बढ़ाना और स्वस्थ वातावरण निर्मित करना है। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक श्रीश्री की कार्यशाला से हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों में उत्साह का संचार होगा और उनमें पॉजिटिव एनर्जी आएगी।
गौरतलब है पिछले कुछ समय से सीबीआई में तनाव का माहौल व्याप्त है। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच हुई तनातनी ने सीबीआई को मजाक में तब्दील कर दिया और उसकी विश्वसनीयता पर चौतरफा उंगलियां उठीं। यह भी कि किस हद तक सीबीआई सत्ता में बैठी पार्टी का तोता बन चुकी है और उसका किस हद तक इस एजेंसी पर हस्तक्षेप है। उच्च अधिकारियों के विवाद के बाद दोनों अफसरों को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जबरन छुट्टी पर भेज एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं कई अफसरों का रातोंरात तबादला भी हो चुका है।
सीबीआई के 55 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था सीवीसी से मिली एक सिफ़ारिश के बाद इतना बड़ा फैसला यानी सीबीआई के अंतरिम मामलों में हस्तक्षेप किया। प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर दोनों बड़े अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया।
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने का आरोप लगने पर सीबीआई ने पिछले दिनों अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इतना ही नहीं सीबीआई द्वारा अपने ही दफ़्तर पर छापा मारकर अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था। डीएसपी देवेंद्र कुमार को हिरासत में भेजा गया तो उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
इन सब तमाम तनावों के बाद अब सीबीआई श्रीश्री रविशंकर की शरण में पहुंची है, कि वह सीबीआई को तनावमुक्त करेंगे। सीबीआई की प्रेस रिलीज के मुताबिक एजेंसी में कामकाज और अफसरों की लाइफ में पॉजिटिविटी लाने, तालमेल बेहतर करने और खुशनुमा माहौल बनाने के लिए श्री श्री की वर्कशॉप आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।
यहां एक बात और भी गौर करने वाली है कि ये वही श्रीश्री रविशंकर हैं जिनका खुद विवादों से चोली—दामन का साथ रहा है। श्री श्री रविशंकर द्वारा दिल्ली में यमुना तट पर 2016 में आयोजित वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल में पर्यावरण नियमों में की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थीं। तब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उनके संगठन आर्ट आॅफ लिविंग को यमुना को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया था और उस पर 5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था।