नाबालिग बलात्कार मामले में आसाराम की याचिका 13वीं बार कोर्ट ने की खारिज

Update: 2019-03-26 09:40 GMT

Gujrat News : आसाराम ने कोर्ट में किया अपने खिलाफ साजिश का दावा, रेप के आरोपों को बताया झूठा

आसाराम की याचिका खारिज किए जाने का नाबालिग बलात्कार पीड़िता के पिता ने किया स्वागत, कहा इससे न्याय के प्रति लोगों की उम्मीदें बढ़ेंगी, कोर्ट से हमें न्याय मिला है, जिन लोगों ने हमारा साथ दिया हम उन सबके शुक्रगुजार हैं....

जनज्वार। आसाराम 2013 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की 16 वर्षीय लड़की का अपने जोधपुर के आश्रम में यौन उत्पीड़न करने और धमकाने के आरोप में गिरफ्तार आसाराम को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप सिद्ध होने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसी मामले में आसाराम ने सजा खत्म करने की याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में दायर कर दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा स्वयंभू संत आसाराम की याचिका आज 26 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा खारिज की गई है। इस याचिका में आसाराम ने तमाम कारण गिनाते हुए अपनी उम्रकैद की सजा खत्म या कम किए जाने की मांग की थी।

गौरतलब है कि आसाराम को नाबालिग से बलात्कार और उसके बाद जान से मारने समेत तमाम तरह की धमकियां दे डराने के मामले में अदालत ने दोषी करार ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम इस मामले में पिछले काफी समय से जेल की सलाखों के पीछे हैं।

इसी मामले में कोर्ट ने बाकी दो दोषियों जिनमें आसाराम की सेविका शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता और शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम जोकि आसाराम का प्रमुख सेवादार था, और आश्रम के रसोइये प्रकाश द्विवेदी को बरी कर दिया था।

आसाराम की याचिका खारिज किए जाने का नाबालिग के पिता ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे न्याय के प्रति लोगों की उम्मीदें बढ़ेंगी। कोर्ट से हमें न्याय मिला है, जिन लोगों ने हमारा साथ दिया हम उन सबके शुक्रगुजार हैं।

लंबे समय से नाबालिग रेप केस समेत कई अन्य मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहा आसाराम पिछले छल सालों के दौरान लगभग 13 बार जमानत की दरख्वास्त कर चुका, जिसे कठोरता से कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया।

गौरतलब है कि कानून विशेषज्ञ पहले से कहते आए हैं कि नाबालिग बलात्कार पीड़िता के बयान और अन्य साक्ष्यों के कारण आसाराम का जेल से निकलना टेढ़ी खीर होगा। इस मसले पर पीड़ित नाबालिग लड़की ने 27 दिन की लंबी जिरह में 94 पेज के बयान दर्ज कराए थे। 12 बार दी गई जमानत याचिका में से 6 को तो ट्रायल कोर्ट ने ही रद्द कर दिया था, जबकि 3 राजस्थान हाईकोर्ट और 3 सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थीं, और अब एक बार फिर कोर्ट द्वारा माफी की सजा को खारिज कर दिया गया।

घटनाक्रम के मुताबिक जिस नाबालिग की शिकायत के बाद आसाराम जेल की सलाखों के पीछे है उसने आरोप लगाया था कि 15 और 16 अगस्त 2013 की देर रात जोधपुर के एक फार्म हाउस में कथित संत आसाराम ने इलाज के बहाने उसका बलात्कार किया था। पीड़ित बच्ची द्वारा दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को एफआईआर दर्ज कराई गई। तब आसाराम पर ज़ीरो नंबर की एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसे जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया था।

नाबालिग से बलात्कार मामले में पुलिस ने आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया था। केस दर्ज होने के 12 दिन बाद 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया और जोधपुर सेशन कोर्ट में आसाराम के खिलाफ केस चला। तमाम सबूत और बयान आसाराम के खिलाफ जाने के बाद कोर्ट ने आसाराम को जेल में डाल दिया था।

देश में अति चर्चित रहे इस मामले में दर्ज आरोप पत्र में 58 गवाह पेश किये गए, जबकि अभियोजन पक्ष की तरफ से 44 गवाहों ने गवाही दी। पुलिस ने 11 अप्रैल 2014 से 21 अप्रैल 2014 के दौरान पीड़िता के बयान दर्ज किए और 4 अक्टूबर 2016 को आसाराम का बयान दर्ज किया गया था।

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