पुलिसवालों की इस इंसानियत को देखकर आप भी करेंगे सलाम

Update: 2020-05-10 06:27 GMT

कर्नाटक के 3 पुलिसकर्मियों ने जो मानवता और इंसानियत का धर्म निभाया, उसकी हो रही है हर तरफ तारीफ...

जनज्वार। कोरोनावायरस का कहर दुनिया समेत पूरे भारत में जारी है। देश में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों से मानवता को लेकर भी कई खबरें आ रही है। ऐसी ही एक कहानी कर्नाटक के मैसूर के पास चामराजनगर में दिखने को मिली, जहां पर तीन पुलिस वालों ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए मिसाल पेश की।

कोरोना की भयावहता के बीच आमतौर पर पुलिस का जिक्र उसकी क्रूरता को लेकर ही हो रहा है कि वह गरीबों—मजदूरों पर जुल्म कर रही है, मगर कर्नाटक पुलिस ने जो किया उसकी चौतरफा प्रशंसा हो रही है।

र्नाटक में मानसिक रूप से बीमार एक शख्स की मौत हो गई थी। कहा जा रहा है कि कोरोना की दहशत में उसके परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया था, जब घरवालों ने मानसिक विक्षिप्त की लाश लेने से इंकार कर दिया तो पुलिसवाले आगे आये और इंसानियत का धर्म निभाते हुए रीति-रिवाजों से उसका अंतिम संस्कार किया।

एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक 44 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को हाथी ने कुचलकर मार डाला था। मृतक क्योंकि दिमागी रूप से कमजोर था, जिस कारण पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि इस इलाके में जावनरों के इंसानों पर हमला करने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है।

ब परिजनों ने लाश लेने से इंकार कर दिया तो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मादे गौड़ा और दो अन्य पुलिसकर्मियों ने शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया। मौके पर कोई पुजारी मौजूद नहीं था, जिस कारण तीनों पुलिसकर्मियों ने खुद जमीन में गड्ढा खोदा। मादे गौड़ा शव को ढकने के लिए कफन भी खरीदकर लाए थे।

तीनों पुलिसकर्मियों ने शव को दफनाया। मादे गौड़ा ने कब्र पर अगरबत्ती भी जलाई और मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

चामराजनगर ईस्ट पुलिस स्टेशन के इंचार्ज सुनील ने इस बारे में कहा कि 'मृतक की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। तीन दिन पहले असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों ने शव का अंतिम संस्कार किया।

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