हरिद्वार के डीएम दीपक रावत के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज

Update: 2018-01-03 21:05 GMT

आत्मबोधानंद का कहना है कि उन्होंने स्टेज पर पहुंचकर सिर्फ इतना पूछा था कि दीपक रावत ने ऐसा डीएम रहते क्या किया है, जिसके लिए संस्था उन्हें सम्मानित कर रही है

संजय रावत की रिपोर्ट

हरिद्वार, उत्तराखण्ड। हरिद्वार के जिलाधिकारी पर एक पुजारी ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद द्वारा अपने गनर के साथ 25 दिसम्बर को कमरे में बंद कर मार—पीटकर बेहोश करने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए उन पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

जिलाधिकारी दीपक रावत पर धार्मिक भावनाएं आहत करने, हत्या का प्रयास आदि समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा अधिवक्ता अरुण भदौरिया द्वारा दर्ज कराया गया है।

आईपीसी की धारा 201, 295, 298, 323, 324, 325, 326, 307, 341 एवं 342 के तहत सीजीएम कोर्ट में जिलाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी महीने 27 जनवरी को इस मामले में सुनवाई होगी।

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अपने आरोप में कहा है कि जिलाधिकारी दीपक रावत उन्हें अपने सहायक गनर के साथ एक वीआईपी सभागार के कमरे में ले गया और उन्हें बुरी तरह पीटा गया। बताया जाता है कि संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद उत्तराखंड में अवैध खनन का विरोध कर रहे थे।

25 दिसंबर को रिशीकुल आॅडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में डीएम दीपक रावत को सम्मानित किया जा रहा था। इसी दौरान मातृ सदन के सदन आत्मबोधानंद ने स्टेज पर पहुंचकर इस सम्मान का विरोध किया था। इस मामले में आत्मबोधानंद का कहना है कि उन्होंने स्टेज पर पहुंचकर सिर्फ इतना पूछा था कि दीपक रावत ने ऐसा डीएम रहते क्या किया है, जिसके लिए संस्था उन्हें सम्मानित कर रही है। 

हालांकि दीपक रावत द्वारा ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद द्वारा लगाए गए आरोपों का सिरे से खंडन करने हुए कहा है कि यह उनके खिलाफ साजिश है।

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