आजमगढ़ में दलित युवक दुर्गेश कुमार हत्याकांड में परिवार ने लगाये गंभीर आरोप, पीड़ित के लिए इंसाफ मांगने वालों पर दर्ज हुई FIR

पेशे से लोको पायलट दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या के बाद किसान नेताओं ने मृतक के परिजनों से की मुलाक़ात, पिता का आरोप घर से उसे बुलाकर पीट-पीटकर मारा और जब उनका बेटा दर्द से कराह रहा था तो दर्द कम करने के नाम पर दवा कहकर जबरदस्ती जहर पिला दिया...

Update: 2025-09-10 15:27 GMT

मृतक दुर्गेश कुमार की फाइल फोटो

आजमगढ़। दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या के बाद सोशलिस्ट किसान सभा और किसान एकता समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मृतक के परिजनों से नौशेरा, जीयनपुर में मुलाक़ात की। प्रतिनिधि मंडल में किसान नेता राजीव यादव, महेन्द्र यादव, साहबदीन, नन्दलाल यादव शामिल थे।

प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि दुर्गेश कुमार की हत्या जातीय विद्वेष का नतीजा है। दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए, जिससे सामंती ताकतों की इतनी हिम्मत न हो कि किसी दलित युवक को पीट-पीटकर मार डालें। मृतक के पिता इंदल राम ने बताया कि 25 तारीख़ को गणेश यादव सात-आठ लोगों के साथ आकर धमकी दिए थे। लड़की से बात करने का मामला था, इससे स्पष्ट है कि हत्या पूर्वनियोजित थी।

दुर्गेश के पिता बार-बार कहते हुए अचेत हो जा रहे थे कि वह साढ़े पांच फुट का था। उन्होंने बताया कि घर से उसे बुलाकर पीट-पीटकर मारा और जब उनका बेटा दर्द से कराह रहा था तो दर्द कम करने के नाम पर दवा कहकर जबरदस्ती जहर पिला दिया। दुर्गेश ने फोन पर और जब उसको अस्पताल ले जा रहे थे तो कितनी बेरहमी से उसे पीटा गया बताते हुए बार-बार कह रहा था कि उसकी जान बचा लें। दुर्गेश बार-बार कह रहा था कि चाची मेरी जान बचा लो। दुर्गेश को मारने-पीटने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें उसे कुछ लोग मार-पीट रहे हैं।

चार भाई और एक बहन वाले परिवार में दुर्गेश ही अकेले कमाने वाले थे। उन्हें कुछ साल पहले लोको पायलट की नौकरी मिली थी। पिता कानूनगो के पद से सेवानिवृत्त हैं। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि जिस तरह दुर्गेश को बुलाकर मारने और किसी लड़की से बात करने की बात आ रही है ऐसे में सम्बन्धित मोबाइलों को जाँच के दायरे में रखा जाए। दुर्गेश को मारने-पीटने वाले वायरल वीडियो की सत्यता की जांच करते हुए मुक़दमे का हिस्सा बनाया जाए।

किसान नेताओं ने कहा की दुर्गेश को इंसाफ दिलाने की मांग करने वालों पर एफआईआर दर्ज करना अलोकतान्त्रिक है। एक युवक की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों पर ही एफआईआर दर्ज कर दी जाए यह कैसा इंसाफ। दुर्गेश को इंसाफ दिलाने की मांग करने वालों पर दर्ज एफआईआर तत्काल वापस ली जाए।

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