डीएम की मौजूदगी में CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

Update: 2020-02-05 07:09 GMT

रिहाई मंच ने लगाया आरोप कि DM की मौजूदगी में पुलिसिया हिंसा का शिकार हुईं महिलाएं, बच्चे और आम नागरिक

आज़मगढ, जनज्वार। जौहर अली पार्क बिलरियागंज, आज़मगढ़ में धरने पर बैठी महिलाओं पर आज 5 फरवरी की सुबह लाठीचार्ज और आसूं गैस के गोले दागने की घटना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए रिहाई मंच ने डीएम और कप्तान के खिलाफ करवाई की मांग की। मंच ने कहा कि देर रात से ही डीएम की मौजूदगी में पुलिस बर्बरता कर रही थी।

रिहाई मंच का कहना है कि कल 4 फरवरी से ही आज़मगढ के बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में कुछ महिलाएं नागरिक संशोधन कानून CAA के खिलाफ़ धरने पर बैठकर अपना विरोध दर्ज करा रही थी। शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। कल 4 फरवरी की आधी रात में तीन बस पुलिस आयी और पूरे पार्क को घेरकर वहां मौजूद लोगों को खदेड़ दिया।

Full View है कि आजमगढ़ के मौलाना जौहर अली पार्क में मंगलवार 4 जनवरी को महिलाओं ने CAA-NRC और NPR के विरुद्ध तिरंगा और पोस्टर लेकर आंदोलन शुरू किया था। धरने पर बैठने के साथ महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की। हालांकि खबर यह भी है कि यहां आंदोलन के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी। सुबह से लेकर शाम तक प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से आग्रह किया जाता रहा कि यहां आंदोलन न करें, मगर देर शाम यहां की आंदोलनकारी महिलाओं ने ऐलान कर दिया कि शाहीन बाग के धरना खत्म होने पर तक वे भी घरों को नहीं लौटेंगी। इसी चेतावनी के बाद पुलिस प्रशासन ने जबरन लोगों को वहां से उठाया और लाठीचार्ज समेत आंसूगैस के गोले भी दागे।

रिहाई मंच का कहना है कि पार्क में सिर्फ़ महिलाएं मौजूद रह जाती हैं। फिर पुलिस द्वारा महिलाओं को भी वहां से जाने को कहा जाता है, पर महिलाएं संविधान और लोकतंत्र की बात कहती हैं। पुलिस बर्बरता पर उतारू होकर लाठीचार्ज, रबर की गोलियां, वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस तक का अंधाधुंध इस्तेमाल करती है। पुलिस की बर्बरता यहीं नहीं रूकती बल्कि जिस पार्क में महिलाएं बैठी थीं वहां पानी भर देती है और घरों में घुस-घुसकर जो मिला उसको पकड़ ले गयी। जिनको पकड़ ले गयी उनके मोबाइल तक स्विच ऑफ करवा दिया गया, जिस वजह से परिवार से कान्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है। पूरे जिले में भय का माहौल आख़री पायदान पर है।

Full View पुलिसिया दमन में महिलाओं, बच्चे-बच्चियों और पुरुषों को काफी चोटें आईं हैं। सूचना मिल रही है कि रबर की गोली से तीन लोग घायल और एक महिला सरवरी ज़ख्मी हुई हैं। ये पूरी घटना अमानवीय तो है ही लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जिलाधिकारी की मौजूदगी ने बहुत से सवाल उठा दिये हैं। क्या जिलाधिकारी और पुलिस को महिलाओं के द्वारा संविधान और लोकतंत्र की बातें करना अच्छा नहीं लगा। क्या ये दमन सरकार के इशारे पर किया गया। क्या जिलाधिकारी भी अपनी शपथ भूल गए हैं।

रिहाई मंच इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि ये घटनाक्रम बहुत शर्मनाक और अमानवीय है और जिन लोगों को पुलिस उठा ले गई है उनकी तत्काल रिहाई की जाये। पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी रिहाई मंच ने उठायी है।

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