आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भीम आर्मी ने जताई असहमति, भारत बंद का किया आह्वान

Update: 2020-02-13 04:11 GMT

चंद्रशेखर आजाद ने कहा 'अदालत कह रही है अगर सरकार उन्हें अनुदान नहीं दे रही है तो हम पदोन्नति में आरक्षण का दावा नहीं कर सकते। वो हमें बड़े पैमाने पर सरकार के ऊपर छोड़ रहे हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं। ये हमारे मौलिक अधिकार हैं और हम जानते हैं कि उन्हें कैसे लेना है...

जनज्वार। भीम आर्मी के नेता चंद्र शेखर आज़ाद ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ 23 फरवरी को भारत बंद (राष्ट्रव्यापी बंद) का आह्वान किया है। शीर्ष अदालत ने फैसला दिया था कि राज्य नियुक्तियों में आरक्षण प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं हैं और पदोन्नति में आरक्षण कोटा का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है।

दिल्ली के प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में, आज़ाद ने अदालत के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “मैं अदालत का सम्मान करता हूं। अदालत इस मामले में गलतियाँ करती है। हम सब अदालत का सम्मान करते हैं और करना भी चाहिए। लेकिन अदालत ने इस मामले में गलत किया है।

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चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा, 'अदालत कह रही है कि अगर सरकार उन्हें अनुदान नहीं दे रही है तो हम पदोन्नति में आरक्षण का दावा नहीं कर सकते। वो हमें बड़े पैमाने पर सरकार के ऊपर छोड़ रहे हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं। ये हमारे मौलिक अधिकार हैं और हम जानते हैं कि उन्हें कैसे लेना है।'

दालत ने पिछले हफ्ते कहा था कि राज्य सरकारें आरक्षण लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'पदोन्नति में आरक्षण का दावा करने के लिए किसी व्यक्ति को कोई मौलिक अधिकार नहीं है। अदालत द्वारा राज्य सरकार को आरक्षण प्रदान करने का निर्देश देते हुए कोई भी आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।

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बुधवार 12 फरवरी को, आजाद ने घोषणा की कि 16 फरवरी को मंडी हाउस से संसद तक विरोध मार्च और 23 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल होगी। उन्होंने अन्य सामाजिक न्याय समूहों और संगठनों से भी हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है।

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