CAA के विरोध करने पर गिरफ्तार हुए भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को मिली जमानत
चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रोसिक्यूटर की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि उसने चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए हिंसा भड़काई थी। लेकिन तीस हजारी सेशन कोर्ट की जज कामिनी लौ ने कहा कि इसमें उसके खिलाफ कोई हिंसा की बात नहीं हैं...
जनज्वार, दिल्ली। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को दरियागंज हिंसा मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिल गई है। नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के दरियागंज में हुई हिंसा के मामले में चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चंद्रशेखर 16 फरवरी तक किसी भी तरह से कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे। इसके अलावा कोर्ट ने शाहीन बाग में चल रहे आंदोलन में शामिल होने से रोक लगाई हैं।
इसके अलावा कोर्ट ने चंद्रशेखर को चार हफ़्ते के लिए दिल्ली छोड़ने के लिए कहा है। उन्हें चार हफ्ते तक हर शनिवार को सहारनपुर थाने में जाकर हाजिरी लगाने के लिए कहा गया है।
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सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने चंद्रशेखर को फटकार भी लगाई कोर्ट ने चंद्रशेखर को कहा कि आपको इंस्टीट्यूशन और प्रधानमंत्री का सम्मान करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जो ग्रुप प्रोटेस्ट करत है। उसी पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगता है। इस मामले में पुलिस का कहना था कि प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा हुई थी और पुलिस बैरिकेडिं और दो प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान भी पहुंचा था। इसकी जवाबदेही भी चंद्रशेखर की हैं। इस दौरान चंद्रशेखर के वकील महमूद प्राचा ने कोर्ट में चंद्रशेखर के ट्वीट भी पढ़े हैं।
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चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रोसिक्यूटर की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि उसने चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए हिंसा भड़काई थी। लेकिन तीस हजारी सेशन कोर्ट की जज कामिनी लौ ने कहा कि इसमें उसके खिलाफ कोई हिंसा की बात नहीं हैं। कामिनी ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शन और धरना करना क्या गलत है। उसके साथ ही उन्होंने पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को यह याद दिलाते हुए कहा कि अगर आपने संविधान को पढ़ा होगा तो लोकतंत्र में प्रदर्शन और विरोध करना एक संवैधानिक अधिकार है।
इसके अलावा अदालत ने चंद्रशेखर को दिल्ली के एम्स में पॉलीसिथेमिया का इलाज कराने की भी अनुमति दी गई हैं। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में आजाद के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 186 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।