जिस एंबुलेंस के नहीं मिलने से बिहार में हुई बच्चे की मौत, उसका ठेका है नीतीश की पार्टी के सांसद के घर में

Update: 2020-04-12 03:55 GMT

बिहार में एंबुलेंस संचालन का जिम्मा पशुपति ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है। JDU सांसद चंदेश्वर प्रसाद के तीनों बेटे जितेंद्र, विजय और सुनील इस कंपनी में 37% के शेयरहोल्डर्स हैं।

पटनाः बिहार के जहानाबाद में हाथों में 3 साल के बच्चे की लाश लेकर बदहवास सड़क पर भागती मां के वीडियो ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं का खोखलापन सारे देश के सामने खोल कर रख दिया है. इस बच्चे की मौत एंबुलेंस न मिलने की वजह से हो गई थी और हैरान करने वाली बात यह है कि स्थानीय अधिकारियों ने शव को गांव तक ले जाने के लिए भी एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई.

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इस घटना को दुनिया के सामने लाने वाले पत्रकार ने घटना से जुड़ा एक ऐसा सच दुनिया के सामने रखा है जिसके बाद नीतीश कुमार सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल बिहार में एंबुलेंस संचालन का जिम्मा पशुपति ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (Pashupatinath Distributors Pvt. Ltd.) के पास है। जिस जहानाबाद में एंबुलेंस न मिलने से बच्चे की मौत हुई है, उसी जहानाबाद से JDU सांसद चंदेश्वर प्रसाद के तीनों बेटे जितेंद्र, विजय और सुनील इस कंपनी में 37% के शेयरहोल्डर्स हैं।

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बड़ा बेटा जितेंद्र कुमार इस कंपनी में दो साल तक डायरेक्टर भी रहा है। मार्च 2017 में वह कंपनी का डायरेक्टर बना और जुलाई में इस कंपनी को पूरे बिहार में एम्बुलेंस संचालन का काम मिल गया। इस दौरान उनके पिता चंदेश्वर प्रसाद बिहार विधानसभा के सदस्य के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे।

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सालों तक पार्टी और सरकार में बड़े पदों पर रह चुके चंदेश्वर प्रसाद नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं। 28 साल पुरानी कंपनी में चंदेश्वर प्रसाद के बेटे के डायरेक्टर बनने के तीन महीने में ही कंपनी को इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिल गया और उसी जिले में एक मासूम बच्चे की एम्बुलेंस न मिलने से मौत हो गई।

Full View में एम्बुलेंस का काम देखने वाली दूसरी संस्था 'सम्मान फाउंडेशन' है, जिसके प्रमुख इरफान आलम स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार के करीबी हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र 2017 के इस टेंडर में घालमेल की जानकारी दे रहे हैं। खैर, स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक जहानाबाद अस्पताल में एम्बुलेंस की कमी नहीं थी।

इस बीच एंबुलेंस न मिलने की वजह से 3 साल के मासूम की मौत के मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जिला प्रशासन को तीन दिन के भीतर अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, साथ ही बच्चे के परिजनों को उचित हर्जाना देने की भी बात कही है.

(यह रिपोर्ट उत्कर्ष कुमार सिंह के एफबी वाल से। उत्कर्ष एवीपी चैनल में बिहार संवाददाता हैं।)

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