सांप्रदायिकता के चतुर सुजान बनने की कोशिश में केजरीवाल

Update: 2017-08-03 14:49 GMT

23 अगस्त होने वाले विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने अबकी बार हिंदू सांप्रदायिकता का कार्ड खेला है, जिसमें भाजपा का दिल्ली में एकाधिकार है...

जनज्वार। वैसे तो आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने स्वयं कभी भी सांप्रदायिकता को लेकर सख्त रवैया नहीं अख्तियार किया, लेकिन अब वह हिंदू सांप्रदायिकता के खेमे में खुलकर खेलने की तैयारी कर चुके हैं। संभवत: उनकी यह राजनीतिक हताशा उस हार का नतीजा होगी, जो उन्हें पिछले चुनावों में झेलनी पड़ी है।

ईमानदारी, नई राजनीति और जन राजनीति को बेचकर अघा चुके अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए सांप्रदायिकता की गिरगिटई आखिरी दांव साबित होगी।

आगामी 23 अगस्त को दिल्ली के बवाना विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। वहां आम आदमी पार्टी ने अपने आधे से अधिक विधायक झोंक रखे हैं। पर्चा दाखिले में ही आप के 12 विधायक पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री केजरीवाल का स्पष्ट निर्देश है कि जो भी हो, हमें यह सीट चाहिए।

अप्रैल में यह सीट तब खाली हुई थी जब दिल्ली नगर पालिका चुनाव से ऐन पहले आप विधायक वेद प्रकाश पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी की ओर से उपचुनाव में वेद प्रकाश विधायक पद के प्रत्याशी हैं, तो आम आदमी पार्टी की ओर से रामचंद्र हैं, जो इंडिया अगेंस्ट करप्शन में सक्रिय रह चुके हैं।

पर यहां रामचंद्र की छवि से पार्टी जीतने की हालत में नहीं है, क्योंकि वेद प्रकाश रामचंद्र के मुकाबले मजबूत कैंडिडेट हैं। एक बात और कि पार्टी मुखिया के तौर पर अरविंद की छवि रसातल में तो मोदी की छवि आकाश में गूंज रही है।

ऐसे में हार की हर स्थिति को दरकिनार करने के मकसद से आप पार्टी नेता संजय सिंह ने बवाना क्षेत्र से भाजपा के हिंदू सांप्रदायिक नेता और पूर्व विधायक गुग्गन सिंह को पार्टी में बड़े गर्व से शामिल किया है, जिसे खुद आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान 2014 में दंगाई नेता और फसादी छवि वाला बता चुके हैं।

स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम सिंह ने आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल के खासमखास आशीष खेतान के ट्वीट अपने ट्वीटर एकाउंड पर शेयर करते हुए आम आदमी पार्टी के दोगले चरित्र की तरफ इशारा किया है।

गौरतलब है कि 30 जुलाई को आप नेता संजय सिंह ने गुग्गन सिंह के आप में शामिल होने को लेकर ट्वीट किया है कि 'बवाना से भाजपा के पूर्व विधायक गुग्गन सिंह अपने हजारों समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी परिवार में शामिल हुए।'

इन्हीं गुग्गन सिंह को आशीष खेतान अपने ट्वीटर एकाउंट पर दंगाई छवि का बताते हुए 3 नवंबर, 2014 को लिखते हैं कि 'भाजपा विधायक गुग्गन सिंह और उनके लोगों ने बवाना में एक महापंचायत आयोजित की, जिसमें सांप्रदायिक नारे और नफरत फैलाने का काम किया गया।'

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