भाजपा नेता डीपीएस राठौर ने चिन्मयानंद से सेक्स सीडी के बदले मांगे थे सवा करोड़ रुपये!

Update: 2019-11-07 03:30 GMT

एसआईटी ने छात्रा बलात्कार केस में आरोपित भाजपा नेता चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में एक बीजेपी के ही नेता और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर और स्थानीय बीजेपा नेता अजीत सिंह को किया है आरोपित, कहा डीपीएस राठौर के पास पेन ड्राइव में मौजूद थे चिन्मयानंद के अश्लील वीडियो

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद सेक्स सीडी कांड की साजिश का मामला गहराता चला जा रहा है और इसके तार भाजपा के भीतर चल रहे आंतरिक सत्ता संघर्ष से जुड़ता नज़र आ रहा है। स्वामी चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण में एसआईटी ने बुधवार 6 नवंबर को सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसी के साथ ही दुष्कर्म के आरोपी चिन्मयानंद और फिरौती मामले में आरोपी छात्रा और उसके दोस्त संजय सिंह, सचिन, विक्रम को भी कोर्ट लाया गया।

चिन्मयानंद मामले में एसआईटी ने करीब दो महीने की विवेचना के दौरान 47 सौ पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। विवेचना के दौरान 105 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। एसआईटी ने कुल 79 साक्ष्य संकलित किए हैं, जिनमें 24 महत्वपूर्ण भौतिक और 55 अभिलेखीय साक्ष्य हैं।

सआईटी को अंतिम स्टेटस रिपोर्ट शपथ पत्रों के साथ 28 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश करनी है। चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ छात्रा के अपहरण व जान से मारने की धमकी दिए जाने की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज हुई थी। इससे पहले चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह की ओर से चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने की रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में दर्ज कराई गई थी।

मामले की जांच कर रही एसआईटी ने चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में बीजेपी के नेता और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर और स्थानीय बीजेपा नेता अजीत सिंह का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया है। एसआईटी का कहना है कि भाजपा नेता डीपीएस राठौर के पास पेन ड्राइव में अश्लील वीडियो मौजूद थे।

त्तर प्रदेश पुलिस ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा को राजस्थान से उसके दोस्त के साथ बरामद किया था। एसआईटी के मुताबिक भाजपा नेता डीपी सिंह ने छात्रा की वहां पहुंचने में मदद की। डीपी सिंह और अजीत सिंह पर धारा 385, 506, 201 लगायी गयी है, जिसके तहत वसूली की कोशिश, आपराधिक धमकी और अपराध के साक्ष्य छुपाना शामिल हैं। इन्हीं अश्लील वीडियो के आधार पर बीजेपी नेता डीपीएस राठौर ने चिन्मयानंद से सवा करोड़ रुपये मांगे थे।

दो महीने में 4700 पन्नों चार्जशीट पूरी की गई है। पूरी विवेचना में सारे वीडियो और ऑडियो की एफएसएल से जांच कराई गई थी, जो सही पाए गए हैं और धारा 67 ए भी सही पाई गई। चिन्मयानंद यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले और आरोप लगाने वाली छात्रा द्वारा 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में स्थानीय पुलिस और कॉलेज की स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी गयी है।

डीपीएस राठौर भाजपा के यूपी उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई हैं। डीपीएस को शाजहांपुर में बीजेपी के सक्रिय नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वह शाहजहांपुर में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा भाजपा के कार्यक्रमों में अक्सर मंच पर देखे जाते हैं। वह राजस्थान के दौसा में भी मौजूद थे, जहां एसआईटी की टीम ने 30 अगस्त को मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के निकट आरोप लगाने वाली छात्रा को बरामद किया था।

लात्कार आरोपी चिन्मयानंद से वसूली के मामले में पीड़िता समेत उसके दोस्त संजय सिंह, सचिन और विक्रम जेल में हैं। चारों पर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर 5 करोड़ रुपए मांगने का आरोप है। 24 अगस्त को पीड़िता ने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया। इसके बाद वह गायब हो गई। पीड़िता के पिता की तहरीर पर मीडिया में खबरें आने के बाद एफआईआर दर्ज हुई। इस एफआईआर में चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगी।

बीती 20 सितंबर को एसआईटी जांच के बाद चिन्मयानंद पर धारा 376(सी) के तहत कार्रवाई की गई। इसके बाद तुरंत चिन्मयानंद अस्पताल में भर्ती हो गए। पीड़ित छात्रा को वसूली के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। डिस्चार्ज होने के बाद चिन्मयानंद को भी जेल भेज दिया गया। दोनों फिलहाल जेल में हैं।

सआईटी की मानें तो बीजेपी नेता डीपीएस राठौर के पास भी पेन ड्राइव में अश्लील वीडियो बरामद किये गये। उन्हीं अश्लील वीडियो के आधार पर बीजेपी नेता डीपीएस राठौर ने चिन्मयानंद से सवा करोड़ रुपये मांगे थे। इसके अलावा डीपीएस राठौर के एक और साथ ही अजीत सिंह का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि लॉ कॉलेज की छात्रा ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद ने कहा कि लॉ कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप पांच करोड़ की रंगदारी न मिलने के बाद लगाया, जिसमें उसके तीन दोस्त भी शामिल थे। लेकिन इस पूरे मामले में बीजेपी नेता का सवा करोड़ मांगने के मामले में यहां राजनीति में हलचल पैदा हो गई है।

चिन्मयानंद प्रकरण में एसआइटी की जांच करीब 60 दिन तक जांच चली। 79 साक्ष्य जुटाए गए। 105 लोगों से पूछताछ की गई। दोनों मामलों में सात आरोपित बनाए गए, जिनकी 4700 पेज की केस डायरी तैयार हुई। बीस-बीस पेज की चार्जशीट बनाई गईं। पांच आरोपित जेल में हैं, जबकि दो अन्य की गिरफ्तारी होगी या नहीं इस बारे में फैसला कोर्ट को करना है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हो रहीं दोनों जांच की निगरानी हाईकोर्ट कर रहा था। एसआइटी ने एक-एक साक्ष्य की फॉरेंसिक जांच कराई। बयानों के आधार पर घटनाओं का एक-दूसरे से कनेक्शन जोड़ा।

कॉलेज के हास्टल में छात्र के कमरे से लेकर दिव्यधाम तक जांच की गई और वहां से 24 भौतिक व 55 अभिलेखीय साक्ष्य एकत्र किए गए। गवाह बने कार चालक अनूप की ओर से दिए गए वीडियो, चिन्यमानंद, सचिन, ओम सिंह आदि के मोबाइल फोन का लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फॉरेसिंक प्रशिक्षण कर मिरर इमेज तैयार कराई गयी।

म सिंह व चिन्मयानंद के मोबाइल फोन से जो डाटा डिलीट हुआ था, उसे रिकवर करने के लिए फोन लखनऊ के अलावा गुजरात की गांधीनगर स्थित डायरक्ट्रेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा गया, ताकि पता चल सके कि इन साक्ष्यों से कोई कट-पेस्ट या टैंपरिंग तो नहीं हुई।

सआईटी के मुताबिक चिन्मयानंद को जिस नंबर से धमकी भरा मैसेज, अश्लील वीडियो के स्क्रीन शॉट व फोटो भेजे गए उनकी जांच कराने पर गांधी नगर लैब से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले। उसमें पता चला कि संजय ने दिव्यांशु नाम के युवक से फेक आइडी पर सिम लेकर उस पर वाट्सएप इंस्टाल किया। उसी से चिन्मयानंद के नंबर पर मैसेज भेजा। उसके अलावा वीडियो और स्क्रीन शॉट भी भेजे, लेकिन चिन्मयानंद ने ओम सिंह को सिर्फ मैसेज भेजा। फोटो व स्क्रीन शॉट नहीं। मैसेज व स्क्रीन शॉट जांच में रिकवर हुए। जो वीडियो वायरल हुए या टीम को मिले उनकी स्वयं जांच करने की बजाय पहले लैब से मिरर इमेज तैयार कराई, ताकि कोर्ट में साक्ष्यों को लेकर कोई दिक्कत न हो।

जांच के दौरान एसएस कॉलेज के हॉस्टल व दिव्यधाम से कुछ चीजों को साक्ष्य के रूप में लिया गया था। जिनकी लैब से जांच कराई गई। वहां से लिए गए कटोरी, पर्दे व तौलिए का मालिश के दौरान बने वीडियो से मिलान करते हुए लैब ने पुष्टि की, जिससे साबित हुआ कि चश्मे से बने वीडियो में दिख रहीं चीजें वही हैं। सभी की सीडीआर से कॉल डिटेल व सर्विलांस से लोकेशन निकाली गयी । एक साथ व अलग-अलग जगह रुकने के साक्ष्य जुटाए। होटल, बैरियर क्रॉस करने, गेस्ट हाउस रुकने, बुकिंग में आइडी लगाने समेत अन्य साक्ष्य निकाले। होटल में जो सीसीटीवी फुटेज मिले वह भी लैब में भेजे गए। फुटेज 65 बी फार्म के तहत प्रमाण पत्र से हासिल किए, जिन्हें कोर्ट में पेश किया गया।

च्चतम न्यायालय के आदेश पर एसआईटी को जांच तो दुष्कर्म व रंगदारी मामले में करनी थी, लेकिन जांच के दौरान उसे कुछ और गड़बड़यिां मिलीं, जिनकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। एसआइटी ने दो और रिपोर्ट तैयार की हैं, जिनमें से एक रिपोर्ट इस पूरे प्रकरण के दौरान पुलिस की गतिविधि से संबंधित है। इस संबंध में पूरी जानकारी शासन को दी जाएगी। इसके अलावा एसएस कालेज प्रबंधन के स्तर पर भी कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं, वे भी रिपोर्ट के रूप में शासन को दी जाएंगी। इन दोनों रिपोर्ट पर कार्रवाई के बारे में शासन निर्णय लेगा।

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