भाजपा विधायक पर बैट कांड पड़ा भारी, पार्टी ने दिया नोटिस तो  जर्जर भवन भी हुआ ध्वस्त

Update: 2019-07-06 04:50 GMT

भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के बैट कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जताई थी सख्त नाराजगी, बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में मोदी ने कहा था कि ऐसा करने वालों को पार्टी से निकाल देना चाहिए, चाहे वे किसी के बेटे हों...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

राजनीति में एक गलत कदम का दूरगामी प्रभाव होता है। भाजपा में बयानबाजी और मॉब लिंचिंग तक तो फिर भी चल सकता है, पर कानून हाथ में लेकर अधिकारियों को सरेआम पीटना थोड़ा ज्यादा हो जाता है, जो सूचना विस्फोट के इस युग में पार्टी और शीर्ष नेतृत्व के लिए किरकिरी का सबब बन जाता है। मजबूरी में पार्टी को कार्रवाई करनी पड़ती है।

ब इसे क्या कहा जाय कि इंदौर में जिस जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण को रोकने की खातिर पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने बल्ला चलाया था, उसे निगम ने आज जमींदोज कर दिया। यानि माया मिली न राम वाली स्थिति हो गयी।

ध्यप्रदेश के इंदौर में नगर निगम ने शुक्रवार 5 जुलाई को उस मकान को जमींदोज कर दिया है, जिसके लिए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बल्ला चलाया था।26 जून को जब निगम अधिकारी इस मकान को जमींदोज करने के लिए पहुंचे थे, तो आकाश की उनसे झड़प हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने बल्ले से अधिकारी पर हमला कर दिया था।

ससे पहले 2 जुलाई को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मकान को जमींदोज के इंदौर नगर निगम के फैसले पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने इस मुहिम से प्रभावित होने वाले परिवार को फौरी राहत प्रदान करते हुए शहरी निकाय को आदेश दिया था कि मकान जमींदोज किए जाने से पहले उसे दो दिन के भीतर अस्थायी निवास की वैकल्पिक सुविधा मुहैया कराई जाए।

च्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने करीब सवा घंटे तक दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद इस पर फैसला सुनाया था । प्रभावित परिवार के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया था कि अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि जर्जर मकानों को जमींदोज करने की इंदौर नगर निगम की मुहिम चूंकि जनता के व्यापक हितों में है इसलिए वह इस अभियान में दखल नहीं देगी।

स बीच भारतीय जनता पार्टी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। इससे पहले आकाश विजयवर्गीय के इस कृत्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सख्त नाराजगी जताई थी। बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसा करने वालों को पार्टी से निकाल देना चाहिए, चाहे वे किसी के बेटे हों।

गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले इंदौर नगर निगम की टीम गंजी परिसर क्षेत्र में एक जर्जर मकान को गिराने पहुंची थी। इसकी सूचना मिलने पर बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय की नगर निगम कर्मियों से नोकझोंक हो गई और आकाश ने नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी। इस घटना को लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराया गया और आकाश को जेल भेज दिया था।

प्रभावित परिवार गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के विवादग्रस्त मकान में किरायेदार की हैसियत से पिछले कई वर्षों से रह रहा है। उसने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि शहरी निकाय ने उसका घर ढहाने का निर्णय करने से पहले उसे नियम-कायदों के तहत सुनवाई का पर्याप्त मौका नहीं दिया। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि गंजी कंपाउंड के मकान को गिराना कानूनी तौर पर कहीं गलत नहीं, मगर नगर निगम इससे पहले किरायेदार के रहने की अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था करे।

इंदौर तीन से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारियों को समझाया कि अगर आप 5 मिनट में यहां से नहीं गए तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस दौरान उन्होंने जेसीबी मशीन की चाबी भी निकाल ली। जब निगम कर्मी पीछे नहीं हटे तो आकाश अपने हाथ में बल्ला लेकर उनकी पिटाई करने लगे। विवाद इतना बढ़ा कि विधायक ने बैट उठा लिया और निगम अफसर धीरेंद्र बायस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

नके साथ आए कार्यकर्ताओं ने भी अफसर से मारपीट की। इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हो गया। इस घटना के बाद आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया था। आकाश के खिलाफ थाना एमजी रोड में धारा 353, 294, 506, 147, 148 के तहत मामला दर्ज किया गया। आकाश विजयवर्गीय को बाद में जमानत मिल गई।

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