दंगा भड़काने की कोशिश में बंगाल से फिर भाजपा नेता गिरफ्तार

Update: 2017-07-13 22:22 GMT

दिल्ली। लगता है बीजेपी नेताओं ने फेक वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सांप्रदायिकता को और ज्यादा भड़काने का ठेका ले लिया है। पहले भाजपा प्रवक्ता नूपूर शर्मा ने बंगाल स्थित 24 परगना के बशीरहाट में हुई हिंसा की फोटो कहकर गुजरात दंगों की फोटो पोस्ट कर दी थी। अब बंगाल में ही बीजेपी के आईटी सेल के नेता तरुण सेन गुप्ता ने पिछले दिनों राज्य में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वीडियो और तस्वीरें बताकर फेक न्यूज सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का काम किया है।

हालांकि नुपूर पर फेक तस्वीरों से सांप्रदायिकता भड़काने के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और बीजेपी आईटी सेल से जुड़े तरुण सेनगुप्ता की गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल में सीआईडी द्वारा आसनसोल के हीरापुर से की जा चुकी है। इससे पहले कोलकाता पुलिस की साइबर सेल 24 परगना में हुई हिंसा मामले में ही हरियाणा भाजपा से जुड़े विजेता मलिक को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

विजेता मलिक ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर साझाा की थी, जिसमें कुछ लोग एक महिला को प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने यह कहते हुए तस्वीर साझा की थी कि, देखिए वास्तव में 24 परगना ज़िले में क्या हो रहा है। जब इस तस्वीर की जांच की गई तो यह भोजपुरी फिल्म की फोटो निकली।

वहीं तरुण सेनगुप्ता मामले में सीआईडी ने बताया कि तरुण सेनगुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अधिकारी का वीडियो अपलोड कर दिया था, जो कि निर्दोष व्यक्ति को मार रहा था। सेनगुप्ता ने संवेदनशील वीडियो और फोटो अपलोड किया थे, जिसके लिए उन पर गैर-जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

एक के बाद बीजेपी नेताओं और आईटी सेल से जुड़े नेताओं की सांप्रदायिकता को और ज्यादा बढ़ावा देने वाली घटनाओं में संलिप्तता जिस तरह सामने आ रही है, उससे लगता है कि यह सब प्रायोजित तौर पर किया जा रहा है। खासकर यह घटनाएं वहां सामने आ रही हैं, जहां कि बीजेपी सत्ता में नहीं है।

बीजेपी आईटी सेल की इन मामलों में संलिप्तता से जाहिर है कि देश खासकर गैर बीजेपी शासित राज्यों में सांप्रदायिकता फैलाने का काम बृहद पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे कि बीजेपी उन राज्यों में अपने पैर पसार सके और आने वाले चुनावों में हिंदू वोटों पर एकतरफा कब्जा हो जाए।

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