भाजपा विधायक ने कहा, दीपिका पादुकोण की पोर्न मूवी भी होती तो उसे भी कांग्रेस सरकार कर देती टैक्सफ्री
इससे पहले भी भाजपा विधायक दे चुके हैं विवादित बयान, कहा था दीपिका पादुकोण का नाचने गाने का काम है, वह बस वही करें तो अच्छा है...
भोपाल, जनज्वार। मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक गोपाल भार्गव ने दीपिका पादुकोण की आगामी फिल्म छपाक के मध्य प्रदेश में टैक्स फ्री होने पर विवादित बयान दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर दीपिका पादुकोण की पोर्न मूवी भी होती तो उसे कांग्रेस टैक्स फ्री कर देती।
गौरतलब है कि 9 जनवरी को भी बीजेपी विधायक गोपाल भार्गव ने हरदा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेएनयू के मसले पर कहा था कि 'हीरोइन ( दीपिका पादुकोण) को तो अपना डांस करना चाहिए मुंबई में बैठकर। जेएनयू में क्यों जाना चाहिए था उसको, मेरे समझ नहीं आ रहा। इस प्रकार के दर्जनों लोग हो गये हैं जो एक्टिविस्ट कहलाते हैं।' अब उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर दीपिका पादुकोण की पोर्न मूवी भी होती तो उसे कांग्रेस टैक्स फ्री कर देती।
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कल 9 जनवरी को ही मध्य प्रदेश सरकार ने 'छपाक' फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया था, जिसकी जानकारी खुद सीएम कमलनाथ ने अपने टि्वटर हैंडल से दी। साथ ही छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट ने भी फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया, जिसकी जानकारी सुबह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने अपने ट्विटर के माध्यम से दी।
8 जनवरी की रात में बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जेएनयू स्टूडेंट के समर्थन में पहुंची थीं। वहां उन्होंने जेएनयू स्टूडेंट प्रेसिडेंट आईसी घोष से बात की, तभी से ट्विटर पर एक तबका उनके फिल्म के विरोध में नजर आने लगा। साथ ही बीजेपी नेताओं ने भी अलग-अलग तरह से बयानबाजी की और उनकी फिल्म के बायकाट करने की बात की।
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आज एनएसयूआई भोपाल के कार्यकर्ताओं ने छात्र छात्राओं के लिए छपाक मूवी की निशुल्क टिकट की व्यवस्था की थी, जिन छात्र-छात्राओं ने अपना आईडी कार्ड दिखाया उन्हें फ्री टिकट प्रदान की गई। जेएनयू में छात्रों की आवाजों को बुलंद करने के लिए दीपिका पादुकोण जब से गयी हैं तब से भाजपा उनकी फिल्म का विरोध कर रही है।
एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी जनज्वार से बातचीत में कहते हैं कि जेएनयू में छात्रों की आवाजों को बुलंद करने के लिए दीपिका पादुकोण जब जाती है और भाजपा उनकी पिक्चर का विरोध करती है और उसके बाद भाजपा पूरे देश भर में उनके पिक्चर का विरोध करती है पिक्चर का बहिष्कार करती है। अगर भाजपा को विरोधी करना है तो एसिड अटैक करने वालों का विरोध करना चाहिए ना कि उस विषय पर बनाई गई पिक्चर का जिसमें एक एसिड अटैक पीड़िता के जीवन में आने वाली चुनौतियां और कठिनाइयों को दर्शाया है आज भाजपा को स्पष्ट करना होगा कि वह एसिड अटैक पीड़िता के साथ खड़े हैं। एसिड अटैक करने वालों के साथ।
वे आगे कहते हैं कि देशभर में जितनी भी एसिड अटैक पीड़िता है उनके समर्थन में एनएसयूआई में टिकट बाटी है हम दीपिका पादुकोण का भी समर्थन करते हैं जिन्होंने साहसिक कदम उठाकर छात्र संघ की अध्यक्ष जी पर प्राणघातक हमला हुआ, उनके साथ खड़ी हुई। जिस प्रकार से छात्र-छात्राएं देशभर में छपाक देखना चाहते हैं, छपाक सुपरहिट होगी और यह बीजेपी पर एक करारा तमाचा होगा।
बीजेपी विधायक नेता प्रतिपक्ष के बयान के विषय पर प्रतिक्रिया मांगने पर वे कहते हैं क्या माननीय मुख्यमंत्री जी से जल्दी निवेदन करने वाले हैं कि वह बीजेपी कार्यालयों में जल्द से जल्द मनोचिकित्सक की व्यवस्था कराएं। चुनावों में हार के बाद से जिस प्रकार से नेता प्रतिपक्ष और सांसद बौखलाए हुए हैं इनके एक विधायक ने भी आपत्तिजनक बात की हैं इसे देखकर लगता है कि उन्हें मनोचिकित्सक की जरूरत है और कमलनाथ सरकार जल्दी बीजेपी कार्यालयों के लिए मनोचिकित्सक की व्यवस्था करेगी।
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आज 10 जनवरी को इंदौर में सपना संगीता स्थित पीवीआर के सामने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा नगर अध्यक्ष राजेश शिरोडकर के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा करते हुए फिल्म का विरोध किया और फिल्म को बैन करने की मांग की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने दीपिका की फिल्म के पोस्टर भी जलाए। राजेश शिरोडकर ने कहा कि दीपिका पादुकोण कन्हैया कुमार जैसे लोगों के साथ मंच साझा करती हैं, इसीलिए हम इनकी फिल्म का विरोध कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'छपाक' फिल्म को लेकर राजनीति न करने की अपील की हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये कहा कि फ़िल्मों व कलाकारों को दलों में, विचारधाराओ में बाँटना व राजनीति से जोड़ना पूरी तरह से ग़लत परंपरा। यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है। कई फ़िल्में अच्छे सामाजिक संदेश के साथ व सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती हैं। कलाकार भी एक इंसान है, उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज़ादी है। उसके लिये उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना क़तई उचित नहीं।
कमलनाथ ने कहा, विचारधारा के आधार पर एक फ़िल्म का सपोर्ट, एक का विरोध, यह हम देश को कहाँ ले जा रहे हैं? सभी फ़िल्मों को, सभी कलाकारों को एक नज़रिये से देखना चाहिये।कलाकारों को बाँटना क़तई सही नहीं। मैं तो जनता से अपील करता हूँ कि वे अपनी सोच, विचार, मनोरंजन व पसंद अनुसार कोई भी फ़िल्म देखें, यह उनका अधिकार है। देश में किसी को हक़ नहीं कि वो हमें बताये कि हम क्या देखें, कौन सी फ़िल्म देखें, कौन सी नहीं। सभी फ़िल्में कोई ना कोई अच्छा व सामाजिक संदेश लेकर आती हैं।