भाजपा सांसद अजय भट्ट ने बतायी वो तकनीक जिससे बच्चा पैदा करने के लिए ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी!

Update: 2019-07-18 16:12 GMT

अजय भट्ट दावे के साथ कहते हैं संसद में कि अगर किसी गर्भवती महिला को डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी बतायी हो और उसे गरुड़ गंगा के पत्थर का एक कप पानी घिसकर पिलाया जाये तो हो जायेगी नॉर्मल डिलीवरी...

जनज्वार। देवभूमि के नाम से ख्यात उत्तराखण्ड से सांसद अजय भट्ट संसद में भाषण देते हुए खुद भी किसी 'देवपुरुष' से कम नजर नहीं आते। संसद में वो एलोपैथ को दरकिनार कर भारत में मौजूद तमाम पैथियों और चमत्कारों की पुनर्स्थापना करते हुए साबित करने की कोशिश करते हैं कि हमारे देश के चमत्कार विज्ञान से कहीं आगे हैं। किसी विशेष पत्थर को रगड़कर उसका एक कप पानी अगर ऐसी गर्भवती महिला को पिला दिया जाये जिसे डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी बतायी हो, तो यह पानी पीने से उसकी डिलीवरी नॉर्मल होगी।

संसद में तमाम चमत्कारों पर माननीय अजय भट्ट जिस तरह भाषण दे रहे थे, उससे लग रहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी और निशंक से भी ज्यादा विद्वान हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री महोदय भी मानते हैं कि देश में प्लास्टिक सर्जरी पहले से मौजूद है। गणेश के सिर पर हाथी का सिर लगाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। माननीय कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी कई चमत्कारपूर्ण जानकारियां साझा कर चुके हैं। अब जिस तरह की जानकारियां अजय भट्ट संसद में साझा करते नजर आये, उससे लगता है कि इन्हें मोदी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री बनाया जाना चाहिए था। इनके पास वो तकनीक है जिससे बच्चे पैदा करने में आपरेशन की जरूरत ही नहीं पढ़ेगी।

अजय भट्ट कैसे दे रहे विज्ञान को चुनौती आप भी देखिए :

Full View के एक वैद्य का हवाला देते हुए अजय भट्ट जी विज्ञान को भी चुनौती देते हैं कि वो पेनक्रियाज में कैंसर या फिर वह किसी तरह से डैमेज हो जाये, उसका विश्वभर में कहीं इलाज नहीं है, मगर मैं यहां पर लिखकर देता हूं कि यहां पर भी एलोपैथ का कोई डॉक्टर हो, हां फारुख साहब हैं, वो बतायें, उसका कहीं इलाज संभव नहीं है। मगर एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं वैद्य बालेंदु जो उत्तराखंड के रुद्रपुर में रह रहे बालेंदु में रहते हैं। उनके वहां देश—विदेश के मरीजों की भीड़ लगी रहती है। वहां से गंभीर पेनक्रियाज रोगी ठीक होते हैं। वहां लिस्ट लगी है ठीक होने वाले मरीजों की, लोग कहते हैं उन्होंने हमें जिंदगी दी है।

युर्वेद का पैतृक पैथी करार देते हुए अजय भट्ट दावा करते हैं कि इनकी काट कहीं संभव नहीं है, मगर यह उदाहरण देते हुए वह कहीं भूल जाते हैं कि जहां पिछले दिनों उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश की विदेश में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी तो वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की कैंसर से ही मौत हुई थी। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि यह ज्ञान माननीय अजय भट्ट जी ने बीमारियों से जूझ रहे अपने वरिष्ठ नेताओं को क्यों नहीं दिया, ताकि वह ठीक हो जाते। या अभी भी वह उन नेताओं को अपना यह बहुमूल्य ज्ञान क्यों नहीं देते जो कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं।

जय भट्ट यहीं नहीं रुकते, बल्कि किसी वैद्य पैन्युली का नाम लेकर बताते हैं कि वो पत्ते चुसाने वाले या फिर चूरन से किसी भी तरह की खराब किडनी को ठीक कर देते हैं। इनका चूरन खाने से डायलिसिस वाला रोगी भी सामान्य हो जाता है, उसका डायलिसिस बंद हो जाता है। वैद्य पैन्युली ने कई ऐसे लोगों को जीवन दिया है जिनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं।

सी के साथ अजय भट्ट बदरीनाथ के रास्ते में पड़ने वाली गरुड़ गंगा के महात्म्य की कथा भी साझा करना नहीं भूलते, कहते हैं उसके पत्थर को अगर घर के अंदर रखते हैं तो सांप और बिच्छू नहीं आता। यही नहीं सांप—बिच्छू काट दे तो गरुड़ गंगा का पत्थर घिसने पर वह जहर खींच लेता है। इससे भी बढ़कर वो बताते हैं कि अगर किसी गर्भवती महिला को डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी बतायी हो और उसे गरुड़ गंगा के पत्थर का एक कप पानी घिसकर पिलाया जाये तो नॉर्मल डिलीवरी हो जायेगी।

संसद में दिये गये अजय भट्ट के भाषण को साझा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी लिखते हैं, 'होम्योपैथी और आयुर्वेद पर संसद में हमारे सांसद अजय भट्ट जी का दिया गया जानकारीपूर्ण वक्तव्य सुना जाना चाहिए। इसे सुनकर यह बात भी समझ में आती है पिथौरागढ़ में पुस्तकों और शिक्षकों के लिये आंदोलन कर रहे छात्रों की बात क्यों नहीं सुनी जा रही है, उसके कारण भी इस वक्तव्य में हैं। जब देश के सबसे बड़े मंच पर किसी विचार या समझ की जरूरत नहीं तो फिर पुस्तकालय और शिक्षकों की तो जरूरत क्या है?'

Similar News