थियेटर हो या फिल्म, सभी बहुत याद करेंगे टॉम ऑल्टर को

Update: 2017-09-30 08:25 GMT

टॉम ऑल्टर ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत धर्मेंद्र की फिल्म 'चरस' से किया था। इससे पहले वह नाटकों में काफी काम कर चुके थे और खासे चर्चित भी थे। टॉम ऑल्टर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं...

जनज्वार, दिल्ली। तीन पीढ़ी पहले अमेरिका से आकर भारत में बसे और करीब 3 सौ फिल्मों में काम कर चुके प्रसिद्ध अभिनेता टॉम ऑल्टर के परिवार ने कल शुक्रवार की शाम उनके मौत की औपचारिक घोषणा की। घोषणा करते वक्त परिवार ने अन्य बातों के साथ यह भी कहा कि उनके प्राइवेसी का ख्याल रखा जाए।

एक परिवार जब अपने एक अजीज के मौत के दुख में है तो उसे यह भी मीडिया को याद कराना पड़ता है कि मृतक की प्राइवेसी का ख्याल रखा जाए। ओह! मीडिया के लिए कितनी शर्मींदगी की बात है। खैर!

लंबे समय से कैंसर से पीड़ित भारतीय फिल्मों के अभिनेता और थिएटर कलाकार 67 वर्षीय टॉम अल्टर का 29 सितंबर को मुंबई में निधन हो गया। टॉम ऑल्टर स्किन कैंसर से पीड़ित थे। उनका इलाज मुंबई के सैफी अस्पताल में हो रहा था।

टॉम ऑल्टर के डॉक्टरों के मुताबिक टॉम स्किन कैंसर 'सेल कार्सिनोमा' के मरीज थे। वे कैंसर की  फोर्थ स्टेज में थे। कैंसर के इलाज में फोर्थ स्टेज जिंदगी का आखिरी स्टेज माना जाता है। थियेटर और फिल्मों में अभूतपूर्व योगदान के टॉम को 2008 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा अपने क्षेत्र के धुरंधरों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है।

टॉम ऑल्टर ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत धर्मेंद्र की फिल्म 'चरस' से साल 1976 में किया था। इससे पहले वह नाटकों में काफी काम कर चुके थे और खासे चर्चित भी थे। टॉम ऑल्टर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं।

हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी पर एक समान अधिकार रखने वाले टॉम ऑल्टर को जानने वालों का कहना है कि उनकी उर्दू सबसे कमाल की थी। टॉम का जन्म 1950 में मसूरी में हुआ। उन्होंने वूडस्टॉक स्कूल में पढ़ाई की और इसके बाद थोयेल यूनिवर्सिटी में पढ़े। वे भारत में तीसरी पीढ़ी के अमेरिकी थे. उन्होंने 1972 में उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में एडमीशन लिया.

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