खुलासा : बिना नोटिस और बिना जांच मोदी-शाह को चुनाव आयोग दे रहा है क्लीनचिट

Update: 2019-05-07 03:16 GMT

चुनाव आयोग को 2019 लोकसभा में संदेहास्पद रोल, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन की मिल रही है विशेष छूट, ऐसे में कैसे बचेगा देश में संविधान और लोकतंत्र, कैसे होगा सभी मतदाताओं के मत का सही इस्तेमाल...

जनज्वार। हम आपके सामने लगातार तथ्य रख रहे हैं कि कैसे चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के करीब एक दर्जन से अधिक गंभीर मामलों में शिकायत के बावजूद शुतुरमुर्ग बना हुआ है।

इस चुनाव में आयोग की भूमिका देख ऐसा लग रहा है कि जनता के टैक्स से चलने वाली यह संस्था लोकसभा चुनावों में सभी पार्टियों की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित कराने की बजाय भाजपा की जीत की गांरटी कराने में लगी हुई है। अन्यथा ऐसा क्यों होता कि पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ दर्जनों शिकायतों के बावजूद एक शिकायत चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर नहीं दर्ज करने का साहस नहीं दिखा पाता, नोटिस देकर जवाब मांगना तो दूर की बात है।

Full View है कि चुनाव आयोग की संदेहास्पद होती भूमिका पर जनज्वार ने एक के बाद एक चार वीडियो व साक्षात्कार जारी किए हैं। अच्छी बात यह है कि मीडिया में सिरे से गायब रहा है यह सवाल जनज्वार द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद अब धीरे—धीरे अन्य मीडिया माध्यमों में भी मुद्दा बनने लगा है।

Full View ने इस मसले पर गंभीरतापूर्वक इसलिए भी सरोकार दिखाया, क्योंकि चुनाव आयोग भी सत्ताधारी पार्टी का प्रचारक और एजेंडा सेटर हो गया तो फिर न लोकतंत्र बचेगा न देश में राजनीतिक भागीदारी ही।

Full View पूरे मामले ​वरिष्ठ पत्रकार और पिछले 15 वर्षों से चुनाव आयोग कवर कर रहे पत्रकार विमल कुमार आंखों देखी बता रहे हैं कि असल में चुनाव आयोग कर क्या रहा है और कैसे वह सत्ताधारी पार्टी भाजपा और प्रधामनंत्री मोदी के लिए चुनाव आचार ​संहिता उल्लंघन करने पर चुप्पी साधे हुए है...

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