कांग्रेस के समय नहीं पिछले साल मोदी सरकार में मिला नीरव मोदी को 11 हजार करोड़ का लोन

भक्त फैला रहे झूठी खबर कि 2011 में कांग्रेस ने जारी किया था नीरव मोदी को लोन, पर सीबीआई दस्तावेज बता रहे सच सामाजिक कार्यकर्ता ने जुलाई 2016 में ही पीएमओ को लिखकर बताया था कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी हैं बहुत बड़े फ्रॉडिया, पीएमओ ने रजिस्ट्रार आॅफ कंपनीज को लिखा भी था, फिर क्यों नहीं हुई समय रहते कार्यवाही

Update: 2018-02-16 01:03 GMT

जनज्वार, दिल्ली। सूरत के 46 वर्षीय हीरा व्यापारी नीरव मोदी द्वारा सरकारी बैंक पीएनबी का 11 हजार 400 करोड़ का हजम करने के मामले में भक्तों ने फर्जी खबरों का अंबार लगाना शुरू कर दिया है। हर तरफ फैला रहे हैं कि नीरव मोदी को जो लोन दिया गया है, वह मोदी की सरकार के समय में सैंक्शन नहीं हुआ है, बल्कि कांग्रेस के शासन में दिया गया।

भक्त और भाजपा के पेड कार्यकर्ता लगातार सोशल मीडिया के हर माध्यम से बताने की कोशिश कर रहे हैं कि अंबानी बंधुओं के रिश्ते में लगने वाले नीरव मोदी को लोन 2011 में दिया गया था और खुलासा अब हुआ है। यानी मोदी जी ने कांग्रेस के एक और भ्रष्टाचार की पोल खोली है।

इस तर्क के जरिए भाजपाई पेड भक्त मोदी की दिन पर दिन घटती छवि और एक कमजोर पीएम की बनते परसेप्शन को रोकने के लिए आज दोपहर से ही फर्जी पोस्ट शेयर कर रहे हैं, लेकिन यह बहुत देर टिक नहीं सका है और सही जानकारी सामने आ गयी है कि मुंबई के एक ब्रांच से फरवरी 2017 में पूरी रकम निकाली गयी है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस डॉक्यूमेंट को शेयर करते हुए लिखा है,, 'लोन लिया गया भाजपा के समय, वह भागा भाजपा के समय और प्रधानमंत्री के साथ दावोस बैठक में शामिल हुआ भाजपा के समय, लेकिन बीजेपी इसके लिए कांग्रेस को दोष दे रही है।' प्रशांत भूषण भक्तों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर चुटकी लेते हुए कहते हैं, 'क्या ये ईडी, सीबीआई, पीएनबी और आरबीआई के तथ्यों को भी भक्त कांग्रेसी तथ्य कहेंगे या विरोधियों की चाल।'

इस पूरे मामले में टीवी पत्रकार राहुल कंवल ने एक बेहद महत्वपर्ण ट्वीट किया है। ट्ववीट में कंवल ने कहते हैं, 'आखिर कौन जिम्मेदार है नीरव मोदी के भारत से भाग जाने का। सामाजिक कार्यकर्ता एसवी हरिकुमार, जिन्होंने जुलाई 2016 में ही पीएमओ से शिकायत की थी नीरव मोदी फ्रॉड है और इसकी जांच हो, फिर क्यों नहीं दिखाई गई गंभीरता। डायमंड व्यापार मेहुल चोकसी का साफ—साफ लिखा था नाम।

गौरतलब है कि यह वही मेहुल चोकसी हैं जो नीरव के साथ विदेश भाग गए हैं।

इधर ईडी ने नीरव मोदी के 17 ठिकानों पर छापा मारकर 51 सौ करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। जब्ती में महंगे पत्थर, हीरा और सोना शामिल हैं। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि सीबीआई ने जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, वे सभी देश से बाहर भाग चुके हैं। उनके 1 से 4 जनवरी के बीच भाग जाने के बाद आज सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी किया है।

सीबीआई के मुताबिक भागने वालों में नीरव मोदी, उनके भाई निशाल मोदी जो कि बेल्जियम के नागरिक हैं, ने 1 जनवरी को और नीरव मोदी की पत्नी अमी मोदी जो अमेरिकी नागरिक हैं और चोकसी ने क्रमश 4 और 6 जनवरी को देश छोड़कर भाग गए।

इस बीच ईडी ने विदेश मंत्रालय को आगाह किया है कि सीबीआई द्वारा दर्ज केस में जो भी आरोपी पंजाब नेशनल बैंक साथ किए फ्रॉड में शामिल हैं, उनको देश से बाहर न जाने दिया जाए और सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएं। ईडी ने मुंबई, दिल्ली और सूरत में छापेमारे हैं। ऐसे में हिस्ट्री आफ इंडिया ने एक मजेदार ट्वीट किया है, उसे आप पढ़ें और आनंद लें और सोचें कि पकौड़ा बेचने को रोजगार बता रहा प्रधानमंत्री कैसे देश बेचने पर आमादा है...

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