राष्ट्रपति के स्वागत निमंत्रण में यूपी विधान परिषद अध्यक्ष ही गायब

Update: 2017-09-13 21:20 GMT

जनज्वार, लखनऊ। कल 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रपति का स्वागत कर रही है। लेकिन यह स्वागत सरकार ही कर रही है, इसको लेकर पत्रकारों और राजनीतिक लोगों में एक गहरा कन्फ्यूजन है। कन्फ्यूजन इसलिए है कि सरकार की ओर से छपे निमंत्रण पत्र में योगी सरकार ने विधान परिषद अध्यक्ष रमेश यादव का स्वागत करने वालों में नाम ही नहीं छापा है, क्योंकि वे सपा से हैं।

विपक्षी पार्टियों की ओर से सपा के रमेश यादव एक मात्र ऐसे पद पर हैं जो यूपी सरकार के सर्वोच्च पदों में से एक है। और ऐसा लगता है कि वह एक पद  भी भाजपा को मंजूर नहीं है।  

सवाल है कि सरकारी कार्यक्रमों को भी पार्टी कार्यक्रम बनाने पर आमादा भाजपा का कांफिडेंस डगमगा रहा है या वह सरकार को भी पार्टी बना देना चाहती है, क्योंकि यह कोई मामूली गलती नहीं, बल्कि सोची—समझी कारगुजारी है। 

इस बारे में विधान परिषद अध्यक्ष रमेश यादव से जब जनज्वार की बात हुई तो उन्होंने कहा कि  इस बारे में मैं कुछ नहीं सकता, पर मैं कल स्वागत के लिए जा रहा हूं। शाम को प्रमुख सूचना सचिव, लखनऊ के कमीश्नर और डीआइजी जयनारायण आए थे। मेरा भाषण भी तैयार हो गया है। मुझे भी राष्ट्रपति महोदय का स्वागत करना है। यह सरकारी कार्यक्रम है और सरकार का हिस्सा होने के नाते मैं जाऊंगा ही।

विधान परिषद अध्यक्ष से जनज्वार ने जब यह जानना चाहा कि राष्ट्रपति के स्वागत निमंत्रण पत्र में जिनके नाम छपे हैं वह सभी के सभी भाजपा के हैं, केवल आप ही थे जो सपा से थे, आपको लगता है कि लगता है कि कार्यक्रम का स्वरूप सरकारी होने की बजाय मूल तौर पर भाजपाई हो गया है, जैसे ऐसा लग रहा हो कि यूपी सरकार के कार्यक्रम की जगह यह यूपी भाजपा का कार्यक्रम है।।

इस सवाल पर रमेश यादव ने कहा, ' मैं इस पर कुछ कह नहीं सकता, यह सवाल अधिकारिेयों से पूछना चाहिए, न कि हमसे।' गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कल शाम 4 होने वाले स्वागत कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का नाम प्रकाशित हुआ है, पर विधान परिषद के अध्यक्ष रमेश यादव का कहीं जिक्र नहीं है। 

सपा से आने वाले उत्तर प्रदेश विधान परिषद अध्यक्ष रमेश यादव का नाम न छापने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा के बारे में हरियाणा हाईकोर्ट भी बोल चुका है कि प्रधानमंत्री जी आप भाजपा के नहीं देश के प्रधानमंत्री हैं। पर भाजपा नेताओं को रवैया बदल नहीं रहा है। इन्हें लगता है कि माननीय रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति नहीं, बल्कि भाजपा के हैं। अन्यथा यह क्यों होता कि सरकार के सभी लोग आते, यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का भी नाम कार्ड में स्वागत करने वालों में छपता, पर विधान परिषद अध्यक्ष ही नदारद होते। इससे तो ऐसा लगता है कि उनका नाम सिर्फ इसलिए नहीं शामिल किया कि वह सपा से हैं।

गौरतलब है कि विधान परिषद में 100 में से सपा के 63 सदस्य हैं।

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