'महाशक्ति के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए चीन ने रची कोरोना साजिश'

Update: 2020-04-04 11:11 GMT

कोरोनावायरस महामारी एक 'साजिश' थी, जिसके पीछे चीन का उद्देश्य दुनिया में एक महाशक्ति के रूप में खुद को स्थापित करने का था और जैविक युद्ध के माध्यम से अन्य देशों को बेबस बनाना था....

आरती टिकू सिंह

नई दिल्ली, जनज्वार। लंदन स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जूरिस्ट्स और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने चीन के खिलाफ दुनिया में कोविड-19 का प्रसार कर मानवता के विरूद्ध जघन्य अपराध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में शिकायत दर्ज कराई है।

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ह परिषद वरिष्ठ कानूनी पेशेवरों का अंतरराष्ट्रीय निकाय है, जिसकी अध्यक्षता अदीश सी. अगरवाला करते हैं, जो ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के भी अध्यक्ष हैं।

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याचिका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, द पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के खिलाफ दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोनावायरस महामारी एक 'साजिश' थी, जिसके पीछे चीन का उद्देश्य दुनिया में एक महाशक्ति के रूप में खुद को स्थापित करने का था और जैविक युद्ध के माध्यम से अन्य देशों को बेबस बनाना था।

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काउंसिल ने यूएनएचआरसी से इस साजिश की जांच करने की अपील की है और चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को गंभीर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

याचिका में कहा गया है कि चीन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सदस्य-देशों, विशेष रूप से भारत, को दुनियाभर में मानव जाति के व्यापक विनाश में सक्षम जैविक हथियार विकसित करने के लिए पर्याप्त रूप से क्षतिपूर्ति करने के लिए कहा जाना चाहिए।

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न्यायविदों ने कहा कि चीन ने संक्रामक रोग की जानकारी छुपाकर और कोरोनावायरस के संभावित प्रकोप के बारे में नहीं बताकर मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन किया है।

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