भारत से विवादों को बातचीत से सुलझायेगा चीन : शी जिनपिंग

Update: 2017-10-20 12:28 GMT

 माओ त्से तुंग और तंग शिआओपिंग के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सबसे मजबूत नेता के रूप में देखा जा रहा है...

बीजिंग से जय प्रकाश पांडे

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन भारत समेत अन्य पड़ोसियों के साथ बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाने को तैयार है, मगर अपने सामरिक हितों की कीमत पर नहीं। उन्होंने यह बात चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 19वीं कांग्रेस के उद्घाटन अवसर पर कही।

सीपीसी की 18 अक्तूबर से 19वीं कांग्रेस ग्रेट हाल में शुरू हो गयी है। कांग्रेस की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करने में नए ऐतिहासिक प्रस्थान बिंदु पर पहुंच गया है। उन्होंने शक्तिशाली और आधुनिक सेना बनाने की आवश्यकता जताई।

कहा कि 2035 तक सेना को आधुनिक बनाने का काम पूरा हो जाएगा। चीन सीमा क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देगा और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करेगा। पार्टी कांग्रेस 24 अक्टूबर को संपन्न होगी। हर पांच साल में होने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में भविष्य के लिए नीतियां तय की जाती हैं।

राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन मित्रता, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ, समग्रता और दोस्ताना साझेदारी बनाने की नीति के सिद्धांतों के अनुसार अपने पड़ोसियों से संबंधों को गहरा करेगा। उन्होंने कहा कि हमें बातचीत के माध्यम से विवादों और मतभेदों को सुलझाना चाहिए। पारंपरिक और गैर पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए समन्वय स्थापित करना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करना चाहिए।

सीपीसी की कांग्रेस में 2307 डेलीगेट और 47 आमंत्रित डेलीगेट पहुंचे हैं। कांग्रेस राष्ट्रपति शी के अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए नये नेतृत्व और सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैडिंग कमेटी को चुनेगी। चीन के मुख्य नेता यानी पोलित ब्यूरो स्टैडिंग कमेटी के सदस्यों के नामों का खुलासा पार्टी कांग्रेस के बाद किया जाएगा।

शी ने चीन की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले पांच साल में देश का सकल घरेलू उत्पाद 54 ट्रिलियन युआन से बढ़कर 80 ट्रिलियन युआन हो गया है। इस दौरान 60 मीलियन से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

उन्होंने कहा कि चीनी विशेषताओं वाला समाजवाद नए दौर में प्रवेश कर गया है। यह चीन के विकास का नया ऐतिहासिक काल है। राष्ट्रपति शी ने जोर दिया कि चीन का समाजवादी लोकतंत्र लोगों के मूलभूत हितों की रक्षा करने के लिए व्यापक, वास्तविक और प्रभावी लोकतंत्र है।

शी ने दो चरणों के लिए विकास योजनाओं को रेखांकित किया। 2020 से 2035 तक खुशहाल समाज का निर्माण और समाजवादी आधुनिकीकरण का लक्ष्य बताया। इसके बाद 21वीं सदी तक चीन को महान आधुनिक समाजवादी देश बनाने के लिए काम किया जाएगा।

चीनी विदेश कूटनीति पर चर्चा में शी ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी मानवता के लिए नए और बड़े योगदान देना अपना कार्य अपनाती आयी है। चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहकर समान भाग्य के समुदाय के निर्माण को आगे बढ़ाएगा। वैश्विक खुलेपन पर कायम रहकर सक्रियता से एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा।

कांग्रेस को संबोधित करते हुए शी ने कहा चीनी अर्थ व्यवस्था तेजी से उच्च गुणवत्ता वाले विकास के चरण में प्रवेश कर रही है। आधुनिक अर्थव्यवस्था विकसित करने में देश को वास्तविक अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चीन अर्थव्यवस्था को मजबूत, बेहतर बनाने और चीनी कंपनियों को विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी काम करेगा।

शी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि जनता भ्रष्टाचार से नफरत करती है। भ्रष्टाचार पार्टी के सामने सबसे बड़ा खतरा है। हम भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष पर विजय पाने के लिए सुदृढ़ हैं। जिस प्रकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कामयाबी पायी है, इससे आम जनता में भी उन्हें काफी सराहना मिली है।

गरीबी उन्मूलन भी उनके कोर एजेंडे में शामिल है। 2020 तक देश से गरीबी को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा उनकी महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड को चीन की ओपनिंग पॉलिसी का दूसरा चरण माना जाता है। इन योजनाओं के बिना पर माओ त्से तुंग और तंग शिआओपिंग के बाद राष्ट्रपति शी को सबसे मजबूत नेता के रूप में देखा जा रहा है।

संभावना है कि शी के वैचारिक योगदान को शामिल करने के लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया जा सकता है, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नई अवधारणाओं, सोच और शासन के लिए रणनीति की झलक देखने को मिलेगी।

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