दिल्ली मेट्रो में NO NRC की तख्तियों को ले जाने से रोका, क्या अब पोस्टरों से भी डरने लगी है सरकार ?

Update: 2020-01-03 15:22 GMT

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर मेट्रो से घर लौट रहे प्रदर्शनकारियों को सीआईएसएफ ने रोका, सीआईएसएफ ने कहा नारे लिखी तख्तियां ले जाने की नहीं है अनुमति...

जनज्वार। सरकार को अब एनआरसी और सीएए की तख्तियों से भी डर लगने लगा है। शुक्रवार 3 जनवरी को प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर से वापस लौट रहे थे। इसके बाद जब वह जंतर-मंतर मेट्रो स्टेशन पर एंट्री कर रहे थे तभी सीआईएसएफ के सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक दिया।

शुक्रवार 3 जनवरी को सीएए-एनआरसी के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने मंडी हाउस से लेकर जंतर मंतर तक मार्च निकाला। जंतर- मंतर पर अलग अलग संगठनों के लोगों ने इसको लेकर अपने अपने विचार भी रखे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद ये प्रदर्शनकारी जंतर मंतर के पास स्थित पटेल चौक मेट्रो स्टेशन से अपने अपने घरों को लौट रहे थे।

Full View लोगों के पास ढपली, गिटार, नो एनआरसी लिखी कुछ तख्तियां थीं। जैसे ही ये प्रदर्शनकारी मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने के लिए सुरक्षा जांच के लिए सीआईएसएफ के जवानों के पास पहुंचे तभी उनका समान देख कर सीआईएसएफ के जवानों के कान खड़े हो गए। उन्होंने तुरंत नो एनआरसी लिखी तख्तियों को अपने कब्जे में ले लिया।

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न प्रदर्शन करने वालों में अधिकतर लड़कियां थी। उन्होंने सीआईएसएफ के जवानों से कारण पूछा कि आप ऐसे कैसे हमारा समान जब्त कर सकते हैं। ये तो सरासर गलत बात है। प्रदर्शन करने वाले लड़के एवं लड़कियों ने कहा कि उन्हें लिखित में आदेश दिखाया जाए कि उनके पास क्या आदेश है कि ऐसे तख्ती मेट्रो में ले जाना मना है।

Full View बाद मामले को बढ़ता देख सीआईएसएफ के जवानों ने सपने अफ़सरों को बुला लिया। सीआईएसएफ के अफसरों ने आकर प्रदर्शन करने वालों को समझाया कि वे अपनी ढपली, गिटार सब ले जा सकते हैं लेकिन नो एनआरसी वाली तख्तियों को मेट्रो में नही ले जाने दिया जायेगा।

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सी दौरान सामान्य लोग भी निकल रहे थे। उन्होंने भी सीआईएसएफ के जवानों को सुनाना शुरू कर दिया कि ये क्या हो रहा है देश मे, हर तीसरे दिन मेट्रो बन्द कर दी जाती है। अब कुछ नारे लिखी तख्तियां भी नहीं ले जाने दी जा रही हैं

2014 से पहले भी देश मे प्रदर्शन हुए हैं, धरने हुए हैं लेकिन सरकार अब जैसा सलूक इन प्रदर्शन करने वालों के साथ कर रही है ऐसा तो पहले कभी नही हुआ। सरकार अब नो एनआरसी लिखी तख्तियों से डर गई है।

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