नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर खुलकर बोले, जावेद अख्तर ने कहा पड़ोसी प्रताड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं को फौरन मिले नागरिकता लेकिन प्रताड़ित शिआओं, अहमदियों आदि को भी न रोकें..
जनज्वार। मशहूर गीतकार और कवि जावेद अख्तर इन दिनों सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर कहीं उनके गीत वायरल हो रहे हैं तो कहीं टीवी इंटरव्यू। हाल ही में वह नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के एक प्रमुख मीडिया संस्थान को इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक महिला टीवी एंकर के सवाल के जवाब में जमकर फटकार लगाई। जावेद अख्तर ने टीवी एंकर को 'बायस' करार दिया।
इंटरव्यू के दौरान जब टीवी एंकर ने पूछा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर बार-बार देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और तमाम दूसरे नेताओं की ओर से भरोसा दिया जा रहा है कि देश के मुसलमानों या देश के किसी नागरिक का इससे कोई लेना-देना नहीं है। किसी को भी देश छोड़कर बाहर नहीं जाना होगा। उसके बावजूद आप लोगों की ओर से विरोध के सुर अभी तक अख्तियार क्यों रखे गए हैं?
इसके जवाब में जावेद अख्तर ने कहा, 'एक है सीएए..जिसमें आप कहते हैं कि हमार पड़ोस के जो मुल्क हैं..हालांकि कारण जो उन्होंने बताया था कि वह जो विभाजन का काम है वो अधूरा रह गया था, विभाजन का अफगानिस्तान से क्या ताल्लुक है मुझे नहीं मालूम.. लेकिन शायद उनको मालूम होगा। फिर भी ये तीन मुल्क उन्होंने चुने, जुल्म तो और भी कई जगह हो रहा है वह उन्होंने छोड़ दिए हैं। वहां पर जो हमारे अल्पसंख्य हिंदू हैं। 14 अगस्त 1947 तक सभी हिंदुस्तानी थे, कुछ लोग वहां रह गए। 70 साल से अभी वहां रह रहे, कोई बात नहीं, कोई वजह होगी उनके वहां रहने की।
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जावेद अख्तर ने आगे कहा, 'अब वह इतना परेशान हो रहे हैं कि यहां आना चाहते हैं। वे जो धार्मिक पक्षपात और सांप्रदायिकता की वजह से परेशान हुए हैं.. मैं यह समझता हूं कि उसपर एक दिन भी मत लगाइए उन्हें फौरन नागरिकता मिलनी चाहिए। लेकिन अकेले ये ही परेशान नहीं हुए हैं। सच्ची बात तो यह है कि वहां अहमदिया कादियानी आदि भी बहुत परेशान हुए हैं। आपको लिखकर देना पड़ता है अगर पासपोर्ट चाहिए कि क्या आप ये मानते हैं कि कादियानी मुसलमान नहीं होते? उनको भी बहुत प्रताड़ित किया गया है, उनकी मस्जिदों पर बम फेंके जाते हैं, शियाओं को भी बहुत परेशान किया जाता है। शियाओं को जलसे, जुलुसों और मस्जिदों पर बम फेंके जाते हैं। वो भी परेशान हैं। उनके लिए क्यों दरवाजे बंद कर रहे हैं। वो भी 1947 से पहले हिंदुस्तानी थे। उनका अगर धार्मिक उत्पीड़न हो रहा है तो उनको भी आने देना चाहिए।
इसके बाद टीवी एंकर ने दूसरा सवाल किया कि सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि जो हिंदुस्तान में शरण पाना चाहता है उन लोगों के लिए अलग प्रक्रिया है, वह आ सकते हैं, थोड़ी सी लंबी प्रक्रिया है, इन बाकि के छह धर्मों के अलावा, अगर मुस्लिम भी आना चाहते हैं..
इस मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने जवाब दिया, 'क्यों लंबी है, इसकी वजह क्या हैं और उनके लिए अलग प्रक्रिया क्यों है। आपको नहीं मालूम कि कादियानियों के साथ वहां क्या हो रहा है। आपको नहीं मालूम की वहां शियाओं के साथ क्या हो रहा है। 71 साल पहले वो भी हिंदुस्तानी थे। अब ये वहां फंसे हुए हैं। आना चाहते हैं तो आने दो। ये एक को क्यों रोक रहे हो।
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इसके बाद महिला एंकर ने कहा, जावेद साहब.. हिंदुस्तान का मुस्लमान क्यों डरा हुआ है? कौन से ऐसे लोग हैं जो अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं जिसके जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि अगर ये लागू हो जाता है, मोदी सरकार लागू कर देती है तो फिर..?
इसके बाद जावेद अख्तर ने महिला टीवी एंकर की जमकर क्लास लगा दी। जावेद अख्तर ने सवाल को काटते हुए कहा, 'नहीं नहीं.. एक बात सुनिये.. एज ए एंकर आप न्यूट्रल लहजे में बात करें। कौन से लोग हैं जो अपनी लीडरशिप चमकाना चाहते हैं। उससे तो आपका बायस (पक्षपातपूर्ण रवैया) मालूम हो रहा है। मालूम होता है कि आप ए साइड पर हैं। आप एंकर हैं बीच में रहिए। पहले तो ये भाषा गलत इस्तेमाल कर रही हैं आप। सरकार का जो आदमी ये कहता है कि लीडरशिप चमकाना चाहते हैं, उसके बारे में नहीं बोलेंगी आप। ये आपने तो तय कर लिया कि आप किस साइड पर हैं। यह जर्नलिस्ट को यह तय नहीं करना चाहिए कि किस साइड पर हैं, उसे न्यूट्रल रहना चाहिए। अब सुनिये ऐसी लैंग्वेज इस्तेमाल न कीजिए..''
पत्रकार गुरप्रीत वालिया ने इस इंटरव्यू को ट्वीट करते हुए लिखा, ' मैडम जी हैप्पी न्यू ईयर गिफ्ट ले ही लिया साल शुरू होते ही.. रीट्वीट करो दूर तक जानी चाहिए पोस्ट।'
मैडम जी happy new year गिफ्ट ले ही लिया साल शुरू होते ही... RT करो दूर तक जानी चाहिए पोस्ट #GodiMedia pic.twitter.com/ZpN99ofHdS
— Gurpreet Garry Walia (@_garrywalia) January 2, 2020