कोरोना के बीच छत्तीसगढ़ में लगा मुर्गा मेला, आदिवासियों की जान की क्या नहीं कोई कीमत

Update: 2020-03-21 16:00 GMT

एक ओर जहां शहरी क्षेत्रों में भीड़-भाड़ कम है तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के बस्तर में ही मुर्गा बाजारों में हजारों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताह के हाट-बाजारों में मुर्गा बाजार होता है...

बस्तर से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट

जनज्वार। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद सरकार ने पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है। धारा 144 लागू करने के बाद सरकार ने सभी मॉल, सुपर मार्केट, रेस्टोरेंट, क्लब को बंद करने का आदेश जारी किया है। सरकार ने अंतरराज्यीय बस सेवा और यात्री वाहनों के आवागमन पर भी पाबंदी लगा दी है और शहरी इलाकों के छात्रावासों में रहने वालों से खाली करने को कहा है।

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सके पहले सरकार ने स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय एहतियात के तौर पर 31 मार्च तक बंद कर दिए थे। स्कूल की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो के माध्यम से लोगों से अपील की है कि जरूरी हो तब ही घर से बाहर निकलें।

न्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए और आइसोलेशन में रहना चाहिए। राशन और दवा की दुकानें खुली रहेंगी।'

गौरतलब है कि एक ओर जंहा शहरी क्षेत्रों में भीड़-भाड़ कम है तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के बस्तर में ही मुर्गा बाजारों में हजारों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रो में सप्ताह के हाट-बाजारों में मुर्गा बाजार होता है। जहां ग्रामीण मुर्गा को लड़ाकर दांव लगाते है इस मुर्गा लड़ाई में आस-पास के हजारों ग्रामीण इकट्ठा होते है।

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ता दें कि मुर्गा लड़ाई आदिवासियों का पारंपरिक एक खेल का साधन था लेकिन समय के हिसाब से यह एक सट्टे के खेल के रूप में तब्दील हो गया। अभी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है, लेकिन शहरी भीड़ ग्रामीण क्षेत्र में मुर्गा बाजार खेलने इकट्ठा हो रही है। हजारों की भीड़ इकट्ठा होने से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका है।

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