सरकार के छह महीने पूरे होने पर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया था तब कहा था कि यूपी में एक भी दंगे नहीं हुए, लेकिन चमत्मकार देखिए कि सरकार के साल पूरा होते—होते दंगों का आंकड़ा की सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बन गयी...
जनज्वार। भारतीय जनता पार्टी से चुने गए हमारे माननीय प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि वह एक बेहतर, जातिमुक्त और सांप्रदायिक दंगे—फसादों से दूर भारत का निर्माण करने के लिए कृत संकल्प हैं और उनके राज में एक स्वस्थ, भ्रष्टाचारमुक्त और दंगामुक्त भारत निर्मित हो रहा है। मगर आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते हैं और आम जनता भी।
पिछले तीन सालों के दौरान देश में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हुए हैं और पिछले चार साल से मोदी जी प्रधानमंत्री पद पर आसीन हैं। इनमें भी पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जहां से योगी आदित्यनाथ भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। पिछले एक साल में देशभर में हुए सांप्रदायिक दंगों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हुए।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी साझा की। मोदी मंत्रिमंडल के मंत्री हंसराज अहीर ने बताया, '2017 के आंकड़ों के अनुसार देशभर में कुल 822 दंगे हुए। इनमें सबसे ज्यादा 195 दंगे उत्तर प्रदेश में हुए। दंगों के भड़कने की वजह धार्मिक, जमीन-जायदाद और सोशल मीडिया को बताया गया।'
एक और जानकारी साझा करते हुए अहीर ने बताया कि 'पिछले दो सालों के आंकड़ों को देखें तो हमारा देश और ज्यादा दंगाई हो रहा है। 2016 में देशभर में कुल 703 दंगे हुए, जबकि 2015 में 751 दंगे हुए थे।'
पिछले साल दंगों में पहले स्थान पर जहां योगी आदित्यनाथ शासित उत्तर प्रदेश का रहा, वहीं कर्नाटक और राजस्थान क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। गौर करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की छवि पहले से ही मुस्लिम विरोधी रही है। भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में शुमार योगी मुख्यमंत्री बनने से पहले मुस्लिम मुक्त भारत के लिए जहां—तहां मुस्लिमों के खिलाफ आग उगलते रहे हैं।
वहीं दंगे—फसादों के मामले में चौथे नंबर पर बिहार रहा, जहां सालभर में 85 दंगों के केस दर्ज हुए और छठा नंबर मध्य प्रदेश का है। वहां भाजपा के शिव 'राज' में 60 दंगे हुए। गौर करने वाली एक और बात है कि दंगों में टॉप 3 तीनों राज्यों भाजपा की ही सरकार है।
दंगों में अव्वल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जब शपथ ली थी तो आम जनता को भरोसा दिलाया था कि वे दंगा मुक्त राज्य बनाएंगे। कहा था कि मेरी सरकार में प्रदेश में किसी की हिम्मत नहीं होगी कि वो दंगों को हवा दे। मगर आंकड़े तो यह गवाही दे रहे हैं योगी जी की आपकी सरकार ने दंगा घटाने नहीं बढ़ाने का रिकॉर्ड बनाया है। यहां एक बात और गौरतलब है कि ज्यादातार दंगों में भाजपा नेताओं और उसके मातृ संगठन आरएसएस की भूमिका बढ़—चढ़कर रही।
सदन में दंगों से संबंधित सवाल माननीय सांसद नरेश अग्रवाल ने पूछा था, जो हाल ही में सपा द्वारा राज्यसभा में न भेजे जाने से नाराज होकर वही भाजपा ज्वाइन किया है जिसके राज में सर्वाधिक दंगों का आंकड़ा सामने आया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि देशभर में न्यायिक हिरासत में होने वाली मौतों के अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 तक कुल 1530 मामले दर्ज किए गए। न्यायिक हिरासत में हुई मौतों के मामलों में भी योगी जी टॉप पर रहे। देशभर में सालभर में न्यायिक हिरासत में हुई मौतों में से 365 सिर्फ उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई।