कोरोना के डर से परिजन अस्पताल से लौटने के दौरान मरे प्रवासी मजदूर की लाश सड़क पर छोड़कर भागे
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद घरों लौटते समय शख्स की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई, परिजनों ने शव को गांव के बाहर छोड़ दिया और घर चले गए....
जनज्वार, इलाहाबाद। कोरोनावायरस के खौफ के चलते एक परिवार ने 35 वर्षीय शख्स के शव को सड़क के किनारे छोड़ दिया, जबकि उसकी मौत अस्थमा और दिल की बीमारियों से हुई थी। पुलिस ने सोमवार 1 जून को यह जानकारी दी। प्रवासी श्रमिक 4 दिन पहले मुंबई से प्रतापगढ़ में अपने गांव लौटकर आया था और शनिवार 30 मई को उसे सांस और हृदय रोगों के चलते स्वरूप रानी अस्पताल लाया गया था।
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रानीगंज के डिप्टी एसपी अतुल अंजन त्रिपाठी ने बताया कि "एक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद घर लौटते समय शख्स की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। परिवार के सदस्यों को संदेह था कि उसकी मौत कोरोनावायरस से हुई है, लिहाजा उसके शव को गांव के बाहर छोड़ दिया और घर चले गए।"
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पुलिस ने परिवार का पता लगाया, लेकिन उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने आगे बताया, "प्रवासी को थर्मल स्कैनिंग और चिकित्सीय जांच के बाद 21-दिवसीय होम संगरोध की सलाह दी गई थी। उसको अस्थमा और हृदयरोग की समस्या थी।"
एक स्वास्थ्य टीम ने बाद में मृत व्यक्ति के चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण किया और कहा कि अस्थमा और दिल की बीमारी के कारण हुई जटिलताओं से उसकी मृत्यु हो गई।
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वरिष्ठ पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने तब परिवार को आश्वस्त किया कि वह कोरोनावायरस से नहीं मरा और यहां तक कि शरीर से एक नमूना भी लिया और परीक्षण के लिए भेजा।
अधिकारियों ने परिवार के डर को दूर करने के लिए उन्हें पीपीई किट और सैनिटाइजर दिया। अंतत: रविवार शाम को प्रयागराज में शव का अंतिम संस्कार किया गया।