मोदी के गुजरात मॉडल में कोरोना मरीज़ों में हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव, धर्म के आधार पर अलॉट किए जा रहे बेड, डॉक्टर बोले- राज्य सरकार का है आदेश

Update: 2020-04-15 06:49 GMT

मामला अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का है. यहां कोरोना के मरीजों और संदिग्धों को धर्म के आधार पर बेड अलॉट किए जा रहे है...

जनज्वार। भारत में हर दिन कोरोना वायरस के नए मरीज मिल रहे हैं. संक्रमितों का आंकड़ा 11 हजार पार कर गया है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से अस्पतालों पर भी दबाव बढ़ा है. इस बीच गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक अस्पताल में कोरोना के मरीजों को धार्मिक आधार पर बांटने का मामला सामने आया है. यहां हिंदू और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग कोविड वार्ड बनाए गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार के फैसले के तहत ही ये व्यवस्था की गई है.

क्या है पूरा मामला?

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का है. यहां कोरोना के मरीजों और संदिग्धों को धर्म के आधार पर बेड अलॉट किए जा रहे हैं. इस अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 1200 बेड का इंतजाम है. इसे अब हिंदू-मुसलमान मरीजों में बांट दिया गया है. यानी 600 बेड हिंदू मरीजों के लिए और बाकी 600 मुस्लिम कोरोना मरीजों के लिए रखे गए हैं.

अस्पताल में अब तक भर्ती हुए 186 कोरोना संदिग्ध

इस अस्पताल में 186 कोरोना संदिग्ध भर्ती कराए गए हैं. अब तक इनमें से 150 लोग कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 40 मुसलमान हैं.

मरीज ने बताया-एक ही समुदाय के लोग किए गए शिफ्ट

क मरीज ने जानकारी दी, 'रविवार रात को फर्स्ट वार्ड (A-4) में भर्ती 28 मरीजों को दूसरे वार्ड C-4 में शिफ्ट कर दिया गया. हमें ये नहीं बताया गया कि क्यों शिफ्ट किया जा रहा है. जितने भी मरीज शिफ्ट किए गए, वे सभी एक ही समुदाय के थे. हमने अपने वार्ड में ड्यूटी कर रहे एक स्टाफ से इस बारे में जानने की कोशिश की. उसने बस इतना कहा कि दोनों धर्मों के मरीजों की सुविधा के लिए ये कदम उठाया गया है.'

राज्य सरकार के आदेश में हुआ बदलाव

स्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गुणवंत राठौड़ ने इस बारे में बताया, 'अस्पताल में कोविड-19 के हिुंदू-मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड की व्यवस्था की गई है. ये काम राज्य सरकार के आदेश पर ही किया गया है.'

स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी होने से किया इनकार

ले ही मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गुणवंत राठौड़ राज्य सरकार के आदेश पर ऐसा करने की बात कर रहे हों, लेकिन डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने मामले की छानबीन कराने की बात कही. वहीं, अहमदाबाद के कलेक्टर ने भी इसकी जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया.

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