पायल तडवी आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने दी तीनों आरोपी डॉक्टरों को जमानत

Update: 2019-08-09 09:09 GMT

सीनियर्स के टॉर्चर से तंग आकर पायल तडवी ने मौत को गले लगाने की बात आई थी सामने, मगर उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी हत्या के ज्यादा आसार हैं क्योंकि उनके शरीर के अने​क हिस्सों में चोट के निशान पाये गए...

जनज्वार। आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीनों आरोपी डॉक्टरों को आज 9 अगस्त को जमानत दे दी है।

एएनआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले में डॉक्टर भक्ति महरे, डॉक्टर हेमा आहूजा और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने की शर्त पर जमानत दी गयी है। हालांकि ये तीनों डॉक्टर को नायर अस्पताल में जाने की इजाजत कोर्ट की तरफ से प्रदान नहीं की गयी है।

गौरतलब है कि इस साल 22 मई को नायर अस्पताल के टॉपिकल नेशनल मेडिकल कॉलेज में गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स के सेकेंड ईयर में पढ़ने वाली डॉक्टर पायल तडवी की आत्महत्या का मामला सामने आया था। मीडिया में यह भी सामने आया कि पायल अपने सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग थी। आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पायल पर उसके सीनियर डॉक्टर अकसर जातिगत टिप्पणी करते थे और उसे तरह तरह से परेशान किया जाता था।



2016 में डॉक्टर सलमान से डॉक्टर पायल ने शादी की थी। सलमान मुंबई के ही बालासाहेब ठाकरे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। दैनिक जागरण में प्रकाशित सलमान के बयान के मुताबिक अपनी पत्नी को सीनियर डॉक्टरों द्वारा प्रताड़ित किये जाने सलमान कहते हैं, दिसबंर 2018 में एक शाम डिनर के बाद हम दोनों साथ थे और वो अचानक ही जोर-जोर से रोने लगी, कहने लगी कि अब उससे सहा नहीं जाता है। मैंने उसे कुछ दिन अस्पताल जाने नहीं दिया। घर पर रहकर वो ठीक हो गई थी। करीब एक सप्ताह बाद मैं उसके साथ हेड ऑफ डिपार्टमेंट से मिला। हमने उन्हें इस पूरे प्रकरण के बारे में बताया। मैंने उनसे कहा था कि मुझे मेरी बीवी हंसती खेलती चाहिए। उसका मानसिक संतुलन खराब नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने पायल को एक कोर्स के लिए दूसरी यूनिट में भेज दिया। फरवरी 2019 तक वो ठीक थी।'

हालांकि पहले कहा जा रहा था कि सीनियर्स के टॉर्चर से तंग आकर उन्होंने मौत को गले लगाया, मगर उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी हत्या के ज्यादा आसार हैं क्योंकि उनके शरीर के अने​क हिस्सों में चोट के निशान पाये गए हैं। अभी यह गुत्थी पूरी तरह सुलझी नहीं है कि पायल की हत्या की गयी थी या फिर सीनियर्स की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने मौत को गले लगाया था।

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पायल तडवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पीड़िता के वकील नितिन सतपुटे ने अदालत में कहा कि ‘पायल की मौत की परिस्थिति और शरीर पर मिले चोट के निशान से यह कह सकते हैं कि यह हत्या का मामला है आत्महत्या का नहीं। पुलिस को इस मामले की जांच हत्या के तौर पर करनी चाहिए। इसके लिए पुलिस को 14 दिनों का समय मिलना चाहिए। आरोपी पीड़िता की डैड बॉडी को पहले कहीं और लेकर गए थे और बाद में उसे अस्पताल लेकर आए। इसलिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ का संदेह है।’

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