जयपुर में जारी है कर्फ्यू, उपद्रवग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बंद

Update: 2017-09-10 11:58 GMT

राजस्थान, जयपुर। आमतौर पर शांत और सुंदर शहर के रूप में याद किए जाने वाले जयपुर में इन दिनों अशांति फैली हुई है। अशांति और उपद्रव के कारण वहां इंटरनेट सेवाएं बंद और उपद्रवग्रस्त इलाकों में अभी भी कर्फ्यू जारी है।

क्या हुआ था जो उपद्रव मच गया
8 सितंबर की राज रामगंज चौपड़ के पास सड़क पर लगने वाले ठेलों से रोड जाम के मद्देनजर पुलिस रिक्शों वालों को रपेटकर भगा रही थी। उसी दौरान वहां से बाइक से अपनी बेटी और पत्नी के साथ गुजर रहे स्थानीय निवासी साजिद  को पुलिस का डंडा लग गया। साजिद का कहना है कि डंडा मेरी पत्नी और बेटी को लगा। इस पर पुलिस वालों से कहासुनी हुई।

थाने में और बिगड़ गयी बात
मामला नहीं सुलझा तो युवक 9 बजे रात को पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने थाने पहुंचा। पुलिस मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं थी। ऐसे में साजिद के साथ पहुंची भीड़ ने पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। उसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और गोली चलाई। इसमें मोहम्मद रईस उर्फ आदिल को चोट आई, जिनकी जयपुर के एसएमएस हॉस्पीटल में 9 सितंबर को तड़के सुबह 1 बजे मौत गयी। 

शिकायकर्ताओं के साथ थाने पहुंचीं साजिद की पत्नी ने बताया कि हमलोग वहां से बाइक से गुजर ही रहे थे पुलिस वाले हमें रोक लिया। उसने पहले बाइक पर डंडे से मारा, फिर मेरे पति के हाथ पर एक डंडा मारा। मैंने उसे रोकने की कोशिश की और मेरा बच्चा मेरी गोद से गिर गया।' 

इंटरनेट बंद और लगा दिया कर्फ्यू
पुलिस और भीड़ के बढ़े बवाल के बाद भीड़ ने 108 एंबुलेंस, बाइक समेत 5 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। करीब दो दर्जन गाड़ियों को तोड़ दिया। इसमें 8 पुलिस वाले जख्मी हुए और एक की हालत गंभीर है। साजिद के समर्थकों को भी चोटें आई हैं, करीब दर्जन भर लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। मीडियाकर्मियों की भी उपद्रवी भीड़ ने पिटाई की और कैमरे छीने। ऐसे में पुलिस के आला अधिकारियों ने 9 की तड़के सुबह रामगंज, माणक चौक, सुभाष चौक और गलता गेट इलाके में कर्फ्यू लगा दिया और और स्कूल समेत दूसरे इंस्टीट्यूट बंद करा दिए। कल हुई समीक्षा के बाद जयपुर डीसीपी नॉर्थ सतेंद्र कुमार ने पत्रकारों से कहा कि अभी जयपुर के चार थाना इलाकों रामगंज, माणक चौक, सुभाष चौक और गलता गेट कर्फ्यू जारी रहेगा और स्कूल समेत दूसरे इंस्टीट्यूट बंद रहेंगे।

इंटरनेट सेवाएं बंद करना रहा समझदारी भरा फैसला
पुलिस उच्चाधिकारियों का कहना है कि अगर कर्फ्यू नहीं लगाया गया होता तो पुलिस और लोगों के बीच हुआ यह झगड़ा जल्दी ही सामुदायिक दंगे में बदल जाता। 8 सितंबर की रात यह खेल शुरू हो गया था। तेजी से फर्जी और भड़काउ मैसेज एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के लोगों को भेजो जाने लगे थे।

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