दलित को नहीं जलाने दी श्मशान पर लाश, दरवाजे पर किया अंतिम संस्कार

Update: 2017-12-28 11:43 GMT

दबंगों ने वाल्मिकी जाति के मृतक को नहीं दी श्मशान में जगह, बेटे ने अपने दरवाजे पर जलाई पिता की लाश

भिंड, जनज्वार। दलितों को लेकर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जो दावे करे पर असलियत ये है कि वहां लाश जलाने में भी जातिवाद हावी है। जातिवादी गुंडों ने मध्यप्रदेश के भिंड जिले में वाल्मिकी जाति के एक मृतक की लाश गांव के श्मशान घाट पर नहीं जलाने दिया।

मामला मध्यप्रदेश के भिंड जिले के एंडोरी थाना क्षेत्र के लोहरी गांव का है। यहां 25 दिसंबर को गांव के वाल्मिकी जाति के एक व्यक्ति की लंबी बीमारी के बाद ग्वालियर के अस्पताल में मौत हो गयी। मृतक का बेटा जब पिता की लाश लेकर गांव पहुंचा तो गांव के ही दबंगों ने उसे श्मशान पर लाश नहीं जलाने दिया। कोशिश की तो वहां खदेड़ दिया और मजबूरी में बेटे को पिता की लाश अपने दरवाजे पर जलानी पड़ी।

'लोहरी का पुरा' गांव निवासी 60 वर्षीय कप्तान वाल्मिकी की लंबी बीमारी के बाद ग्वालियर में मौत हो गयी। मृतक का बेटा रामअवतार अंतिम संस्कार के लिए पिता का शव गांव लेकर पहुंचा। अभी वह श्मशान घाट ले जाकर अंत्येष्ठि की तैयारियां ही कर रहा था कि गांव के कुछ लोग पहुंच गए और श्मशान घाट से भगा दिया।

मृतक के बेटे रामअवतार का कहना है कि गांव के दबंग लोगों के विरोध के चलते हमने अपने पिता की लाश दरवाजे पर ही जला दी। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक दलित परिवार अंतिम संस्कार कर चुका था।

हालांकि इस मामले में डीएम भिंड इलैया राजा ने जनज्वार से बातचीत में बताया कि लोहरी गांव में दो श्मशान घाट हैं। मृतक के परिवार वाले जिस श्मशान घाट पर ले गए थे, वह पिछले साल ही मनरेगा की तहत बनाने के लिए एलॉट किया गया था। वहां अभी कोई लाश नहीं जला रहा था, यह पहली बार ही लेकर गए थे, जहां से उन्हें खदेड़ दिया, क्योंकि वहां श्मशान भूमि पर एक परिवार का कब्जा था।

डीएम इलैया राजा ने बताया कि हमने पूरी कार्रवाई की है। अतिक्रमण खत्म करते हुए हमने वहां फसल नष्ट कर श्मशान बनाने के लिए पंचायत का निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही जिस व्यक्ति ने रोका था उसके खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है।

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