3 माह से आदमखोर को पकड़ने-मारने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीण-मगर सरकार के कान में नहीं रेंग रही जूं-अब बाघ ने दुर्गा देवी को बनाया निवाला
Ramnagar news : कार्बेट पार्क में टाइगर की संख्या 260 से अधिक है जबकि इसकी क्षमता मात्र 65 टाइगर झेलने की है। यही कारण है कि टाइगर व अन्य जंगली जानवर गांव-गांव, घर-घर में घुस रहे हैं। अतः यहां से क्षमता से अधिक टाइगरों को तत्काल हटाया जाना चाहिए....
Ramnagar news : पिछले तीन महीने से आदमखोर टाइगर को पकड़े या मारे जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने एक बार फिर से 4 फरवरी को रामनगर कालागढ़ कोटद्वार मोटर मार्ग बंद कर आवाजाही ठप कर दी। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि 14 दिसंबर को कार्बेट प्रशासन ने ढेला धरने में आकर घोषणा की थी कि आदमखोर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर हटाने की परमिशन ली जा चुकी है, दो-तीन दिन में ही आदमखोर को पकड़ लिया जाएगा, परंतु आज डेढ़ महीने से भी अधिक समय बीत चुका है। आदमखोर टाइगर दुर्गा देवी को मार चुका है तथा कई अन्य लोगों पर हमला भी कर चुका है। यदि समय रहते टाइगर पकड़ लिया जाता तो दुर्गा देवी तथा अन्य लोगों को आदमखोर के हमले से बचाया जा सकता था।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सांवल्दे, ढेला, बासीटीला सेमलखलिया, गौजानी, कानिया, आमडंडा, मालधन आदि क्षेत्रों के ग्रामीण व महिलाएं प्रातः 11 बजे से ही धरने पर बैठ गए। संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा मांग की गई कि कार्बेट प्रशासन का कोई सक्षम अधिकारी आकर जनता को बताए कि आदमखोर बाघ को मारे या पकड़े जाने को लेकर क्या कार्रवाई की गई है। दिन में 1:30 बजे तक पार्क प्रशासन का कोई भी अधिकारी ग्रामीणों के धरने पर नहीं पहुंचा तो इस पर महिलाओं ने रामनगर कोलागढ़ मोटर मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम के बाद ढेला रेंज की एसडीओ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि कार्बेट पार्क में टाइगर की संख्या 260 से अधिक है जबकि इसकी क्षमता मात्र 65 टाइगर झेलने की है। यही कारण है कि टाइगर व अन्य जंगली जानवर गांव-गांव, घर-घर में घुस रहे हैं। अतः यहां से क्षमता से अधिक टाइगरों को तत्काल हटाया जाना चाहिए।
महेश जोशी ने कहा कि 3 दिन के भीतर आदमखोर टाइगर को नहीं हटाए जाने पर संघर्ष समिति पुनः आंदोलन के विवश होगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।
कार्यक्रम में ललिता रावत, तारा बेलवाल, हीरा सिंह, आनन्द नेगी, संजय मेहता, रोहित रुहेला, प्रभात ध्यानी , अनीता गुसाई, उर्मिला देवी, गंगा गिरी, सुमित,मंगली देवी, ललित पांडे, गोपाल मेहरा, राशिद, जगदीश डोर्बी, भावना अधिकारी समेत हजारों लोगों ने भागीदारी की।
गौरतलब है कि 28 जनवरी को उत्तराखण्ड की एक महिला फिर बाघ के हमले में अपनी जान गंवा बैठी। यहां लगातार बाघ के हमलों में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जंगली जानवरों के हमलों में इस तरह लगातार आम जनता के मारे जाने से जनता का आक्रोश बढस़्ता जा रहा है। गुस्साये ग्रामीणों ने नैनीताल जनपद के रामनगर स्थित सांवल्दे ग्राम में चक्काजाम करके कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला-झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही पूर्णता ठप कर दी। जानकारी के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज के जंगल में कल 28 जनवरी को लकड़ी बीनने गई 50 वर्षीय महिला दुर्गा देवी पर बाघ ने हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया।
सांवल्दे पश्चिमी निवासी स्वर्गीय दान सिंह सुप्याल की पत्नी दुर्गा देवी रविवार 28 जनवरी की शाम लगभग चार बजे गांव की कई महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। दुर्गा देवी के साथ गयीं अन्य महिलाओं का कहना है कि सांवल्दे कसेरवा नाले के पास घात लगाए बाघ ने बीच में चल रही दुर्गा देवी पर हमला किया और घसीटकर जंगल में ले गया।
महिलाओं ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी। वनकर्मियों की टीम महिला को तलाशने जंगल में गई और हवाई फायर करते हुए सड़क से चार किमी अंदर महिला की लाश मिली। महिला के सिर का कुछ हिस्सा बाघ खा चुका था, जिसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों के मुताबिक मृतक महिला दुर्गा देवी अकेली रहती थी और लकड़ी-घास बेचकर अपनी रोजी-रोटी का प्रबंध करती थी। विधवा दुर्गा देवी की एक लड़की है, जिसकी शादी हो चुकी है।