आदमखोर बाघ और जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर अब रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर धरना

आदमखोर बाघ और जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर अब रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर धरना—प्रदर्शन, विधायक ने जनता के बीच आकर संयुक्त संघर्ष समिति का मांग पत्र किया स्वीकार, कहा 26 फरवरी से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में उठायेंगे सवाल...;

Update: 2024-02-22 17:43 GMT
आदमखोर बाघ और जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर अब रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर धरना
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Ramnagar news : जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा आदि मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया गया। विधायक ने जनता के बीच आकर संयुक्त संघर्ष समिति का मांग पत्र स्वीकार करते हुए मामले को 26 फरवरी से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में उठाने का आश्वासन दिया है।

18 फरवरी को ग्राम कानिया में आयोजित जन सम्मेलन में निर्णय लिया गया था कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों के आतंक से छुटकारा पाने आदि मांगों को लेकर उत्तराखंड के सभी विधायकों व सांसदो को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा, जिसके तहत आज रामनगर विधायक को मांग पत्र दिया गया।

मांग पत्र में कहा गया है कि टाइगर और तेंदुए अब उत्तराखंड में विलुप्त प्रजाति नहीं रह गए हैं अब ये लोगों के गांव और घरों तक आ रहे हैं । उत्तराखंड में टाइगर की संख्या 560 से भी ज्यादा है तथा तेंदुओं की संख्या 3000 से भी ज्यादा है। अतः इन्हें वन्य जीव जी संरक्षण अधिनियम 1972 की संरक्षित अनुसूची 1 से बाहर किया जाए। तथा इन्हें मारने या पकड़े जाने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से अनुमति लिए जाने के प्रावधान को खत्म कर किया जाए तथा जंगली सूअरों को मारने को लेकर वन विभाग से अनुमति की बाध्यता को समाप्त किया जाए।

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मांग पत्र में जंगली जानवरों के हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा तथा घायल के संपूर्ण इलाज की गारंटी और 10 लाख रुपए मुआवजा देने व फसलों एवं मवेशियों के मारे जाने का मुआवजा बढ़ाए जाने व बंदरों को तत्काल आबादी क्षेत्र से हटाने की मांग की गई है। वन ग्राम व गोट खत्ते वासियों को भी फसलों एवं मवेशियों का मुआवजा देने की मांग भी की गई है।

मांग पत्र में वर्ष 2006 में संयुक्त संघर्ष समिति व उत्तराखंड शासन के बीच हुए समझौते को लागू कर टाइगर के हमले में घायल मालधन निवासी अंकित के इलाज के सभी बिलों का भुगतान व हाथी मारने के झूठे आरोप में सजा काट रहे वृद्ध व बीमार नंद लाल को रिहा करने करने व अंकित व नंदलाल को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग के साथ आबादी क्षेत्र में जंगली जानवरों के आने पर प्रभागीय वनाधिकारी व रेंज अधिकारी की जबावदेही सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में आनंद नेगी, सोवन तड़ियाल, सरस्वती जोशी, संजय मेहता, सुमित, उर्मिला, ललिता रावत, उबैदुल हक, प्रताप सिंह बोरा, बसंत कुमार, हीरा खत्री, बसंत कुमार, विमला, कमल नेगी, प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, मौ. आसिफ, समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।

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