हल्द्वानी में पुलिस चला रही ‘डे केयर सेंटर’

Update: 2017-11-05 17:30 GMT

बिना वित्तीय अनुदान के पुलिसकर्मी चला रहे डे केयर सेंटर, फिलहाल हैं सेंटर में 9 बच्चे 

हल्द्वानी से हरीश रावत की रिपोर्ट

लोकतांत्रिक दमन के दौर में पुलिस की मौजूदा छवि जैसी हो, पर कुछ अधिकारियों की बदौलत मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना गाहे बगाहे नजर आ ही जाती है। उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक महिला पुलिस अधिकारी की पहल पर कामकाजी महिलाओं की परेशानियों को महसूस करते हुए एक शुरुआत हुई, जिसे 'डे केयर सेंटर' नाम दिया गया।

कोतवाली हल्द्वानी के प्रांगण में संचालित किया जा रहा है एक 'डे केयर सेंटर', जिसे पुलिसकर्मी बिना वित्तीय अनुदान के खुद ही चला रहे हैं। यह डे केयर इन दिनों नौ से अधिक बच्चों की किलकारियों से गुंजायमान है।

डे केयर की संचालिका महिला आरक्षी गोविन्दी

कोतवाली हल्द्वानी के प्रांगण में चलाए जा रहे इस डे केयर सेंटर के बारे में इसकी संचालिका महिला इंस्पेक्टर गोविन्दी बताती हैं कि 22 अप्रैल 2016 को जनपद की तत्कालीन पुलिस कप्तान (एसएसपी) स्वीटी अग्रवाल की अवधारणा के मुताबिक कोतवाली हल्द्वानी के प्रांगण में बच्चों के लिए यह डे केयर स्थापित किया गया।

इसका मकसद था उन पुलिसकर्मिरयों के बच्चों की सम्पूर्ण देखभाल, जहां पति व पत्नी दोनों ही कार्यरत हैं। ऐसे समय में उनकी गैरमौजूदगी में पीछे छोटे बच्चों की सही देख-रेख हो सके, इसी उद्देश्य के साथ इस डे केयर सेंर की शुरुआत की गयी।

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इस सेंटर को शुरू करने में जिन लोगों का विशेष सहयोग रहा उनमें बीएल मधुवाल, कैलाश पवार, नरेश चन्द्रा, बीसी पंत, राम सिंह मेहता, इंदर सिंह राणा, चंद्र मोहन सिंह, संजय पाठक, केआर पाण्डे, बीएस बृजवाल, प्रमोद उनियाल, नीरज भाकुनी, श्रीमती कैंथोला, सुमन पंत, हेम चंद्र पंत, रेनू बिष्ट, अंजुम आरा, अंकिता सैली आदि शामिल हैं।

संचालिका महिला आरक्षी गोविन्दी कहती हैं कि फिलहाल सेंटर में नौ बच्चे हैं, जिनकी देखभाल का जिम्मा स्वयं उन पर और उनकी सहयोगी सुनीता पर है। गोविन्दी के अनुसार सेंटर में पुलिसकर्मियों के साथ ही अन्य लोग भी अपने बच्चों को दाखिल करा सकते हैं।

वर्तमान में बच्चों की देखभाल के एवज में पुलिसकर्मियों से 300 व अन्य से 500 रुप्ए बतौर सहयोग लिया जाता है। गोविंदी बताती हैं, तक सेंटर में आने वाले अधिकांश बच्चे पुलिसकर्मियों के ही है। सुबह आठ बजे से सायं 6 बजे तक संचालित किए जा रहे इस ‘डे केयर सेंटर’ में आने वाले बच्चों के खानपान का जिम्मा खुद अभिभावकों को वहन करना पड़ता है।

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बच्चों के खाने के लिए अभिभावक जो सामग्री सेंटर में दे जाते हैं, वही खाना संचालित या उनके सहयोगियों द्वारा बच्चे को परोसा जाता है। संचालिका गोविन्दी कहते हैं, अभिभावक अपनी सुविधा व ड्यूटी को देखते हुए कभी भी बच्चे को सेंटर से ले जा सकते हैं।

बहरहाल पुलिसकर्मियों के बच्चों की देखभाल के लिए ‘डे केयर सेंटर’ के रूप में पूर्व कप्तान स्वीटी अग्रवाल द्वारा शुरू की गयी इस पहल को सभी तरफ सराहा जा रहा है। जनपद के मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खंडूरी ने भी ‘डे केयर सेंटर’ को हर सहयोग दिए जाने का भरोसा सेंटर संचालिका को दिया है।

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