दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिया अपने पति को तलाक, कहा खत्म हुई हमारी कहानी

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि उनका अपने पति नवीन जयहिंद से तलाक हो गया है। स्वाति मालीवाल ने अपने दर्द माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किया। नवीन जयहिंद आम आदमी पार्टी के नेता हैं।

Update: 2020-02-19 08:24 GMT

जनज्वार। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि उनका अपने पति नवीन जयहिंद से तलाक हो गया है। स्वाति मालीवाल ने अपने दर्द माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साझा किया। नवीन जयहिंद आम आदमी पार्टी के नेता हैं।

पने ट्वीट में स्वाति मालीवाल ने लिखा, 'सबसे दर्दनाक क्षण तब होता है जब आपकी कहानी समाप्त होती है। मेरा खत्म हो गया। मेरा और नवीन का तलाक हो गया है। कभी-कभी सबसे अच्छे लोग एक साथ नहीं रह सकते। हमेशा उसे याद करेंगे और हमारा जीवन जो हो सकता था। मैं हर दिन ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि हम और हमारे जैसे अन्य लोगों को इस दर्द से निपटने के लिए शक्ति प्रदान करें।

स्वाति मालिवाल और नवीन जयहिंद को जानने वाले उनके एक दोस्त ने बताया, 'दोनों के बीच महात्वाकांक्षा की टकराहट पिछले कुछ समय से उभरने लगी थी, जिसका परिणाम तलाक के रूप में सामने आया है। तलाक लेने का दबाव स्वाति जयहिंद की ओर से था। जब दोनों उभरते हुए नेता हों और समय दोनों के पास नहीं हो तो जाहिर है कि रिश्तों में तनाव ही बचता है, प्रेम नहीं। ऐसे में मैं स्वाति के बात को सही मानता हूं कि अलग हो जाना ही बेहतर होता है।'

नके दोस्त ने आगे बताया, 'मैं नवीन ​जयहिंद को बहुत पहले से हरियाणा में छात्र आंदोलन के दिनों से जानता हूं और स्वाति से भी मेरा परिचय 7 साल पुराना है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष होने के नाते स्वाति को और हरियाणा में आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा नेता होने के कारण नवीन जयहिंद दोनों ही एक—दूसरे को समय नहीं दे पा रहे थे।'

Full View हैं नवीन जय हिंद

वीन जयहिंद हरियाणा के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं और हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा थे। वह इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दिनों के से आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े रहे हैं। जयहिंद अन्ना हजारे की अगुवाई वाले आंदोलन की कोर कमेटी का हिस्सा थे और उन्होंने जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।

साल 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की सत्ता में आई थी तब स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उस समय नियुक्ति में उनकी कम उम्र और इस तथ्य के कारण आलोचना की गई थी कि उनके पति पार्टी में हैं।

जब स्वाति ने की थी अपने पति के बयान की आलोचना

ह जोड़ी 2018 में तब सुर्खियों में आई थी जब स्वाति मालीवाल ने महिलाओं पर अपने पति की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की थी। नवीन जयहिंद ने कहा था कि वह किसी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता 10 के साथ कुकर्म करवाएं हम उन्हें बीस लाख दे देंगे। दरअसल नवीन रेप पीड़िता को दो लाख रुपए मुआवजा दिए जाने से नाराज थे। उन्होंने सवाल किया था कि क्या हरियाणा की लड़कियों की इज्जत की कीमत महज दो लाख रुपए है।

सके बाद नवीन जयहिंद के बयान पर आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया आई थी जिसके मुताबिक नवीन का कहना गलत नहीं है, हां इस बयान में शब्दों के चयन गलती हुई है। फिलहाल पार्टी के इस स्पष्टीकरण के बाद भी नवीन ने कोई माफीनामा नहीं जारी किया है।

आरएसएस प्रमुख के बयान की आलोचना

ससे पहले स्वाति मालीवाल ने तलाक को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान की भी निंदा की थी। स्वाति मालीवाल ने कहा था कि महिलाओं के लिए उल्टे बयान देते हैं और अब शिक्षा को ही गलत बता रहे हैं। क्या इनको देश के पढ़न से भी समस्या है? देश की महिलाएं पढ़ें-लिखें सम्पन्न बनें, क्या इन्हें इससे भी तकलीफ है? मेरा भारत तो पढ़ेगा भी और आगे बढ़ेगा भी। ऐसी दकियानूसी बातों का आज के समय मे कोई महत्त्व नहीं।

रअसल मोहन भागवत ने बयान दिया था कि मौजूदा समय में तलाक के मामले बहुत बढ़ गए हैं. लोग निरर्थक मुद्दों पर लड़ रहे हैं. तलाक के मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में अधिक हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता से अहंकार आता है जिसका नतीजा परिवारों का टूटना है. इससे समाज भी खंडित होता है क्योंकि समाज भी एक परिवार है।

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