दिल्ली विधानसभा चुनाव : रेहड़ी पटरी वाले बोले केजरीवाल के 5 साल बेमिसाल, किया गरीबों के लिए काम

Update: 2020-01-13 12:36 GMT

आज तक कोई भी सरकार ऐसी नहीं आई जिसने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए कुछ किया हो, पर केजरीवाल ने किया है। केजरीवाल सरकार में हम गरीब लोगों को स्कूल, अस्पताल और बिजली एक दम मुफ्त मिल रही है। इन सब योजनाओं से हम गरीब लोगों को ही फायदा मिल रहा हैं...

विवेक राय और विकास राणा की ग्राउंड रिपोर्ट

जनज्वार। दिल्ली में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने तारीखों को घोषणा करते हुए 8 फरवरी को चुनाव और 11 फरवरी को नतीजों की घोषणा करने का ऐलान किया है। ऐसे में सभी पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और आप ने अपनी अपनी कमर कस ली है। दिल्ली के 2015 के विधानसभा चुनाव में चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने भाजपा की सुमन कुमार गुप्ता को 18 हजार 287 वोटों से हराया था।

चुनावों की घोषणा के बाद जनज्वार दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में गया। इस विधानसभा में आने वाला इलाका दिल्ली 6 के नाम से भी जाना जाता है। तीस हजारी कोर्ट के पीछे से जाने वाली गली सीधा मिठाई पुल के खुले दाल और मसाला बाज़ार में ले जाती है। सारी सड़क पर रेहड़ी –पटरी वालों का हुजूम सा लगा है। ऊंचे-ऊंचे बैल और उनपर लदी बोरियां यह बताने के लिए काफी हैं कि किस कदर बाज़ार का महत्व आमजन के लिए है।

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स दौरान चांदनी चौक में ही काली मिर्च, जीरा, हल्दी की ठेली लगाने वाले 25 वर्षीय रामू ने जनज्वार को बताया कि, 'पिछले 35 वर्षाें से ये दुकान हम लोग यहां लगा रहे हैं। पिता की मृत्यु के बाद इस दुकान को चलाने का जिम्मा मेरे ऊपर है। लेकिन अक्सर हम लोगों को पुलिस और एमसीडी के लोग परेशान करते रहते हैं।

पुलिस वाले हम लोगों से अक्सर पैसों की उगाही करते हैं। पुलिस और एमसीडी दोनों ही हमें परेशान करती रहती हैं। लेकिन हमें असल समस्या एमसीडी से है क्योंकि जब वो लोग आते है तो हम अपना समान लेकर भागना पड़ता है। जब उनसे पूछा गया कि आगामी चुनावों में किसे वोट देंगे तो रामू बोलते हैं कि हमने पिछली बार भी आम आदमी पार्टी को वोट दिया था और इस बार भी उसी को देंगे।

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मिठाई की दुकान लगाने वाले अमित से जब पूछा गया कि केजरीवाल सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों को लाइसेंस देने का वादा किया गया था क्या उसमें कुछ काम किया गया है? इस पर अमित बताते है कि नहीं हमने तो ऐसा कुछ नहीं सुना हैं। फिर जब उनसे पूछा गया इस बार वोट किसको देंगे तो वह केजरीवाल को वोट देने के लिए कहते हैं। वह कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि केजरीवाल सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बिल्कुल भी काम नहीं किया।

हले भी पुलिस हम लोगों से पैसे लेती थी और अब भी लेती है और आगे भी लेगी। हमें इतनी समस्या पुलिस से नहीं है जितनी भाजपा की एमसीडी से है। पुलिस तो पैसा लेती है और हम काम में लग जाते हैं। लेकिन ये एमसीडी वाले इतने नमकहाराम हैं कि पैसे तो लेते ही हैं साथ ही सामान को जब्त करने के लिए ट्रक भी भेज देते हैं।

चांदनी चौक पर मिठाई पुल में लगभग खड़े सभी पटरी वालों ने पुलिस और एमसीडी से होने वाली समस्या को इंगित करते हुए केजरीवाल को ही वोट देने का फैसला सुनाया। पुल से आगे बढ़ने पर आजाद मार्किट जो थोक विक्रेताओं का बड़ा बाजार है। बाजार में हजारों की संख्या में मजदूर कामगार रहते हैं।

हीं पर चाय बेच कर अपनी रोजी- रोटी चलाने वाले मोहन ने बताया कि 54 वर्ष की अपनी उम्र में 27 साल मैंने इसी सदर और आजाद मार्किट में निकाल दिये। लेकिन आज तक कोई भी सरकार ऐसी नहीं आई जिसने रेहड़ी- पटरी वालों के लिए कुछ किया हो, पर केजरीवाल ने किया है। केजरीवाल सरकार में हम गरीब लोगों को स्कूल, अस्पताल और बिजली एक दम मुफ्त मिल रही है। इन सब योजनाओं से हम गरीब लोगों को ही फायदा मिल रहा हैं।

माथे पर लाल टीका लगाए 50 वर्ष की आयु वाले अजीत नेगी केजरीवाल सरकार पर गुस्सा करते हुए केजरीवाल सरकार को हरामखोर सरकार बताते है। अजीत नेगी का बाजार में ट्रांसपोर्ट का काम है। इसके अलावा अजीत को दो खाने के होटल भी सदर बाजार में है। पैसों की कमी ना बताते हुए नेगी कहते है कि केजरीवाल सरकार ने सभी मजदूरों को हरामखोर बना दिया है। केजरीवाल सरकार ने इन्हें सब मुफ्त का देकर हरामखोर ही तो बनाया है।

ब इन्हें सब मुफ्त मिलेगा तो ये लोग क्यों काम करेंगे ये मजदूर पहले से ही इतने कामचोर हैं। बात को आगे बढ़ाते हुए नेगी ने सभी मजदूरों को बुरा कहते हुए कहा कि जो काम मोदी सरकार ने किये है उसका कोई मुकाबला केजरीवाल सरकार नहीं कर सकती जब उनसे पूछा गया ऐसे कौन से काम मोदी सरकार ने किए है तो वह चुप्पी रखते हुए वहां से उठ कर चले गए।

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केजरीवाल सरकार के पिछले 5 साल के कामकाज को गंदा बताते हुए 46 वर्षीय धीरेन्द्र बताते है कि केजरीवाल ने समाज में गंदगी फैलाई है और ऐसे आदमी को गोली मार देनी चाहिए। धीरेन्द्र का कहना था कि जब से बसों में महिलाओं की यात्रा मुफ्त हुई है सब की सब आवारा हो गई हैं। अब औरत घर से बिना मर्द से पूछे निकल जा रही है। पहले पैसे लगते थे तो पूछती थी और मर्द को पता होता था कि कहां जाएगी पर अब तो सब अवारा हो गई हैं।

ब धीरेन्द्र से पूछा गया इस बार किसे वोट देंगी तो उन्होंने भाजपा का नाम लिया जब उनसे पूछा गया क्यों? तो उनका कहना था कि हम मोदी को हर बार वोट देंगे मोदी ने बालाकोट में पाकिस्तान से बदला लिया और अब इन मुल्लों की बारी है जो देश में रह कर पाकिस्तान का गाना गाते हैं। जब उनसे पूछा गया कि इस बार तो चुनाव दिल्ली का है तो इसमें पाकिस्तान का क्या काम? तो वह अपनी स्टूल से खड़े हो गए और कहने लगे की काफी काम किया हैं। जब पाकिस्तान बम गिराएगा तो तुम दिल्ली वाले भी इस में नहीं मरेंगे क्या?

कॉस्मेटिक का सामान सड़क पर पटरी लगा कर बेचने वाले रोशन के पिता का अभी देहांत हुआ है। 18 साल के रोशन ने बताया कि वोट उसे दूंगा जो सदर पुल पर खुलेआम बिकने वाले नशीले पदार्थों को रोके। पहली बार वोट करने वाले रोशन ने बताया कि यहाँ नशा अब खुल कर बिक रहा है।

हां असुरक्षा इतनी हो गई है कि किसी शाम को कोई नशेड़ी पैसे के लिए किसी को चाकू मार दे तो कोई बड़ी बात नहीं होगी पुलिस की मिलीभगत से यह सब धंधा चल रहा है। जब उनसे पूछा गया कि इस बार वोट किसे देंगे? तो उनका कहना था कि इस बार वोट केजरीवाल को दूंगा क्योंकि पुलिस तो भाजपा के पास है और यह नशा-धंधा भी उसी की देन है।

न रेहड़ी- पटरी वाले लोगों के लिए वर्ष 2014 में भारत सरकार ने स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट बनाया था जिसे अब तक किसी भी राज्य ने पूर्ण रूप से लागू नहीं किया। केजरीवाल सरकार ने भी एक्ट को दिसम्बर माह 2019 तक लागू करने की कवायदें शुरू की थीं पर हुआ कुछ नहीं। जिस टाउन वेंडिंग कमिटी के माध्यम से यह कार्य होना तय हुआ उस कमिटी का ही आजतक कुछ अता-पता नहीं है।

क भी रेहड़ी वाला आजाद और सदर बाज़ार इलाके में ऐसा नहीं मिला जिसने कभी भी इस प्रकार के शब्दों को सुना भी हो। आम आदमी पार्टी द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस देने का वादा इस इलाके में तो फिलहाल एक प्रतिशत भी पूरा होता नहीं दिख रहा।

फ़िलहाल केजरीवाल ने इस खास बाज़ार और वर्ग में अपनी पैठ वादाखिलाफी के बाद भी बना रखी है। स्कूल, चिकित्सा, बिजली, पानी ने पटरी वालों के लाइसेंस देने के वादे को पीछे छोड़ दिया है।

हीं कांग्रेस का ज़िक्र होने पर उसका नाम लेने वाला कोई भी आदमी नहीं मिल रहा| भाजपा का सीएए और एनआरसी जैसा मुद्दा मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वालों में नदारद है| इस एकतरफा समर्थन को देखते हुए यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि दिल्ली में मुकाबला “आम आदमी पार्टी बनाम अन्य” है|

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