बलात्कार की सामान्य परिभाषा ये होनी चाहिए -'बिना सहमति के किया गया संभोग', अनेक यूरोपीय देशों और अमेरिकी राज्यों में भी जबरदस्ती किया गया या जबरदस्ती करने की धमकी दे कर किये गए संभोग को ही सबूत के तौर पर मांगा जाता है, यह मांग बलात्कार की शिकार हुयी ऐसी महिलाओं को सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाती है...
जनज्वार। पहले की पीढ़ियों की तुलना में आज यौन हिंसा के रोजमर्रा की चीज बनी रहने में कमी आई है लेकिन ये भी उतना ही सच है कि अमीर, शान्तिप्रद लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में यौन हिंसा आज भी व्यापक स्तर पर घटती है और हिंसा करने वाला भयमुक्त हो बच निकलता है। एक अनुमान के अनुसार अमेरिका की हर पांचवी महिला कभी न कभी यौन हिंसा की शिकार हो जाती है लेकिन एक चौथाई महिलाएं ही शिकायत दर्ज करा पाती हैं। यह जानते हुए भी कि उनके साथ हुआ बलात्कार उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर देता है।
ज्यादातर महिलाएं चुप्पी साध लेती हैं बावजूद इसके कि वे मन से चाहती हैं कि बलात्कारी को सज़ा मिले और दूसरों को सबक और वे ऐसा इसलिए करती हैं क्योंकि उनकी राहों में बहुत रोड़े अटकाए जाते हैं और व्यवस्था उनके खिलाफ खड़ी दिखाई देती है। इंग्लैण्ड और वेल्स में मार्च 2018 से मार्च 2019 के 12 महीनों में दर्ज़ कराये गए बलात्कारों में से मात्र डेढ़ फीसदी ही अपराधिक आरोप के रूप में घोषित किये गए। न्याय मिलने की इतनी कम संभावना के चलते ही अनेक महिलाएं बलात्कारी हमलों की घटनाएं पुलिस के पास दर्ज़ करने की यंत्रणा से गुजरने में हिचकती हैं।
संबंधित खबर : क्या अमेरिका से अपने सबसे ताकतवर मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेगा ईरान?
बहुत लोग सोचते हैं कि महिलाएं बलात्कार के झूठे आरोप लगाती हैं। सही-सही आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं लेकिन सबसे ज्यादा विश्वस्त अनुमान कहता है कि बलात्कार के 2 से 8 फीसदी आरोप गलत होते हैं। सर्वेक्षणों में अनेक पुलिस अधिकारी मानकर चलते हैं कि ये आंकड़े कहीं ज्यादा हैं और इसीलिये ये नजरिया शिकायतों के प्रति उनके रुझान को भी प्रभावित करता है। जब एक ब्रिटिश युवती ने साइप्रस में उसके साथ हुए सामूहिक बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई तो स्थानीय पुलिस घंटों उससे पूछताछ करती रही जिसके चलते उसे किसी वकील की अनुपस्थिति में गहरी यंत्रणां से गुजरना पड़ा।
वह युवती बताती है कि पुलिस लगातार उस पर दबाव डालती रही कि वो लगाए गए आरोपों को वापस ले ले। जबकि आज भी उसका कहना है कि आरोप सही है। 30 दिसंबर को उसे झूठ बोलने का अपराधी ठहराया गया और उसे एक साल तक की जेल की सजा हो सकती है। ऐसे में संभव है कि साइप्रस की वे महिलाएं जो बलात्कार की घटनाओं की शिकायत दर्ज करने का मन बना रहीं थीं अब शायद ऐसा करने से पीछे हट जाएं।
संबंधित खबर : भारत में भगवा और मुस्लिम दोनों आतंकवाद अमेरिका की देन
फिर भी ज्यादातर देशों को बलात्कार की घटनाओं को बेहतर तरीके से सुलझाना चाहिए और ऐसा कानून के माध्यम से किया जाना चाहिए। बलात्कार की सामान्य परिभाषा ये होनी चाहिए -'बिना सहमति के किया गया संभोग'। अनेक यूरोपीय देशों और अमेरिकी राज्यों में भी जबरदस्ती किया गया या जबरदस्ती करने की धमकी दे कर किये गए संभोग को ही सबूत के तौर पर मांगा जाता है। यह मांग बलात्कार की शिकार हुयी ऐसी महिलाओं को सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाती है जो बेहोश हो जाती हैं या फिर भय के मारे बुत बन जाती हैं और चाहते हुए भी किसी प्रकार का प्रतिरोध नहीं कर पाती हैं।
ज़्यादातर गैर-पश्चिमी देशों में पति द्वारा बलात्कार आज भी क़ानूनी है, इसे खत्म किया जाना चाहिए। सीमाओं के कानून खत्म कर दिए जाने चाहिए, जैसाकि ब्रिटेन में किया गया है। न्यायधीशों द्वारा सहायक गवाहों को अपराधी के शिकारी व्यवहार की अनुशंसा करने की इजाजत दी जानी चाहिए जैसाकि फिल्म प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टीन के केस में दी गयी है। गौरतलब है कि अमेरिकी फिल्म प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टीन पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के केस में सुनवाई 6 जनवरी को न्यूयॉर्क के कोर्ट में शुरू हो गयी है।
फोन से हासिल किये गए सबूत अपराध की पुष्टि करने वाले बनाये जा सकते हैं लेकिन अगर यह प्रक्रिया शिकायतकर्ता की पूरी जिंदगी को उजाड़ती नजर आएगी तो बहुतों को आरोपों को आगे बढ़ाने से पीछे खींच लेगी। कभी-कभी सरकारी एजेंसियों के पास ज्यादा धन होना भी बलात्कार की घटनाओं की जांच में सहायक होता है।
संबंधित खबर : अमेरिका में अब तक नोबेल विजेता रहे 280 वैज्ञानिकों में से सिर्फ 10 महिलाएं, इनमें से एक भी नहीं है अश्वेत
उदहारण के तौर पर, अभी हाल के समय तक कुछ अमेरिकी शहरों के पास हजारों 'बलात्कार सम्बन्धी सामग्री (डीएनए और बलात्कार के बाद पीड़िता के शरीर से लिए गए दूसरे सबूत) बिना जांच के पड़ी हुई थी। न्यूयॉर्क शहर ने अभी 1999 के पहले तक जमा की गयी बलात्कार सम्बन्धी सामग्री की जांच कराने के लिए 12 मिलियन डॉलर की राशि खर्च की जिसका परिणाम ये हुआ कि 2000 घटनाओं में सबूत मेल खा गए और 200 अपराधियों की गिरफ्तारी हो गयी। इस सफलता को देखकर अमेरिका के दूसरे शहरों ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया है।
अंत में हमें अपना नजरिया भी बदलना होगा। कनाडा, नीदरलैंड और स्वीडन के स्कूलों में दी जाने वाली सेक्स सम्बन्धी शिक्षा के दौरान बच्चों को स्वीकृति के बारे में भी पढ़ाया जाता है। इससे ये बात सामने आई है कि ऐसा करने से बलात्कार की घटनाओं में कमी आयी है। इसको अपनाया जाना चाहिए। विद्यालयों और कार्यस्थलों में यौन दुराचार के शिकार लोगों को शिकायत दर्ज कराने के कई तरीके उपलब्ध होने चाहिए। बलात्कार और यौन उत्पीड़न से पूरी तरह से निजात तो नहीं पाया जा सकता है लेकिन इस पर ज्यादा प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सकती है जो कि अभी नहीं हो रहा है।
( दि इकोनॉमिस्ट में अंग्रेजी में प्रकाशित इस खबर का अनुवाद पीयूष पंत ने किया है।)