एक्सक्लूसिव : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के अनशन की गहरी पड़ताल कर सच्चाई की परतें खोलती रिपोर्ट

Update: 2018-04-18 15:40 GMT

मुद्दा तो ठीक है लेकिन ऐसा अनशन क्या जिसने नौकरी जाने की धमकी देकर करवायी जा रही है भीड़ एकत्रित

इस अनशन के पीछे का असली एजेंडा कुछ और है, पढ़िए स्वतंत्र कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

आजकल अनशन का सीजन चल रहा है। पिछले दिनों देश में बढ़ती सांप्रदायिकता और खराब होते माहौल के खिलाफ कांग्रेस के राहुल गांधी ने कांग्रेस के लोगों के साथ गाँधी समाधि के निकट सांकेतिक उपवास किया, तो लगे हाथ प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर संसंद न चलने देने का आरोप लगाकर एक दिन का अनशन कर लिया।

इसी बीच उन्नाव में हुए रेप और जम्मू कश्मीर के कठुआ में बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या के विरोध में देश में लोगों को काफी गुस्सा देखने को मिला। लोगों के इसी गुस्से की लपटों की अपने पक्ष में मोड़ने के लिए एक सही मुद्दे की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद भी छोटी बच्चियों के साथ रेप करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर राजघाट के निकट अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गई।

इसके अलावा भी 66,000 पुलिस वालों की भर्ती करने, फोरेसिंक लेब बनाने जैसे कई और भी मागें हैं जिन्हें लेकर स्वाति अनशन पर हैं।

लेकिन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के अनशन शुरु करने से पहले ही केंद्र सरकार की एक वरिष्ठ मंत्री ने यह घोषणा कर दी कि उनकी सरकार छोटी बच्चियों के साथ रेप करने वालों को कठोर सजा देने के लिए कानून में बदलाव पर काम कर रही है और ऐसे दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा।

हालांकि सरकार की ओर से घोषणा होने के बाद अनशन करने का औचित्य सम­झ से बाहर है, लेकिन फिर भी मान लेते हैं कि एक सही मुद्दे को लेकर स्वाति अनशन पर हैं। लेकिन इस अनशन की कुछ ऐसी परतें हैं जो किसी ने नहीं खोली हैं जो हम आपके सामने खोलने जा रहे हैं।

स्वाति राजघाट के पास जिस स्थान पर अनशन कर रही हैं वहां सुबह से शाम तक औरतों की भीड़ दिखाई देती है। टीवी और अखबार उसे भीड़ मानकर अपनी अपनी खबरें कर रहे हैं। लेकिन यह भीड़ किसी आंदोलन में भाग लेने वाली सामान्य भीड़ नहीं है।

हमने जब अनशन स्थल पर जाकर पता किया तो पता चला कि इस भीड़ में अधिकांश वे महिलाएं हैं, जिनका एनजीओ दिल्ली महिला आयोग के साथ जुड़ा हुआ है। पूछताछ करने पर यह पता चला कि दिल्ली में 70 विधानसभा हैं। दिल्ली की विधानसभा को आधार बनाकर दिल्ली महिला आयोग ने हर विधानसभा में महिला पंचायत के नाम से एक प्रोग्राम शुरू किया हुआ है।

इस प्रोग्राम के तहत हर विधानसभा में एक या दो एनजीओ को महिला पंचायत का अपना प्रोजेक्ट दिया हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत काम करने वाली एनजीओ को अपनी विधानसभा में महिलाओं में महिला अधिकारों की जागरुकता लाने का काम किया जाता है।

महिला पंचायत का प्रोजेक्ट लेने वाली सभी एनजीओ को मौखिक तौर पर सख्त और कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी एनजीओ में काम करने वाली महिलाओं और आसपास की महिलाओं को इस अनशन में भेजें, ताकि सरकार और मीडिया में यह संदेश जाए कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के अनशन को बहुत समर्थन मिल रहा है और पूरी दिल्ली उनका साथ दे रही हैं।

इस महिला पंचायत प्रोजेक्ट में काम करने वाली एक महिला जो कि अनशन स्थल पर थी, उसने बताया कि उन्हें सख्ती के साथ कहा गया है कि यदि उन्हें आयोग के साथ काम करना है तो सुबह 8 बजे से रात के 10 बजे तक अनशन स्थल पर बैठना पड़ेगा। यदि कोई ऐसा नहीं करेगा तो वह अपनी नौकरी छोड़ सकता है। यह बात वहां दबे स्वर में एक नहीं, बल्कि एक दर्जन महिलाओं ने बताई।

कुछ महिलाओं ने कहा कि उन्हें सुबह आठ बजे से यहां आना पड़ रहा है, जिस वजह से वे अपने बच्चों की देखभाल भी नहीं कर पा रही हैं और उनका परिवार अस्त—व्यस्त हो गया है। एक महिला ने कहा कि उसे अपने बच्चे को स्कूल में एडमिशन करवाना था, लेकिन यहां रोज आने की वजह से वह अपने बच्चे का दखिला तक नहीं करवा पा रही है।

तो इस एजेंडे के लिए हो रहा है अनशन

दिल्ली महिला आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दरअसल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने जा रहा है और उनके ऊपर गलत भर्ती करने का भ्रष्ट्राचार का केस भी चल रहा है, ऐसे में उन्हें डर सता रहा है कि कहीं दिल्ली के एलजी उनकी एक्शटेंशन की फाइल न रोक दें।

आम आदमी पार्टी सूत्र कहते हैं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष अपना कार्यकाल 3 साल के लिए और बढ़वाना चाहती हैं, इसलिए उनको लेकर दिल्ली की पब्लिक, मीडिया के बीच यह संदेश जाए कि वे महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा सकती हैं, इसलिए यह अनशन शुरु किया गया है।

इस अनशन के बहाने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष अपने पक्ष मे दिल्ली के लोगों के बीच समर्थन जुटाना चाहती हैं, ताकि भविष्य में एलजी उनके उपर चल रहे भ्र्ष्टाचार के केस की वजह उनका कार्यकाल बढ़ाने वाली फाइल को रोक दे तो पब्लिक एलजी और केंद्र सरकार के खिलाफ हो जाए और साहनुभूति दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद के पक्ष में जाए।

गांधी जी की समाधि के सामने अनशन तो शुरु कर दिया गया है, लेकिन इस अनशन में कितनी पवित्रता है यह आप इस रिपोर्ट तो पढ़ कर खुद समझ गए होंगे।

Tags:    

Similar News