एक्सक्लूसिव : केजरीवाल के माफी मांगने के बाद अब टूट जाएगी आम आदमी पार्टी

Update: 2018-03-16 08:12 GMT

पंजाब से आप के सांसद भगवंत मान ने संयोजक पद से दिया इस्तीफा, भगवत मान केजरीवाल की माफी से बहुत नाराज

आम आदमी पार्टी पंजाब के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैरा पंजाब के विधायकों को अपने साथ लेकर कर सकते हैं नये दल की घोषणा 

मजीठिया से माफी मांगने के बाद अरविंद केजरीवाल मांगेंगे वित्त मंत्री अरुण जेटली और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से माफी

पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ बोलकर ही पहुंचे थे जनता के बीच जीत कर, मजीठिया से ही माफी मांग पंजाब आप के अस्तित्व को केजरीवाल ने डाल दिया है खतरे में

अरविंद केजरीवाल के माफीनामा के तुरंत बाद सुखपाल खैरा और विधायक कंवर संधु ने अपनाए बगावती सुर, सुखपाल खैरा विधायकों को लेकर नहीं बनाएंगे अपनी अलग पार्टी तो उनकी और उनके विधायकों की राजनीति हो जाएगी खत्म

पंजाब से स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट

चंडीगढ़। आज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पार्टी से रूठकर चल रहे नेताओं को उस समय जोर का झटका लगा, जब यह खबर टीवी स्क्रीन पर आयी कि दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अकाली दल के नेता और केंद्र में मंत्री हरसिमत कौर बादल के भाई बिक्रम मजीठिया को लिखित में माफीनामा दे दिया।

इस माफीनामे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम मजीठिया से माफी मांगते हुए उन पर ड्रग्स तस्करी के लगाये सारे आरोपों को वापस ले लिया। इसकी वजह यह बताई गई कि बिक्रम मजीठिया ने अरविंद केजरीवाल व पार्टी के कई नेताओं पर उन पर लगाये आरोपों के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया हुआ है, जिससे बचने के लिए दिल्ली के सीएम ने बीच का रास्ता अपनाते हुए माफी मांग ली।

इस माफीनामे से पार्टी में संदेश गया है कि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ अपना भला देखा और पार्टी की विशेषरूप से आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट की पूरी तरह से अनदेखी कर दी। क्योंकि पिछले साल पंजाब में हुए विधानसभा  के चुनावों में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने उस समय सत्ता में मौजूद बादल सरकार और विशेष रूप से बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स तस्करी के आरोप को आधार बनाकर चुनाव लड़ा था।

केजरीवाल के माफीनामे पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं क्योंकि मजीठिया से माफी उन्होंने तब मांगी है, जबकि पंजाब एसटीएफ ने मजीठिया को ड्रग तस्करी में आरोपी बनाया है। इसीलिए आप पंजाब में उनके खिलाफ बगावती सुर उठ रहे हैं।

10 साल की बादल सरकार से त्रस्त पंजाब के लोगों ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर भरोसा करते हुए उन्हें जमकर वोट दिए थे। आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर पंजाब की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन अब अरविंद केजरीवाल के द्वारा उसी मजीठिया से माफी मांग ली गई है, जिसके खिलाफ माहौल बनाकर उनके पार्टी के केंडीडेंट जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 

ऐसे में पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायकों और नेताओं के लिए पार्टी के सर्वोच्च नेता के माफीनामे के साथ खड़ा होना खुद पैर पर कुल्हाड़ी मारना होगा। इसी का नतीजा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता एवं नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैरा ने ट्वीट कर अरविंद केजरीवाल के माफीनामे से खुद को बिलकुल अलग कर लिया। इसके कुछ देर बाद ही एक दूसरे एमएलए कंवर संधु ने भी अरविंद के माफीनामे से खुद को अलग कर लिया। 

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सूत्रों ने बताया है कि यदि एक दो दिन के अंदर आम आदमी पार्टी के पंजाब के विधायकों ने एकजुट होकर अपनी नई पार्टी की घोषणा नहीं की तो उनके लिए पंजाब में राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा। एक प्रकार से उनकी राजनीतिक मौत हो जाएगी।

पार्टी में मौजदू उच्चस्थ पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एक या दो दिन में पंजाब की आम आदमी पार्टी टूट जाएगी और ज्यादातर विधायक एकजुट होकर एक नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं। इस नई पार्टी की कमान कांग्रेस से आये फिलहाल आम आदमी पार्टी के विधायकों के नेता एवं नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैरा संभालेंगे।

पार्टी में अलग—थलग पड़े हुए कुमार विश्वास ने भी पूरे प्रकरण पर चुटकी ली है और ट्वीट कर लिखा है, 

यह घड़ी आम आदमी पार्टी में सबसे ज्यादा मुश्किल मनीष सिसोदिया के लिए है, जिन्हें अभी हाल में ही पंजाब के प्रभारी की कुर्सी सौंपी गई है। वे चाहकर भी अरविंद केजरीवाल के फैंसले के खिलाफ नहीं जा पाएंगे और न आप पंजाब को बचाने के लिए भी कुछ नहीं कर पाएंगे। यदि वे अरविंद के खिलाफ बोले तो उनकी डिप्टी सीएम की कुर्सी गई। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कब आम आदमी पार्टी टूटती है।

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